scriptझाबुआ में गुमानसिंह’ ने रखा भाजपा का ‘मान’ | BJP's 'Mann' in Jhabua by 'GumanSingh' | Patrika News

झाबुआ में गुमानसिंह’ ने रखा भाजपा का ‘मान’

locationझाबुआPublished: Dec 12, 2018 01:00:52 am

सांसद कांतिलाल भूरिया का मैनेजमेंट नहीं चला, बेटे डॉ.विक्रांत को पहले ही चुनाव में हार का सामना करना पड़ाथांदला विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी वीरसिंह भूरिया ने सर्वाधिक 30662 मतों के अंतर से जीत हासिल की

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झाबुआ में गुमानसिंह’ ने रखा भाजपा का ‘मान’

झाबुआ. विधानसभा चुनाव नतीजों ने जिले में कांग्रेस को जश्न मनाने का मौका दे दिया। कुल तीन में से दो सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों ने जीत हासिल की तो वहीं भाजपा अपना 2013 का प्रदर्शन नहीं दोहरा सकी और एक सीट पर ही सीमट कर रह गई।
चौकाने वाली बात रही कि कद्दावर आदिवासी नेता एवं कांग्रेस सांसद कांतिलाल भूरिया के मैनेजमेंट का जादू झाबुआ में नहीं चल पाया और उनके बेटे डॉ.विक्रांत को अपने पहले ही चुनाव में करारी पराजय का स्वाद चखना पड़ा। यहां पर गुमानसिंह डामोर ने जीत हासिल कर भाजपा का मान रखा, जबकि उन्हें बाहरी प्रत्याशी बताकर सबसे कमजोर आंका जा रहा था। पेटलावद में पिता स्व. दिलीपसिंह भूरिया की छाया से बाहर निकलकर पहली बार अपने बलबूते चुनाव लड़ रही निर्मला का पांचवी बार विधायक बनने का सपना पूरा नहीं हो सका। कांग्रेस के वालसिंह मेड़ा ने उन्हें हराकर अपनी पिछली पराजय का हिसाब-किताब कर लिया। वहीं थांदला में वीरसिंह भूरिया ने अपनी गांधीवादी छबि की बदौलत ऐतिहासिक जीत हासिल की।वे एकमात्र ऐसे नेता थे जिन्हें कांग्रेस द्वारा उ?मीदवार घोषित किए जाने के बाद से ही विजेता माना जा रहा था।जीत के बाद विजेता प्रत्याशियों ने अपने समर्थकों के साथ अलग-अलग विजय जुलूस निकाले।
तगणनास्थल पॉलिटेक्निक कॉलेज पर सुबह सुबह 7 बजे से हलचल शुरू हो गई थी। साढ़े 7 बजे प्रत्याशियों की मौजूदगी में स्ट्रांग रुम खोला गया। 8 बजे से तीन अलग-अलग कक्ष में विधानसभावार मतगणना प्रारंभ हुई। पहले डाकमत्र पत्र खोले गए। एक तरफ इनकी छंटनी के साथ ही गणना चलती रही। साढ़े 8 बजे से ईवीएम की गणना प्रारंभ हुई। हर राउंड के साथ प्रत्याशियों की स्थिति भी स्पष्ट होती चली गई। दोपहर तीन बजे तक ये तय हो गया कि जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा और किसे पराजय का स्वाद चखना है। झाबुआ विधानसभा की मतगणना के दौरान पहले ही राउंड से भाजपा को बढ़त मिल गई। हर राउंड के साथ यह बढ़त तेजी से बढ़ती चली गई। इस दौरान जहां भाजपा के अभिकर्ताओं के चेहरे खिल उठे तो वहीं कांग्रेस अभिकर्ताओं की रंगत उड़ गई। अंतिम राउंड तक पहुंचने से पहले ही जीत-हार की तस्वीर तय हो गई। इसी तरह थांदला व पेटलावद में कांग्रेस प्रत्याशियों ने पूरे समय बढ़त बनाए रखी।शाम करीब 7 बजे फाइनल नतीजे घोषित कर दिए गए। इसके बाद विजेता प्रत्याशियों को प्रेक्षक की मौजूदगी में निर्वाचन के प्रमाण पत्र सौंपे गए। इस मौके पर कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष सक्सेना, एसपी महेशचंद जैन, एडीएम एसपीएस चौहान, एएसपी प्रकाश परिहार सहित तीनों विधानसभा के रिटर्निंग अधिकारी मौजूद थे।
कर्मचारियों ने जताया भाजपा पर भरोसा
सरकारी कर्मचारियों ने भी भाजपा पर ही अपना भरोसा जताया। तीनों विधानसभा में कुल 598 8 कर्मचारियों ने डाक मतपत्र के जरिए अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसमें से भाजपा उम्मीदवारों को 246 6 मत प्राप्त हुए। कांग्रेस प्रत्याशियों को 206 8 मत मिलें। पेटलावद विधानसभा में भाजपा की निर्मला भूरिया को सर्वाधिक 988 कर्मचारियों ने वोट दिया। कांग्रेस उम्मीदवार वालसिंह मेड़ा को 601 मत प्राप्त हुए। झाबुआ विधानसभा में 873 कर्मचारियों ने भाजपा के गुमानसिंह डामोर पर भरोसा जताया तो कांग्रेस के डॉ.विक्रांत भूरिया को 561 मत प्राप्त हुए। थांदला विधानसभा में भाजपा के कलसिंह भाबर को 605 व कांग्रेस के वीरसिंह भूरिया को 906 मत मिले।
15835 मतदाताओं ने नकारा प्रत्याशियों को, पिछली बार 2300 ज्यादा
इस चुनाव में तीनों विधानसभा के 158 35 मतदाताओं ने नन ऑफ द अबॉव यानी इनमें से कोई नहीं का विकल्प चुना। 2013 के चुनाव में 13535 मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया था। इस हिसाब से इस बार पिछले चुनाव की तुलना में 2300 अधिक मतदाताओं ने प्रत्याशियों को नकार दिया। झाबुआ विधानसभा में 6 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्हें नोटा से कम वोट मिले। इसी तरह थांदला विधानसभा के 5 और पेटलावद विधानसभा के 5 प्रत्याशियों को नोटा से काफी कम वोट मिले।
थांदला. पेटलावद में जीत के साथ कांग्रेस ने पिछले चुनाव का हिसाब चुकता किया। झाबुआ में कांग्रेस के बागी जेवियर मेड़ा ने 35941 मत लाकर छीन ली डॉ. विक्रांत की जीत तो थांदला में भाजपा के बागी दिलीपसिंह कटारा ने 25623 मत प्राप्त कर भाजपा उम्मीदवार कलसिंह भाबर की हार की राह तैयार की।
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