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झाबुआ उपचुनाव के लिए कांग्रेस की बड़ी रणनीति, भाजपा भी कमलनाथ सरकार पर हुई हमलावर

locationझाबुआPublished: Oct 14, 2019 08:39:55 am

Submitted by:

Pawan Tiwari

झाबुआ उपचुनाव बाजपा और कांग्रेस के लिे प्रतिष्ठा का बिषय है।

झाबुआ उपचुनाव के लिए कांग्रेस की बड़ी रणनीति, भाजपा भी कमलनाथ सरकार पर हुई हमलावर

झाबुआ उपचुनाव के लिए कांग्रेस की बड़ी रणनीति, भाजपा भी कमलनाथ सरकार पर हुई हमलावर

झाबुआ. झाबुआ विधानसभा में जीत के लिए भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी ताकत झोंक रहे हैं। उपचुनाव में जीत के लिए कांग्रेस ने हर बूथ के लिए अलग-अलग रणनीति बनाई है औऱ उसे रणनीति से वो चुनाव मैदान में उतरी है। बता दें कि ये सीट कभी कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी लेकिन बीते दो चुनावों में भाजपा यहां जीत रही है।
कमल नाथ ने संभाल रखा है मोर्चा
झाबुआ उपचुनाव का मोर्चा खुद सीएम कमल नाथ ने संभाल रखा है यही वजह है कि इस बार कांग्रेस में बगावत नहीं हुई है। कांग्रेस के सभी नेता एक जुट दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस का फोकस उन बूथों पर है जहां पर 2018 के विधानसभा चुनाव भाजपा को अधिक वोट मिले थे।
मंत्री के पास है खास जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने झाबुआ सीट के लिए मंत्री सुरेन्द्र सिंह हनी को खास जिम्मेदारी दी है। इसके साथ यह भी कहा जा रहा है कि बघेल को वोटिंग होने तक झाबुआ नहीं छोड़ना है। वहीं, सुरेन्द्र सिंह हनी ने कहा- झाबुआ में कांग्रेस की स्थिति बहुत अच्छी है। हम हर बूथ पर ध्यान दे रहे हैं। लोग सरकार के कामकाज से खुश हैं।
भाजपा ने भी संभाला मोर्चा
झाबुआ उपचुनाव को लेकर भाजपा ने भी मोर्चा संभाल लिया है। भाजपा की तरफ से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मोर्चा संभाल रखा है। राकेश सिंह लगातार झाबुआ में सक्रिय हैं। वो कमलनाथ सरकार पर लगातार हमला बोल रहे हैं।
कौन है उम्मीदवार

कांग्रेस ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया को तो भाजपा ने युवा भानू भूरिया को उम्मीदवार बनाया है।

क्यों हो रहे हैं उपचुनाव
2018 के विधानसभा चुनाव में झाबुआ विधानसभा सीट पर भाजपा के जीएस डामोर ने जीत दर्ज की थी, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने डीएस डामोर को झाबुआ संसदीय सीट से मैदान में उतारा था। जीएस डामोर लोकसभा का चुनाव जीत गए थे। पार्टी हाई कमान के निर्देश के बाद जीएस डामोर ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से ये सीट खाली है।
बाप बेटे को हराया था
जीएस डामोर ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया को हराया था। जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में जीएस डामोर ने कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया को हराया था।
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