must read : दिग्विजयसिंह की फिसली जुबान, इमरान खान को बोल दिया ‘प्रधानमंत्री जी’ डामोर लंबे समय से झाबुआ विधानसभा से चुनाव लडऩे के लिए दावेदारी कर रहे हैं। उपचुनाव के लिए पैनल में उनका नाम भी गया था, लेकिन पार्टी ने भानु भूरिया को प्रत्याशी घोषित कर दिया। इससे नाराज होकर डामोर ने पहले भाजपा जिलाध्यक्ष ओम शर्मा को अपना इस्तीफा भेजा। फिर सोमवार को निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया।
पार्टी के खिलाफ निर्दलीय लडऩे वाले को टिकट भाजपा में ऐसा दूसरी बार हुआ है जब पूर्व में पार्टी के विरुद्ध जाकर निर्दलीय चुनाव लड़ चुके नेता को टिकट दिया है। पहली बार थांदला से भाजपा नेता कलसिंह भाबर ने वर्ष 2013 में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी गौरसिंह वसुनिया के विरुद्ध निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की। इसके बाद पार्टी ने उन्हें वापस अपने साथ ले लिया और 2018 के चुनाव में टिकट दिया।
must read : पुलिस कस्टडी में श्वेता ने काटी हाथ की नस, बोलीं- पुलिस ने बहुत टॉर्चर किया, चेहरा तक सूज गया है हालांकि इस बार उन्हें हार मिली। इसी तरह भानु भूरिया भी 2008 में निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं। उन्होंने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी पवेसिंह पारगी के विरुद्ध जाकर चुनाव लड़ा था। इसमें उन्हें 2 हजार 633 मत मिले थे और जमानत जब्त हो गई थी। इस बार भाजपा ने उन्हें भी टिकट दे दिया। ऐसे में हो सकता है कि कल्याणसिंह डामोर को भी ये उम्मीद हो कि एक बार निर्दलीय चुनाव लडऩे पर उन्हें भी पार्टी टिकट दे दे।
must read : जब अंग्रेजों ने भारत के नक्शे पर रखी थी इंदौर की तख्ती, बोली ऐसी बात कि चौंक गए महात्मा गांधी घर पर मनाने पहुंचे नेता कल्याणसिंह डामोर द्वारा पार्टी से बगावत कर निर्दलीय नामांकन भरे जाने के बाद मंगलवार को संभागीय संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा, सांसद गुमानसिंह डामोर, कृष्णमुरारी मोघे व भाजपा जिलाध्यक्ष ओम शर्मा उन्हें मनाने के लिए ब्लॉक कॉलोनी स्थित उनके घर पहुंचे। हालांकि चर्चा सफल नहीं हो पाई। फिलहाल कल्याण ने नामांकन पत्र लेने से इनकार कर दिया है।