दरअसल ये पूरा मामला 29 अप्रैल से ही चल रहा है। उस दिन आलीराजपुर जिले में डिलिस्टिंग रैली का आयोजन हुआ था। जिसमे सांसद गुमान सिंह डामोर ने डिलिस्टिंग को लेकर कहा था कि अनुसूचित जनजाति के लोग जिनके द्वारा धर्मांतरण कर लिया गया है, उन्हें आरक्षण की सूची से बाहर निकाला जाएगा। सांसद का आरोप हैं कि, उनके इस बयान को एडिट कर युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ विक्रांत भूरिया ने अपने ट्विटर हैंडल पर तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया। इससे समाज और राजनीति में उनकी छबि धूमिल हुई है।
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गुरुवार को दर्ज हुआ केस
इस मामले में गत 2 मई की शाम भाजपा नेता कोतवाली पहुंचे थे और उन्होंने थाना प्रभारी संजय रावत को आवेदन सौंपकर डॉ. विक्रांत भूरिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए आवेदन दिया था। इस मामले में पुलिस ने गुरुवार को युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ विक्रांत भूरिया के खिलाफ आईपीसी की धारा 505 (1)(बी), 120 बी, 499, 500 में प्रकरण दर्ज कर लिया।
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