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आचार्यश्री नित्यसेनसूरीश्वर महाराज ने श्रीसंघ को जाजम का मुहूर्त दिया

locationझाबुआPublished: Dec 12, 2018 01:09:44 am

आचार्यश्री ने कहा कि झकनावदा विराजित आदिनाथ भगवान की एेतिहासिक होगी प्रतिष्ठा

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आचार्यश्री नित्यसेनसूरीश्वर महाराज ने श्रीसंघ को जाजम का मुहूर्त दिया

झकनावदा. यहां विराजित मुलनायक दादा आदेश्वर भगवान का बहुत ही प्राचिन इतिहास है। हम आपको बता दें की झकनावदा गम्भारे में विराजित मुलनायक भगवान की प्रतिमा मोहनखेड़ा तीर्थ किसी खुदाई के दौरान निकली थी। इसके बाद उक्त प्रतिमा की प्रतिष्ठा के लिए कई श्रीसंघों को मोहनखेड़ा तीर्थ में विराजित दादा गुरुदेव ने आमंत्रित किया।
वहां आचार्यश्री ने कहाकि सभी श्रीसंघ अपने अपने प्रयास करें। जो श्री संघ उक्त मूर्ति को आसानी से उठा लेगा। वह जयकारा लगाकर प्रतिमा को अपने गांव, शहर ले जाकर प्रतिष्ठा कराएगा। इसी क्रम में राणापुर, पारा, झाबुआ, बोरी, मेंघनगर, राजगढ़, कुक्षी, मनावर, पेटलावद, मनावर, झकनावदा के श्रीसंघो ने भगवान की प्रतिमा उठाने की कोशिश की, लेकिन वहां झकनावदा श्रीसघ से पहुंचे सिर्वी समाज के परिवार के एक सदस्य ने उक्त प्रतिमा को अपने कंधे पर उठा ली व पूरा प्रांगण दादा आदिनाथ भगवान के जयकारे लगाने लगा। झकनावदा क्षत्रिय सिर्वी समाज का एक व्यक्ति उक्त प्रतिमा को पैदल करीब 20 किलोमीटर का सफर तय कर झकनावदा लाकर विराजमान किया। उक्त प्रतिमा राजेंद्रसूरी गुरूदेव ने झकनावदा जिनालय में आज से करीब 100 वर्ष पूर्व प्राचिन मंदिर में विराजित कर प्रतिष्ठा महोत्सव कर स्थापित की थी। इसके बाद जिनालय का निर्माण किया गया। नए जीर्णोद्वार प्राचिन मंदिर क्षतिग्रस्त होने पर आचार्य भगवंत जयंतसेन ने विहार के दौरान देखा की जिनालय में विराजित प्रभुजी की प्रतिमा से मन मोहीत होकर जिनालय के नए जीर्णोद्वार करने को बताया। तब श्रीसंघ ने पुण्य सम्राट ने भावभरी विन्नती कर आग्रह किया की आप अपने शुभहस्ते से इस जिनालय का जीर्णोद्वार कराएं। तब पुण्य सम्राट ने श्रीसंघ की विन्नती स्वीकार कर उक्त जिनालय का जीर्णोद्वार कराया। तत्पश्चात् जिनालय के जीर्णोद्वार के बाद झकनावदा आदिनाथ जैन मंदिर में दादा आदिनाथ की प्रतिमा को जयंत सेनसूरीश्वर महाराज ने अपने मुनिराज डॉ. सिद्धरत्न विजयी महाराज के सुभहस्ते चल प्रतिष्ठा महोत्सव के माध्यम से नए जिनालय के गम्भारे में आज से करीब 10 से 12 वर्ष पूर्व प्रतिष्ठित कराई थी। इसकी मुख्य प्रतिष्ठा बाकी थी।
लंबे इंतजार के बाद मिला प्रतिष्ठा का मुहूर्त
झकनावदा श्रीसंघ के निरन्तर प्रयास से पुण्य सम्राट के सपने को साकार कर रहे आचार्य भगवंत नित्यसेन सुरीश्वर महाराज ने अवंतिका पाश्र्वप्रभु की प्राचीन नगरी उज्जैन में चार्तुमास के दौरान श्रीसंघ को झकनावदा पंचहानिका प्रतिष्ठा महोत्सव का 25 अप्रैल 2019 की तारीख प्रदान कर प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयार की अनुमति दी। इससे झकनावदा व आसपास के क्षेत्र में खुशी की लहर छा गई।
तालनपुर तीर्थ प्रतिष्ठा महोत्सव में दिया जाजम बिछाने का शुभ मुहूर्त
तालनपुर महातीर्थ में चल रहे प्रतिष्ठा महोत्सव में झकनावदा श्रीसंघ के व्यवस्थापक कनकमल मांडोत, शैतानमल कुमट, शंभूलाल सेठिया, श्रणिक कुमार राठौड़ , अखिल भारतीय राजेंद्र जैन नवयुवक परिषद् अध्यक्ष शाखा झकनावदा ने पहंच कर तालनपुर के नाथ भगवान के दर्शन-वंदन किए। इसके साथ ही तालनपुर में विराजित आचार्यद्वय भगवंत नित्यसेन सूरीश्वर महाराज व आचार्य भगवंत जयरत्नसूरीश्वर के दर्शन-वंदन किए। इसके साथ ही आचार्यद्वय से झकनावदा पधारने की विन्नती की, लेकिन आचार्यद्वय ने बताया कि राजस्थान में करीब 8 से 9 प्रतिष्ठा बकाया है। इनका मुहूर्त प्रदान कर दिया है। वह प्रतिष्ठा पूर्ण कर मालवा में दोबारा आने का भाव रखा। साथ ही आचार्यश्री जयरत्नसूरीश्वर महाराज ने अपने आशीष वचन में कहाकि अभी समय की अनुकूलता नहीं है। इसके चलते हमें विहार कर राजस्थान में कई अधूरे कार्य पूर्ण करना है। इसके बाद में स्वयं पूरे मालवा में घुमकर मालवावासियों से मिलेंगे। इसके साथ ही झकनावदा श्रीसंघ ने आग्रह किया की आप हमें प्रतिष्ठा महोत्सव के पूर्व जाजम बिछाने का शुभ मुहूर्त प्रदान करें। साथ ही उक्त जाजम में हमारे झकनावदा श्रीसंघ को साधु भगवंत की निश्रा प्रदान करें। व्याख्यान वाचक मुनिराज विद्धवतरत्न विजय महाराज ने आचार्यश्री से चर्चा कर हाल ही में मेघनगर में चातुर्मास पूर्ण कर उग्रविहार कर तालनपुर तीर्थ पहुंची साध्वीश्री डॉ. अनेकान्ताश्री आदि ठाणा 6 को मोहनखेड़ा तीर्थ म्यूजियम पर गुरूसप्तमी महापर्व मनाने के बाद झकनावदा जाजम करवाने की अनुमति प्रदान कर आचार्यश्री से साध्वीश्री की अनुमति मिलते ही श्रीसंघ ने आचार्यश्री के जयकारे लगाए। साथ ही जाजम आगामी 30 जनवरी प्रदान किया।
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