उपसंचालक सामाजिक न्याय दिनेश वर्मा ने बताया कि प्रथम दिवस 2 दिसंबर को सुबह 10 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक जिला विकलांग पुनर्वास केंद्र पर दिव्यांगजनों को स्वास्थ्य परीक्षण एवं दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाए गए। इसमें 113 दिव्यांगजनों का डॉ. व्हीएस निनामा, डॉ. जीएस अवासिया, डॉ. आरएस प्रभाकर, डॉ. आईएस चौहान ने स्वास्थ्य परीक्षण कर दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाए। जिला होम्योपैथी चिकित्सालय की टीम ने जिला विकलांग पुनर्वास केंद्र में संचालित सीडब्ल्यू एसएन छात्रावास एवं प्राथमिक शाला रंगपुरा (केंद्र) के 67 दिव्यांग बालक-बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें दवाईयों का वितरण किया।
स्वास्थ्य परीक्षण कर परामर्श दिया : स्वास्थ्य परीक्षण के लिए उपस्थित डॉक्टरों ने बालक-बालिकाओं को आंखों की देखभाल के प्रति आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराते हुए कहा कि हमें हरी सब्जियां अपने भोजन में आवश्यक शामिल करना चाहिए। बालकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें प्रतिदिन दूध व उससे बने हुए पदार्थो का सेवन करना चाहिए। इससे हमारी हड्डिया मजबूत हो। दांतों व शरीर की सफाई के लिए बालकों को प्रेरित करते हुए बताया कि हमें प्रतिदिन दिन में दो बार अपने दांतों को अच्छे मंजन से साफ करना चाहिए। इससे दांतों में सडऩ नहीं हो और मजबूती बनी रहे और मुंह से दुर्गंध भी ना आए और शरीर को स्वच्छ रखने के लिए प्रतिदिन नहाना व समय-समय पर हाथ पैर व चेहरे की सफाई के लिए प्रेरित किया। बच्चों को नाक-कान व गला के असंबंध में जानकारी देते हुए बताया कि शरीर के तीनों अंग एक दूसरे से मिले हुए हंै और इन पर शीघ्र ही इंन्फेशन होने की संभावना होती है। उन्होंने बच्चों को सर्दी से बचने के उपाय के बारे में बताया कि इन दिनों हमें अपने कान व शरीर उनी कपड़ों से ढंकना आवश्यक है। इससे शरीर व उक्त अंगों को संक्रमण से बचाया जा सके। इस अवसर पर केंद्र में दिव्यांगजनों का कर्ण परीक्षण, फिजियोथैरेपी एवं प्रात्र दिव्यांगजनो की आवश्यकतानुसार ही केन्द्र की प्रोस्थेटिक ऑर्थोटिक कार्यशाला में कृत्रिम अंग उपकरणों के लिए नाप लिए गए एवं विभिन्न सहायक उपकरणों के लिए सूची तैयार की गई।
स्वास्थ्य शिविर में केंद्र के तकनीकी विषेशज्ञ अरुण महाकुंड़, भूपेन्द्र सिंह पंवार, प्रवीण भाबोर, मयूर वैंशंपायन, राम बहादुर पटेल, शहनाज़ खान, एलिजाबेथ रावत, संगीता परमार, सरिता डोडियार, हीना सक्सैना, पांगू सिंह, शंकरसिंह, दलसिंह ढॉंक महेश देवदा विजयसिंह सिसौदिया एवं अन्य स्टाफ का सहयोग प्राप्त हुआ । निर्धारित कार्यक्रम के तहत दोपहर 2. बजे से स्थानीय कॉलेज ग्राउंड पर दिव्यांगता की सभी श्रेणियों में (अस्थि बाधित, दृष्टि बाधित, श्रवण बाधित एवं मानसिक रूप से अविकसित) विभिन्न आयु वर्ग के दिव्यांगजनों की जलेबी, निंबू दौड़, थैला रेस, चेयर रेस, 50 मीटर, 100 मीटर 200 मीटर दौड़ लंबी एवं ऊंची कूद में मूक बधिर, अस्थिबाधित दृष्टिबाधित, एवं मानसिक रूप से दिव्यांगजन बड़ी संख्या में महाविद्यालय प्रांगण में पहुंचेे और बढ़-चढ़ कर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया। खेलकूद एवं सांस्कृतिक व सामथ्र्य प्रतियोगिता में जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र में संचालित अनुभूति सीडब्ल्यू एसएन छात्रावास के बालक-बालिका, समन्वय सामाजिक एवं शैक्षणिक संस्था, पेरेन्ट्स सोसायटी फॉर वेल्फेयर ऑफ पर्सन्स विथ डिसएबिलिटीज़ शासकीय व अशासकीय विद्यालयों के 135 दिव्यांग छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
उक्त समस्त प्रतियोगिताएं संपन्न करवाने के लिए सहायक आयुक्त आदिवासी विकास के खेल शिक्षकों की प्राथमिकता से व्यवस्था की थी। इसमें कुलदीप धाबाई, योगेश गुप्ता, मनोज पाठक और नरेश राजपुरोहित व सर्व शिक्षा अभियान के एपीसी मानसिंह हटीला, संजय सिकरवार, महेश बामनिया बीआरसी झाबुआ भूपेन्द्रसिंह किराड़, मोबाइल स्त्रोत सलाहकार शिक्षा विभाग के रामसिंह मोहनिया, विकलांग पुनर्वास केंद्र व सीडब्ल्यू एसएन छात्रावास के समस्त स्टॉफ ने पूरे मनोयोग से समस्त प्रतियोगिताओं के लिए से खेलकूद प्रतियोगिताएं संपन्न कराई। उपसंचालक सामाजिक न्याय दिनेश वर्मा ने बताया कि 3 दिसंबर को दोपहर 11.30 बजे से स्थानीय विकलांग पुनर्वास केंद्र पर सामथ्र्य प्रदर्शन एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं होंगी। इसके बाद बालक-बालिकाओं को पुरस्कृत किया जाएगा।