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तीन चिकित्सकों की नियुक्ति के बाद भी उपचार के लिए एक भी नहीं मिले

locationझाबुआPublished: Aug 17, 2023 12:47:45 am

Submitted by:

binod singh


झंडा वंदन के बाद डॉक्टर चले गए, झकनावदा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर अब भी मरीज भटकने को मजबूर

तीन चिकित्सकों की नियुक्ति के बाद भी उपचार के लिए एक भी नहीं मिले
तीन चिकित्सकों की नियुक्ति के बाद भी उपचार के लिए एक भी नहीं मिले
झकनावदा. 15 अगस्त को झकनावदा मधुकन्या नदी के पुल से एक नवयुवक ने नदी में छलांग लगा दी। युवक को बचाने विष्णु कटारा , गोङ्क्षवद राठौड़ ने पानी में छलांग लगाकर आरक्षक पंकज राजावत एवं आरक्षक दीपक की मदद से उसकी जान बचाई। इसके बाद नवयुवक को नदी से बाहर निकाल कर किनारे पर लेटाया। युवक बहुत घबराया हुआ था। उसकी हालत गंभीर होने पर जब पुलिस व ग्रामीण लगभग 11.45 बजे के अस्पताल लेकर पहुंचे तो वहां चिकित्सालय में एक भी चिकित्सक व अन्य स्टाफ नहीं नजर आया। गौरतलब है कि हाल ही में अस्पताल में तीन चिकित्सकों की नियुक्ति की गई, लेकिन 15 अगस्त होने के चलते सभी चिकित्सक चिकित्सालय में अपने स्टाफ के साथ ध्वजारोहण करने के बााद सभी अपने-अपने घर की ओर चले गए। इस संबंध में 4 .19 , व 4.27 बजे सीएमएचओ से संपर्क करने की कोशिश की गई थी। संपर्क नहीं हुआ।
बड़ा अस्पताल होने के बाद भी स्टाफ नदारद
15 अगस्त को ध्वजारोहण के बाद चिकित्सालय में मरीजों को इलाज नहीं मिला। गंभीर हालत में युवक को चिकित्सालय लाया गया। उसका उपचार करने के लिए यहां कोई भी नहीं था। आखिर तीन -तीन चिकित्सकों की पद स्थापना के बाद भी एक भी चिकित्सक ड्यूटी पर नहीं मिलना , ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थ डॉक्टरों की कार्यशैली पर सवालिया निशान है। लोगों का कहना है कि आखिर कब तक झकनावदा क्षेत्र व आसपास के ग्रामीणों को धार जिले के शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सरदारपुर पर आश्रित रहना पड़ेगा।
40 गांवों के लोग अस्पताल पर निर्भर
झकनावदा में स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन-तीन चिकित्सकों की पद स्थापना के बाद भी कई बार मरीजों को उपचार नहीं मिलने पर मजबूरी में झकनावदा से 26 किलोमीटर दूर धार जिले के सरदारपुर चिकित्सालय जाना पड़ता है। करीब चालीस गांवों के लोग झकनवादा चिकित्सालय पर निर्भर हैं। ग्रामीणों को उपचार नहीं मिल रहा है। इस कारण इस चिकित्सालय से ग्रामीणों का विश्वास उठता नजर आ रहा है। यहा 24 घंटे कम से कम तीन में से एक चिकित्सक की सुविधा उपलब्ध होना अनिवार्य है, जिससे यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार हो सके।
रेडक्रॉस से मिली एंबुलेंस कंडम
राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग की तरफ से तत्कालीन कलेक्टर से झकनावदा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ्य सुविधा के लिए एंबुलेंस की मांग रखी थी। जिस पर तत्कालीन कलेक्टर आशीष सक्सेना ने रेडक्रॉस के माध्यम से एंबुलेंस उपलब्ध करवाई थी। वह भी चालक एवं रखरखाव के अभाव में भंगार होकर साइड में खड़ी है। अब, गर्भवती महिला या गंभीर मरीजों के उपयोग में नहीं ली जा रही है। मरीजों को निजी भाड़े से वाहन करके दूर- दराज के अस्पतालों में मरीज को स्वयं के खर्चे से ले जाना पड़ता है।
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