उन्होंने कार्यदाई संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम, निर्माण कंपनी टाटा व बालाजी के ग्रामीण कंस्ट्रक्शन मैनेजर व प्रोजेक्ट मैनेजर से बात की। पूछताछ के दौरान जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि निर्माण निगम के पास 19 करोड़ रुपये होने के बावजूद कार्य नहीं कराया जा रहा है। डीएम की बात सुनते ही मंत्री का पारा चढ़ गया।
उन्होंने निर्माण कंपनियों को फटकार लगाते हुए कहा कि वर्ष 2020 में हर हाल में ओपीडी शुरू हो जाए। कार्य में प्रगति नहीं दिखी तो ब्लैकलिस्ट कर दिया जायेगा। पांच वर्ष में आधा कार्य भी न होना लापरवाही को दिखाता है। नगर विकास मंत्री गिरीश चंद्र यादव व स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर के साथ मेडिकल कालेज पहुंचे थे सुरेश खन्ना।