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धूमधाम से निकाला दीक्षार्थी का वरघोड़ा, गूंजे जय-जयकार के नारे

locationझाबुआPublished: Dec 08, 2019 06:02:41 pm

Submitted by:

kashiram jatav

नवयुवक मंडल व महिलाएं, युवतियों ने गरबा रास किया, जुलूस में नवयुवक मंडल निर्धारित वेशभूषा में साफे पहने नजर आए

धूमधाम से निकाला दीक्षार्थी का वरघोड़ा, गूंजे जय-जयकार के नारे

धूमधाम से निकाला दीक्षार्थी का वरघोड़ा, गूंजे जय-जयकार के नारे

बामनिया. पेटलावद में १८ दिसंबर को आचार्यश्री उमेशमुनिजी अणु के सुशिष्य आगम विशारद बुद्धपुत्र, प्रवर्तक, दीक्षा प्रदाता जिनेंद्रमुनि के मुखारविंद से जैन भगवती दीक्षा अंगीकार करने जा रही बामनिया की बेटी दीक्षार्थी बहन आयुषी गांधी को बग्घी में बैठकार वर्षीदान वरघोड़ा गाजे-बाजे के साथ निकाला गया।
वर्षीदान वरघोड़ा तेरापंथ सभा भवन से नवकारसी के पश्चात सुबह 9 बजे नारेला रोड से शुरू होकर माताजी चौक पहुंचा। जहां नवयुवक मंडल व महिलाएं, युवतियों ने गरबा रास किया। जुलूस में नवयुवक मंडल निर्धारित वेशभूषा में साफे पहने नजर आए। नगर दीक्षार्थी अमर रहे के जयकारों से गूंज उठा। वरघोड़ा नगर के मुख्य मार्गों से होता हुआ पेटलावद रोड स्थित वर्धमान स्थानक भवन पहुंच कर धर्मसभा में परिवर्तित हो गया।
नवयुवक मंडल द्वारा मुमुक्षु बहन आयुषी को जुलूस समाप्त हाने के पश्चात् धर्मसभा तक दीक्षार्थी अमर रहे। बामनिया की शान है, आयुषी बहन महान है के जयकारों के साथ धर्मसभा में लेकर आए। जहां दीक्षार्थी बहन की गुरुणी साध्वीश्री पुण्यशीला ने प्रवचन में कहा कि दीक्षार्थी अभिनंदन की साम्रगी आगे नहीं ले जा पाएगा। दीक्षार्थी का अभिनंदन हमें तप.त्याग से करना है। दीक्षार्थी 18 पापों का त्याग करेंगे। अगर आप यह त्याग नहीं कर सकते तो जमीकंद, मोबाइल, रात्रि भोजन आदि का त्याग करें।
हमें जिनवाणी को ऐसे सुनना है। इससे हमारा जीवन भी वैराग्य की ओर बढ़े और जिससे हमारे भव-भव के पापों का नाश हो। हम सभी संसार में है। संसार का अर्थ सम्यक में से अर्थ निकले वो संसार। संसार में दो तरह के सार है। एक सार दूसरा असार। संसार अगर खारा लगता है तो ही दुखों का अनुभव होता है। हमें संसार से सार निकालना है और भगवान महावीर की जिनवाणी को अपने जीवन में उतारना है। गुरु जहां जाते हैं जाग्रति लाते हैं। जो जाग जाता है। वह जीवन का वेस्ट छोडकर जीवन के बेस्ट को पा जाता है। जिसके जीवन में गुरु नहीं। उसका जीवन शुरू नहीं है।
इस अवसर पर वर्धमान स्थाकनवासी जैन श्रावक संघ, सकल नवयुवक मंडल, महिला मंडल, सकल जैन श्री संघों, श्री सोनाणा खेतलाजी भेरूजी ट्रस्ट, सकल व्यापारी संघ आदि द्वारा मुमुक्षु बहन का बहुमान किया गया। भंवरलाल बाफना, कांतिलाल चोपड़ा ने स्तवन प्रस्तुत किए। राजेंद्र कटकानी, रेखा गांधी व सीमा वागरेचा ने उद्बोधन दिया। धर्मसभा का संचालन श्री संघ अध्यक्ष विमल मूथा ने किया। कार्यक्रम में खवासा , पेटलावद , करवड़, रतलाम, रावटी आदि श्री संघों से भी बड़ी संख्या में समाजजन आए। प्रवचन के पश्चात् स्वामी वात्सल्य का आयोजन पेटलावद रोड स्थित सिद्धार्थ गार्डन पर किया गया।
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