मुख्यमंत्री उमानाथ सिंह की पुण्यतिथि पर टीडी कॉलेज आये थे। यहां उन्होंने मंच से राजकीय मेडिकल कॉलेज के नामकरण का एलान किया। उमानाथ सिंह को भाजपा का सच्चा सिपाही बताते हुए तारीफ की। उनकी घोषणा के बाद ही सपाई उबल पड़े। कार्यक्रम के ठीक बाद कार्यकर्ता रजनीश मिश्र ने उन्हें काला झंडा दिखाने का प्रयास किया। इसपर पुलिस ने दबोच कर जेल में डाल दिया। सपाइयों का कहना है कि उमानाथ सिंह के नाम से पहले ही जिला अस्पताल है। एक ही राजनेता के नाम कई भवन होने से दूसरे सपूतों संग अन्याय होगा। मल्हनी विधायक पारसनाथ यादव व शाहगंज के सपा विधायक शैलेंद्र यादव ‘ललई’ ने भी एतराज जताया है। पारसनाथ यादव ने कहा कि यह अखिलेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट था। इसका नामकरण किसी पार्टी के नेता के नाम पर न करके किसी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी या महापुरुष के नाम पर किया जाना चाहिए।
शाहगंज के सपा विधायक शैलेंद्र यादव ‘ललई’ ने कहा कि नाम तो लिखते और मिटते रहते हैं। सपा की सरकार आई तो अखिलेश यादव के इस ड्रीम प्रोजेक्ट का नामकरण किसी समाजवादी चिंतक या अंबेडकरवादी महापुरुष के नाम पर किया जाएगा। सपा नेताओं ने मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान लोकतांत्रिक ढंग से विरोध दर्ज कराया तो पुलिस द्वारा बेरहमी से पिटाई की गई। कांग्रेस नेता फैसल हसन तबरेज़ ने कहा कि मेडिकल कॉलेज का नामकरण डीएनए वैज्ञानिक डॉ लालजी सिंह के नाम पर किया जाना चाहिए। उनकी वैश्विक छवि को नजरअंदाज करना उनके साथ अन्याय है। भाजपा को अपनी भूल सुधार लेनी चाहिए।
By- Javed Ahmed