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कन्या शिक्षा परिसर के स्टॉक पंजी में भी नहीं आई पुस्तकें ,सहायक आयुक्त जन कल्याण विभाग ने भुगतान कर दिया

locationझाबुआPublished: Mar 12, 2022 03:18:55 pm

Submitted by:

Lokmani shukla

जिले के कन्या शिक्षा परिसर में पुस्तकों व सामग्री खरीद के मामले में खरीदी से लेकर भंडारण तक खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई गई है। स्थिति यह है शासकीय कन्या छात्रावास परिसर के किसी विद्यालय मेें सामग्री स्टॉक पंजीयन में नहीं है।

Assistant Commissioner Public Welfare Department made the payment news

Assistant Commissioner Public Welfare Department made the payment


झाबुआ । जिले के कन्या शिक्षा परिसर में पुस्तकों व सामग्री खरीद के मामले में खरीदी से लेकर भंडारण तक खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई गई है। स्थिति यह है शासकीय कन्या छात्रावास परिसर के किसी विद्यालय मेें सामग्री स्टॉक पंजीयन में नहीं है। बावजूद लैब सामग्री और पुस्तकों को आपूर्ति करने वाली फर्म का भुगतान कर दिया है। इतना ही प्राचार्य की अनुमति बिना छात्रावास के अधीक्षक से फर्म को सामग्री वितरण का आदेश जारी किया है। दिलचस्प बात है कि क्रय आदेश में प्राचार्य के हस्ताक्षतर तक नहीं है। इसके बावजूद पूरी सामग्री का क्रय व भुगतान किया गया है।
बताया बताया जा रहा है कि आदिवासी बाहुल्य जिले की में संचालित कन्या शिक्षा परिसर पेटलावट, मेघनगर, थांदला, राणापुर, झाबुआ और अगराज के में संचालित छात्रावासों के पांच- पांच लाख रुपए में लैब सामग्री व पुस्तकें पुस्तकालय के लिए खरीदी जानी थी। बावजूद दो साल बीतने के बाद पुस्तकें व लैब सामग्री नहीं पहुंची है। जबकि लैब सामग्री के लिए जूरी इंटर प्राइजेज भोपाल और पुस्तकों के लिए श्रीकृष्णा प्रकाशन उज्जैन को मिल गया। जबकि स्कूलों में सामग्री आने के बाद स्टॉक पंजीयन में सामग्री दर्ज ही नहीं हुई। इसके बावजूद सहायक आयुक्त जन कल्याण विभाग ने भुगतान कर दिया है।

स्कूल सामग्री में छात्रावास अधीक्षक ने खरीदी-
बताया जा रहा है कि पूरे फर्जी वाड़े में कन्या शिक्षा परिसर में लैब सामग्री व पुस्तकालय के लिए किताबों को वर्क आर्डर छात्रावास अधीक्षक ने दिए है जबकि इसमें स्कूल की सामग्री खरीदने को लेकर छात्रावास अधीक्षक को यह अधिकार ही नहीं है।

क्रय समिति को रखा दूर-
इस पूरी खरीदी के मामले में क्रय समिति को दूर रखा गया है। जबकि सामग्री के खरीदी और इस क्वालिटी और भौतिक सत्यापन का जिम्मेदारी क्रय समिति की है। विद्यायल द्वारा गठित क्रय समिति के सत्यापन के बाद स्टॉक पंजी में सामग्री दर्ज होने के बाद भुगतान का नियम है लेकिन इसका पालन नहीं किया गया है।
वर्जन
मैने अभी पदभार ग्रहण किया है। इस लिए यह मामला मेेरे संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा हुआ है तो अभिलेखों देखकर उचित कार्रवाई करेंगें।
बृजेश पांडेय, उपायुक्त जन जाति कल्याण विभाग
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