झाबुआ

अंग्रेजी हुकूमत के समय रॉबिन हुड नाम से विख्यात थे टंटिया मामा

अंग्रेजी हुकूमत के समय रॉबिन हुड नाम से विख्यात टांटिया मामा जमीदारों, साहूकारों एवं अंग्रेजो से 6 लाख 70 हजार हेक्टर जमीन किसानों को लौटाने के जुर्म

झाबुआDec 05, 2017 / 05:45 pm

अर्जुन रिछारिया

झाबुआ. अंग्रेजी हुकूमत के समय रॉबिन हुड नाम से विख्यात टांटिया मामा जमीदारों, साहूकारों एवं अंग्रेजो से 6 लाख 70 हजार हेक्टर जमीन किसानों को लौटाने के जुर्म में 4 दिसंबर 1889 में फांसी पर चढ़े थे।
उनके शहादत दिवस को टंटिया भील शहादत महोत्सव के रूप में जय आदिवासी युवा शक्ति , अजाक्स संघ, आदिवासी छात्र संगठन, आदिवासी कर्मचारी अधिकारी संगठन, आदिवासी एकता परिषद्, आदिवासी जन जागृति मंच एवं सभी समाजजन द्वारा उत्कृष्ट खेल मैदान में संबोधन सत्र आयोजित किया गया। इसमें राजस्थान, गुजरात एवं मध्यप्रदेश के इतिहासकार एवं विषय विशेषज्ञ मणिलाल गरासिया, सकजी गुरुजी, कांतिभाई आदिवासी आदि ने आदिवासी समाज एवं संस्कृति, भारत का संविधान, ब्रिटिश हुकूमत के दौरान प्राप्त हक, अधिकार आदि विषयों पर आदिवासी युवाओं का मार्गदर्शन किया।
संचालन अनिल कटारा ने किया। वहीं जननायक टंट्या भील का शौर्य दिवस सोमवार को शहर में मनाया।
इस अवसर पर बस स्टैंड पर यात्री प्रतीक्षालय में स्थापित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ श्रद्धांजलि सभा हुई। श्रद्धांजलि कार्यक्रम टंट्या भील शहीद दिवस आयोजन समिति एवं जय भीम जागृति समिति झाबुआ ने किया। दोनों समिति के रामप्रसाद वर्मा एवं बेनेडिक्ट डामोर ने बताया, सुबह 10 बजे समितियों के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता एकत्रित हुए। इसके टंट्या भील की प्रतिमा का जल से अभिषेक कर बारी-बारी से प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
इस दौरान वक्ताओं ने अपने उद्बोधन में टंट्या भील के जीवन पर प्रकाश डाला। भाजपा और कांग्रेस पदाधिकारी भी यहां पर पहुंचे। विधायक शांतिलाल बिलवाल, जिला अध्यक्ष दौलत भावसार उपस्थित थे। वहीं कांग्रेस की ओर से डॉ. विक्रांत भूरिया, नप अध्यक्ष मन्नू डोडियार, आशीष भूरिया, विजय भाबर आदि मौजूद थे।
टंट्या मामा की वीर गाथा का किया स्मरण
झाबुआ. वीर नायक टंट्या मामा के १२८वें बलिदान दिवस पर सामाजिक समरसता का परिचय देते हुए सभी समाजजन सिंधी समाज, ब्राह्मण समाज, सोनी समाज, राजपूत समाज, मराठा समाज, भावसार समाज, गवली समाज, सकल व्यापारी संघ, हनुमान टेकरी सेवा समिति, आसरा परमार्थिक ट्रस्ट व मेगजी अमलियार, रमेश कटारिया, धर्मेंद्र मौर्य व युवा विद्याथी सहित बस स्टैंड पर उपस्थित जनों द्वारा टंट्या मामा की प्रतिमा पर पुष्पमाल अर्पित कर उनके बलिदान की वीर गाथा का स्मरण समरसता मंच के शांतिलाल सूर्यवंशी एवं अशोक भावसार द्वारा किया गया।
मामा का शहादत महोत्सव मनाया
झाबुआ. शासकीय उच्चकोत्तर महाविद्यालय में आदिवासी छात्र संगठन ने टंटिया भील मामा शहादत महोत्सव मनाया। पांचवीं अनुसूची के बारे में जागृति लाने के उद्देश्य से अध्यक्ष अमरसिंग भाबर ने संबोधित किया। नरेश किराड़, राजू सिंगाड, विनोद मेड़ा, सुनील चौहान, पंकज अनुराग, प्रताप अदि शामिल थे।

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