script

Person Of The Week जानिये कौन हैं डॉ. अरविंद मिश्र, जिनकी विज्ञान कथाओं की चर्चा चीन तक है

locationजौनपुरPublished: Dec 04, 2019 04:19:46 pm

विज्ञान संचारक और कथाकार अरविंद मिश्र अभी-अभी चीन से लौटे हैं।

Dr Arvind Mishra

डॉ. अरविंद मिश्रा

जौनपुर. विज्ञान संचार और विज्ञान कथा में लोहा मनवाने वाले डॉ अरविंद मिश्र किसी परिचय के मोहताज नहीं। छोटे से गांव बख्शा ब्लॉक के चुरावनपुर निवासी डॉ राजेन्द्र प्रसाद के बेटे अरविंद मिश्र देश ही नहीं दुनिया में विज्ञान कथाकार के तौर पर प्रख्यात हैं। हाल में ही उनके समेत तीन विज्ञान संचारकों ने चीन सरकार की ओर से आयोजित सेमिनार में भारत का मस्तक ऊंचा कर दिया। आइये जानते हैं कि कौन हैं अरविंद मिश्र।
बक्शा ब्लॉक के चुरावनपुर निवासी अरविंद मिश्र का जन्म 19 दिसम्बर 1957 को हुआ था। उन्होंने इलाहाबाद युनिवर्सिटी से प्राणी शास्त्र विषय मे पीएचडी की। साल 1983 में उनका चयन मत्स्य विभाग में हो गया। लेखन में रुचि रखने वाले डॉ अरविंद मिश्र का झुकाव हमेशा से विज्ञान सहित्य की तरफ रहा। यही वो दौर था जब उन्होंने विज्ञान कथाएं लिखनी शुरू कर दीं। एक और क्रौच वध’ और ‘कुंभ के मेले में मंगलवासी’, ‘राहुल की मंगल यात्रा’ विज्ञान कथा लिख डाली। साथ ही कई लोकप्रिय विज्ञान विषयक और बच्चों के लिए विज्ञान गल्प पर लिखीं पुस्तकें प्रकाशित हुईं। इनकी कहानियां विश्व की कई भाषाओं में अनूदित और अनुशंसित हैं।
लोकप्रिय विज्ञान विषयक कई ब्लॉगों का वो नियमित लेखन कर रहे हैं। प्रमुखतः साईब्लॉग और साइंस फिक्शन इन इंडिया और क्वचिदन्यतोपि लोकप्रिय हैं। इतना ही नहीं साइंस ब्लॉगर्स एसोसिएशन के मानद अध्यक्ष, विज्ञान कथा लेखक समिति के सचिव भी बनाए गए। उनके बेहतर काम के लिए ईस्वा सम्मान, विज्ञान परिषद से शताब्दी सम्मान, विज्ञान वाचस्पति, उत्तर प्रदेश सरकार के जगपति चतुर्वेदी बाल विज्ञान लेखन पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया। उनकी शख्सियत देख बीते नवंबर माह में चीन सरकार की ओर से अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान कथा सम्मेलन में उन्हें आमंत्रित किया गया। यहां उनकी प्रस्तुति देख चीनी कथाकार भी दंग रह गए।
By Javed Ahmad

ट्रेंडिंग वीडियो