scriptसोयाबीन की फली में दाने नहीं आए | Grains did not come in soybean pod | Patrika News

सोयाबीन की फली में दाने नहीं आए

locationझाबुआPublished: Sep 02, 2018 11:00:05 pm

फसल निरीक्षण के दौरान खाता क्रमांक के साथ फसल के रकबा के अनुसार नुकसानी का पंचनामा बनाया जा रहा है

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सोयाबीन की फली में दाने नहीं आए

खवासा. किसानों ने जेएस 335, 1025, 9560 किस्म के सोयाबीन की बोवनी की थी, लेकिन श्रावण माह में करीब 25 दिन पानी की लंबी खेंच के कारण जेएस 335 व 1025 किस्म के सोयाबीन की फसल में फूल के आते समय गर्मी के कारण पौधे तो हरे होकर बड़े हो गए, लेकिन फसल की फली में सोयाबीन के दाने नहीं आए। वहीं 9560 किस्म के सोयाबीन फसल की फली में सोयाबीन के दाने भर गए हैं।
ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी बीएल मुलेवा ने किसान भरत बाबूलाल खेर के खेत में सोयाबीन फसल का निरीक्षण करते हुए बताया कि खवासा में वर्दीबाई पति नंदलाल, सूरजबाई पति रणछोड़, कनीराम नाथाजी, दिनेश रामलाल, नन्दलाल धुलजी, सोहनबाई पति कनीराम पाटीदार के साथ 20 से अधिक खेत व सागवा, पाटडी, चापानेर आदि गांव में भी सोयाबीन फसल का 10 से अधिक खेतों में निरीक्षण अभी तक किया है। इसमें करीब 50 प्रतिशत सोयाबीन की फसल की फली में सोयाबीन नहीं हुई है। 1025 व जेएस 335 किस्म के सोयाबीन फसल में अधिकांश रूप से फसल की उपज नहीं हो पाई है।
मुलेवा ने बताया कि राखी के पूर्व हुई बारिश की लंबी खेंच के कारण फसल के फ्लावरिंग स्टेज के समय गर्मी होने के कारण जेएस 335 व 1025 किस्म के सोयाबीन में अधिकांश रूप से दाने नहीं भर पाए हैं। फसल निरीक्षण के दौरान खाता क्रमांक के साथ फसल के रकबा के अनुसार नुकसानी का पंचनामा बनाया जा रहा है।
जांच टीम बना कर सर्वे करवाया जाएगा
पेटलावद. सोयाबीन की फसल के लगातार खराब होने की शिकायत आने पर रविवार को एसडीएम हर्षल पंचोली स्वयं सारंगी क्षेत्र के किसानों के खेतों पर गए और वहां उन्होंने सोयाबीन की फसल की वास्तविक स्थिति का मुआयना किया और इसके साथ ही किसानों से भी चर्चा की।
किसानों ने अफलन और सोयाबीन के सूखने की समस्या एसडीएम के सामने रखी। किसानों ने बताया कि इस बार यह वायरस के रूप में बीमारी फैल रही है। कई जगह तो पौधा अच्छा है किंतु उस पर फलियां ही नहीं आ रही हैं। इस कारण उस फसल का किसान के लिए कोई महत्व नहीं रह जाता है। किसानों ने मांग की है कि सरकार तक किसानों के पब में रिपोर्ट भेज कर सोयाबीन की फसल का मुआवजा दिलवाया जाए। ताकि किसानों को नुकसान की भरपाई हो पाए। आज किसानों के पास अपना घर चलाने के लिए पैसा नहीं है। पेटलावद क्षेत्र में सर्वाधिक सोयाबीन की बुवाई होती है। किसानों से चर्चा कर एसडीएम ने आश्वासन दिया कि जांच टीम बना कर सभी जगह सर्वे करवाया जाएगा तथा जो रिपोर्ट आती है उस आधार पर कार्रवाई करते हुए किसानों के हित में फैसला लिया जाएगा।
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