पूर्वांचल विश्वविद्यालय के गर्ल्स हॉस्टलों में सुबह 6 बजे बाहर व शाम 6 बजे तक अंदर आने- जाने के लिए समय निर्धारित है। इस समय भी वार्डेन और महिला सुरक्षा गार्डों की तरफ से छात्राओं को ग्रुप में बाहर निकलने की सलाह दी जाती है। शाम को हॉस्टल पहुंचने में 10- 20 मिनट की देरी हुई तो उन्हें मामूली पूछताक्ष के बाद प्रवेश दे दिया जाता है। घंटे- डेढ़ घंटे विलंबित होने पर छात्राओं से प्रार्थना पत्र लेने के साथ हॉस्टल में जमा रिकार्ड पर अभिभावकों को फोन कर अवगत कराया जाता है। इसके बाद छात्राओं को चेतावनी के साथ अंदर जाने की सलाह दी जाती है।
सोमवार की रात करीब नौ बजे अपनी हरकतों के लिए कई वर्षों से चर्चित एक कर्मचारी छात्रा को पहुंचाने मीराबाई हॉस्टल गया। गेट पर तैनात महिला सुरक्षा गार्ड छात्रा से देरी की वजह जानने लगी। तभी वो कर्मचारी सुरक्षा गार्डों से उलझ गया। जिसे लेकर काफी देर तक नोकझोंक हुई। भनक लगते ही प्रॉक्टर ने मामले की जानकारी विश्वविद्यालय चौकी इंचार्ज अनिल मिश्रा को दी। उन्होंने पहुंचकर मामले को शांत कराया और छात्रा की हॉस्टल में इंट्री कराई।
पुलिस का कहना था कि छात्रा कर्मचारी की बेटी की सहेली थी। बुधवार की सुबह कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल ने सुरक्षा चीफ छेदीलाल यादव को तलब कर जानकारी हासिल की। पुलिस तफ्तीश में छात्रा द्वारा बताया गया एड्रेस और नंबर हॉस्टल में जमा रिकार्ड से मैच नहीं कर रहा था। जिससे मामले की संदिग्धता और बढ़ गई। इस दौरान विश्वविद्यालय के कई जिम्मेदार लोग रजिस्ट्रार के पास पहुंचे और प्रकरण की गंभीरता बताई। कहा विश्वविद्यालय को बदनामी से बचाने के लिए नंबर बढ़ाने के नाम पर छात्राओं का शोषण करने वाले कथित कर्मियों पर कार्रवाई जरुरी है। कुलसचिव ने लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि मामला गंभीर है, जांच कर कठोर कार्रवाई की जायेगी।
BY- JAVED AHMED