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हीट स्ट्रोक से चमगादड़ की मौत, प्रशासन अलर्ट, जांच के लिए सैंपल भोपाल भेजे

locationझाबुआPublished: May 14, 2022 10:55:42 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

बहादुर सागर तालाब के आसपास के क्षेत्र में चमगादड़ ने बना रखा है अपना बसेरा

हीट स्ट्रोक से चमगादड़ की मौत, प्रशासन अलर्ट, जांच के लिए सैंपल भोपाल भेजे

हीट स्ट्रोक से चमगादड़ की मौत, प्रशासन अलर्ट, जांच के लिए सैंपल भोपाल भेजे

झाबुआ. बहादुर सागर तालाब के किनारे सर्किट हाउस परिसर में कुछ चमगादड़ मरे हुए मिलने के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है।

कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने इसे गंभीरता से लेते हुए पशुपालन और डेयरी विभाग के अधिकारियों की चार सदस्यीय टीम को जांच के भेज दिया। टीम ने सैंपल कलेक्ट कर जांच के लिए भोपाल स्थित लैब भेजे हैं। प्रारंभिक तौर पर चमगादड़ की मौत की वजह हीट स्ट्रोक को बताया जा रहा है। तालाब क्षेत्र में बड़ी संख्या में चमगादड़ ने अपना बसेरा बना रखा है। चूंकि अभी भीषण गर्मी पड़ रही है और पिछले दिनों तापमान 45.1 डिग्री पर जा पहुंचा था। 40 डिग्री से ऊपर के तापमान को पक्षी सहन नहीं कर पाते। इसी वजह से कुछ चमगादड़ की मौत हो गई। जब इसका पता कलेक्टर को लगा तो उन्होंने उपसंचालक पशु पालन एवमं डेयरी विभाग डॉ. विल्सन डावर को निर्देश दिए।
डॉ. डावर ने भी तत्काल चार सदस्यीय एक टीम गठित कर दी। इसमें डॉ. एएस दिवाकर, डॉ. रमेश भूरिया, पंथी व पचाया को शामिल किया। इस टीम ने सर्किट हाउस परिसर में जाकर स्थिति देखी। परिसर में कुल 18 चमगादड़ मृत पाए मिले। इनमें से दो मृत चमगादड़ को परीक्षण के लिए राज्य पशु रोग अन्वेषण प्रयोगशाला भेजे हैं। इसकी रिपोर्ट आने के बाद स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगी।
प्रशासन अलर्ट : चमगादड़ से फैल सकता है निपाह वायरस
प्रशासन चमगादड़ की मौत को लेकर इसलिए भी गंभीर है। क्योंकि डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक चमगादड़ से मनुष्य में निपाह वायरस फैल सकता है। निपाह वायरस चमगादड़ से फलों में और फलों से इनसान और जानवरों पर आक्रमण करता है। वर्ष 1999 में पहली बार मलेशिया के एक गांव सुंगई निपाह में इसके मामले सामने आए थे। इसलिए इसका नाम निपाह वायरस रखा गया। भारत में वर्ष 2001 में सिलीगुड़ी और 2007 में नादिया में इस वायरस की पुष्टि हो चुकी है। वहीं केरल में इस वायरस से 11 लोगों की मौत हो गई थी।
क्या है निपाह वायरस के लक्षण
इस वायरस से प्रभावित शख्स को सांस लेने की दिक्कत होती है। दिमाग में जलन महसूस होती है तेज बुखार आता है। बीमारी से बचने के लिए उसके फल न खाएं जिन पर चमगादड़ बैठती है।
मौत की वजह हीट स्ट्रोक हो सकती है
&चमगादड़ की मौत की वजह हिट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन हो सकता है। फिर भी एहतियातन सैंपल राज्य स्तरीय लैब भेजे गए हैं। वहां से रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ हो जाएगी।
डॉ. विल्सन डावर, उप संचालक, पशु पालन एवम डेयरी विभाग, झाबुआ
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