झाबुआ

अवैध शराब परिवहन का आरोपी कोरोना संदिग्ध निकला, आइसोलेशन वार्ड में भर्ती

19 मार्च को किया गिरफ्तार, कोरोना की पुष्टि नहीं हुई, कार से शराब और पिस्तोल लेकर आने के मामले का है सूत्रधार

झाबुआMar 21, 2020 / 01:34 am

kashiram jatav

अवैध शराब परिवहन का आरोपी कोरोना संदिग्ध निकला, आइसोलेशन वार्ड में भर्ती

झाबुआ. न्यायिक हिरासत में चल रहे एक मुजरिम के जिला चिकित्सालय पहुंचने से हडक़ंप मच गया। डस्टर कार से शराब के अवैध परिवहन करने के जुर्म में तीन आरोपियों को पहले जेल भेज दिया था। चौथे आरोपी को 19 मार्च को न्यायालय ने जेल भेजा था। जिसका शुक्रवार सुबह जेल में रूटीन हेल्थ चेकअप किया जा रहा था, इस दौरान डॉक्टर ने आरोपी को जिला अस्पताल रैफर करने की सलाह दी। जेलर ने कैदी सिद्धार्थ जायसवाल को गार्ड के साथ सुबह 11 बजे पपपचिकित्सालय भेजा। डॉक्टर ने सर्दी, जुखाम को कोरोना से जोडक़र आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया। आइसोलेशन वार्ड के ठीक सामने दोनों गार्ड की ड्यूटी लगा दी। डॉक्टर के अनुसार मरीज को कोरोना संदिग्ध मानते हुए 1 दिन के लिए आइसोलेशन में रखा है। हालांकि कोरोना की पुष्टि नहीं हुई है।
12 मार्च को कालीदेवी पुलिस ने तीन आरोपियों को डस्टर कार में शराब का अवैध परिवहन करते पकड़ा था। आरोपियों के पास एक देशी पिस्तोल भी थी। मामला कोर्ट पहुंचा, जहां से तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया था। वहीं इस मामले के सूत्रधार चौथे आरोपी राजगढ़ (धार) की अंग्रेजी शराब के ठेकेदार व नगर पंचायत पार्षद पुत्र सिद्धार्थ पिता महेश जायसवाल को पुलिस ने 19 मार्च को गिरफ्तार किया था। जिसे गुरुवार को जेल भेज दिया था। सूत्रों का कहना है कि आरोपी कोरोना का बहाना लेकर जेल से बाहर है। रसूख के गठजोड़ से राजगढ़ के पार्षद पुत्र को कोरोना के बहाने हवालात की सजा से बचाने की कवायद है।
सांस लेने में कोई तकलीफ नहीं हो रही
&मरीज को जेल से रैफर किया था। सर्दी जुखाम की शिकायत के चलते आइसोलेशन में रखा है। सांस लेने में कोई तकलीफ नहीं हो रही थी। इसलिए संभवत: कोरोना नहीं हो सकता। फिर भी सुरक्षा के मद्देनजर भर्ती किया।
-डॉ एमएस किराड़, जांचकर्ता चिकित्सक।
तीन सौ बंदी को देखते हुए निर्णय लिया
&18 मार्च को सिद्धार्थ मुंबई से आया था। सर्दी-जुकाम के 2 लोग थे। डॉक्टर ने चेकिंग कर रैफर किया। गार्ड के साथ अस्पताल में भेजने पर डॉक्टर ने आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया है। अभी कोरोना की पुष्टि नहीं है, लेकिन हमने साढ़े तीन सौ बंदी को देखते हुए निर्णय लिया।–राजेश विश्वकर्मा , जेलर झाबुआ।
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