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लहसुन के उचित भाव नहीं मिलने से किसानों के चेहरे उतरे

locationझाबुआPublished: Mar 13, 2018 05:32:40 pm

इस बार लागत भी नहीं निकल पा रही

jhabua
अनारद. इस बार उत्पादन तो अच्छा हुआ लहसुन का। भाव उचित नहीं मिल रहे है। इस बार लागत भी नहीं निकल पा रही है। कुछ इसी तरह की पीड़ा बताई किसानों ने। ग्राम बिल्लोदा, अनारद, सकतली, मलगांव, उमारिया, पचलाना, लसुडिय़ा, तीसगांव, पिंजराया और संभार में अब लहसुन की फसल पककर तैयार है। इस साल लहसुन पिछले साल की तुलना में अधिक हुआ है। वहीं मंडी में लहसुन के उचित भाव नहीं मिलने के कारण किसानों के चेहरे उतर गए है। किसानों ने बताया कि लहसुन की फसल में खर्चा अधिक होता है, पानी भी अधिक देना पड़ता है तब जाकर उत्पादन होता है। फिर भी अगर सही दाम नहीं मिले तो हमारे हाथ क्या लगेगा। सरकार को लहसुन को भी भावंतर के अंतर्गत खरीदना चाहिए ताकि हमें अच्छा भाव मिल सके और हमें हमारी मेहनत का लाभ मिल सके। पिछले साल लहसुन के भाव को देखते हुए इस साल अधिक मात्रा में लहसुन लगाई थी। पिछले वर्ष लहसुन के भाव 5००० से 7000 प्रति क्विंटल तक थे। वहीं अब लहसुन की खेती का खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है।
खर्चा हुआ ज्यादा
&तीन से चार बार लहसुन के लिए मजदूर लगाएं। इसके अलावा दवाइयों का खर्चा भी हुआ है। इस बार मंडी में भाव काफी कम है, जो कि पिछले 2 से 3 साल में लहसुन के भाव में इस बार जो गिरावट आई है उससे हमें का नुकसान हो जाएगा। सरकार को लहसुन को भी भावांतर योजना में शामिल करना चाहिए। – बसंतीलाल यादव, किसान
नुकसान उठाना पड़ेगा
&लहसुन गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष लहसुन काफी अधिक किसानों ने बोई है। बाजार में जब नई लहसुन आना चालू हो गई है। इसके बावजूद जो भाव लहसुन के मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रहे है। यदि ऐसा ही भाव आगे रहा तो काफी नुकसान हम किसानों को उठाना पड़ेगा। -प्रकाश गिरी गोस्वामी, किसान
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