किसानों ने जय जवान जय किसान के नारे लगाए। मामला बढ़ता देख पेटलावद थाना प्रभारी नरेन्द्र वाजपेयी अपने दल बल के साथ मंडी परिसर पहुंचे। उनके साथ पेटलावद तहसीलदार भी साथ में मौजूद थे। पुलिस प्रशासन व तहसीलदार द्धारा किसान लोगों को समझाया, लेकिन फिर भी किसान मानने को तैयार नहीं हुए। मंडी सचिव ने किसानों को समझाया की एसडीएम हर्षल पंचोली से चर्चा कर समस्या का समाधान करेंगे, लेकिन फिर भी किसान अपनी बात पर अड़े रहे। किसानों को कहना था कि 14 नवंबर को तौल काटे में हुई गडबडी को लेकर कई किसानों का सोयाबीन व्यापारियों को तौला गया था। इसमें कई किसानों का सोयाबीन सरकारी तौल काटे में कम निकला। इसका हर्जाना हमे मंडी प्रशासन लिखित में दे। ताकि किसानों को जो नुकसान हुआ है। उसकी भरपाई मंडी प्रशासन करे। इस बात को लेकर किसान लोग अड़े रहे। काफी देर तक किसानों व मंडी सचिव , थाना प्रभारी, तहसीलदार के बीच बहसबाजी होती रही, लेकिन किसान अपनी बात को लेकर अडे रहे। तब कही जाकर मंडी सचिव द्धारा लिखित आवेदन दिया भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष महेन्द्र हामड को दिया। आवेदन में बताया गया कि 14 नवम्बर को मंडी के तौल काटे में खराबी आने के कारण मंडी काटे पर जिन किसानों के तौल में अंतर आया है। उन किसानों के वजन के अंतर का निराकरण एक सप्ताह कर दिया जाएगा। तब कही जाकर किसान लोग माने। दोपहर बाद मंडी मे सोयाबीन की खरीदी शुरू हुई क्या था मामला
14 नवम्बर को रायपुरिया रोड स्थित कृषि उपज मंडी पर किसानों द्धारा कांटे पर कम तुलाई को लेकर किसानों हंगामा किया था। किसान रमेश निवासी देदला का निजी तौल काटे पर सोयाबीन 6 8 क्विंटल निकला और सरकारी तौल कांटे पर 63 क्विंटल निकला। जिस पर किसानों द्धारा मंडी परिसर में हंगामा कर मंडी परिसर के सामने मेन रोड पर चक्काजाम किया व किसानों ने मंडी प्रशासन के खिलाफ के नारेबाजी की। मंडी सचिव ने बताया कि 14 नवम्बर को तौले सोयाबीन में कुल 40 किसान थे। जिनका वजन में अतर आया। ऐसे में इन 40 किसानों को सोयाबीन में हुई नुकसानी में इनकी भरपाई व्यापारियो से कराई जाएगी। क्योंकि इन 40 किसानों का सोयाबीन व्यापारियों द्धारा ही खरीदा गया था।