कोठवार गांव निवासी रामबली यादव का तीन दिन पूर्व घर में किसी बात को लेकर उसकी भाभी से विवाद हो गया। उसकी भाभी ने 100 नंबर पुलिस को फोन कर दिया। इसके बाद 100 नंबर की पुलिस सायरन बजाती पहुंच गई। रामबली मिल गए तो उन्हें कोठवार बाजार में ले जाकर पीटा। नशे में चूर रामबली ने भी आव देखा न ताव पुलिस से उलझ गए। उन्होंने पुलिस को भला-बुरा कह दिया। ये बात खाकी वालों को नागवार गुज़री। पुलिस ने बाजार से जंजीर मंगावा कर उसके दोनों पैर में जकड़ दी। उस पर क़ानून का ताला भी लगा दिया। इसके बाद सरे बाजार एलान किया कि जो कोई भी बेड़ी खोलेगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इसके बाद चाभी अपने साथ लेते गए। तीन दिन से वह जंजीर में जकड़ा बाजार में घूम-घूम कर लोगों से आजाद करने की गुहार लगा रहा है। पुलिसिया खौफ के चलते उसे आजाद करने की किसी की हिम्मत नहीं हो रही है। रामबली के परिजन भी छुड़ाने के लिए गुहार लगा रहे हैं । लोगों का कहना है कि पुलिस ने मानवता की सारी हदें पार कर दी हैं । जिसे लेकर बाजार में तरह-तरह की चर्चा बनी हुई है। दैनिक क्रिया भी बंदी के लिए मुसीबत बन गई है। लोग रामबली की इस पीड़ा का देखकर हैरान तो हैं पर पुलिसिया खौफ के सामने कोई भी बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। एक तरफ जहां यूपी के सीएम पुलिस को मित्र बनकर काम करने की सलाह दे रहे हैं तो दूसरी तरफ पुलिस का ये तालिबानी रवैया आखिर क्या संदेश दे रहा है।