जानिए कैसे आंकड़ों में कमी आती चली गई-
-वर्ष 2017 में 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक छेड़छाड़ की कुल 141 व ज्यादती की 113 घटनाओं सहित कुल 254 प्रकरण पंजीबद्ध हुए। यानी औसतन हर महीने 21 महिला संबंधी प्रकरण दर्ज किए गए।
– वर्ष 2018 में अपराधों में कुछ गिरावट आई। इस साल छेड़छाड़ के 112 और ज्यादती के 83 प्रकरण पंजीबद्ध हुए। महिला संबधी अपराधों से जुड़ी कुल 195 घटनाएं हुई। इस लिहाज से औसत 16 प्रकरण दर्ज किए गए।
– वर्ष 2019 में जनवरी से मई तक पांच माह में छेड़छाड़ के 18 और ज्यादती के 19 प्रकरण दर्ज किए गए। कुल 37 घटनाएं हुई। यदि औसत निकाले तो महीने में महिला संबंधी अपराधो से जुड़े 7 प्रकरण पंजीबद्ध हुए।
तत्कालीन एसपी महेशचंद जैन जब भी किसी स्कूल या अन्य कार्यक्रम में शामिल होने जाते थे तो वे पुरुषों में महिलाओं के प्रति सम्मान का भाव पैदा करने के उद्देश्य से यह शपथ अवश्य दिलाते थे कि- मैं किसी भी बालिका या महिला के साथ बदतमीजी, छेडख़ानी और शारीरिक हिंसा नहीं करुंगा। स्कूल-कॉलेज की दीवारों के साथ उन्होंने हर थाने और चौकी के बाहर भी यह शपथ लिखवा दी थी। उनका मामना था कि महिला संबंधी अपराध केवल शातिर और प्रोफेशनल अपराधी ही नहीं करता। बल्कि दूसरे लोग भी इस तरह के अपराध कर देते हैं। इसके पीछे महिलाओं के प्रति उनकी मानसिकता जिम्मेदार है। यदि व्यक्ति महिला सम्मान से जुड़े वाक्य बार-बार दोहराएगा तो उसकी मानसिकता में बदलाव आएगा। इससे महिला संबंधी अपराधों में कमी आएगी।
साल दर साल महिला संबंधी अपराधों में कैसे कमी आती चली गई-
वर्ष छेड़छाड़ ज्यादती
2017 141 112
2018 113 83
2019 18 19
(स्त्रोत: पुलिस विभाग, 2019 के आंकड़े जनवरी से मईतक के हैं।)
अपराध मे कमी लाना हमारा लक्ष्य-
अपराधों में कमी लाना ही हमारा एकमात्र लक्ष्य है। इस दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। हमारा उद्देश्य है कि महिला और बच्चों के साथ होने वाले अपराधों में और कमी लाई जाए। इस दिशा में योजना बनाकर काम किया जा रहा है। यदि किसी महिला या बालिका के साथ कोई घटना होती है तो वह सीधे पुलिस को सूचना दें। उसका नाम पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा।
विजय डावर, एएसपी, झाबुआ