प्रशासन ने सहयोग नहीं दिया तो पौधों को बचाने आगे आया हाथीपावा मॉर्निंग क्लब
झाबुआPublished: Mar 17, 2023 01:32:00 am
पर्यावरण संरक्षण का जज्बा: हाथीपावा मॉर्निंग क्लब के सदस्य अपने स्तर पर मंगवा रहे पानी के टैंकर, ताकि गर्मी से पौधे मुरझाए नहीं


प्रशासन ने सहयोग नहीं दिया तो पौधों को बचाने आगे आया हाथीपावा मॉर्निंग क्लब
झाबुआ. सरकारीस्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए यूं तो तमाम तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन उन्हें धरातल पर उतारने का जिम्मा जिनके कंधों पर है, वे केवल औपचारिकता निभाने में लगे हैं। इसका ताजा उदाहरण हाल ही में देखने को मिला, जब हाथीपावा की पहाड़ी पर लगे पौधों को गर्मी में मुरझाने से बचाने के पानी के इंतजाम की बात आई। यहां कलेक्टर के आश्वासन के बावजूद पानी की व्यवस्था नहीं हो पाई। ऐसे में हाथीपावा मॉर्निंग क्लब के सदस्य आगे आ खड़े हुए। उन्होंने पौधों को बचाने और पर्यावरण को सहेजने के लिए अपने स्तर पर ही पानी के टैंकर बुलाने का निर्णय ले लिया। वरिष्ठ सदस्य दिनेश जैन ने 5 टैंकर पानी उपलब्ध कराने की घोषणा कर दी तो वहीं क्लब के अध्यक्ष कमलेश पटेल और सकल व्यापारी संघ के अध्यक्ष संजय कांठी 2-2 टैंकर पानी उपलब्ध कराएंगे। इनके अलावा नितिन साकी, अजय शर्मा, राजेश शाह, हरीश शाह (लाला भाई) और सचिन मेहता ने एक-एक टैंकर पानी उपलब्ध कराने की घोषणा की। अब हर दूसरे दिन एक टैंकर पानी लाकर अलग-अलग सेक्टर में स्थित टंकियों में पानी भरा जाएगा। यहां से पानी पौधों में डाला जाएगा। यह पूरी कवायद बारिश होने तक निरंतर जारी रहेगी।
15 हजार से अधिक पौधे लगे हैं पहाड़ी पर
हाथीपावा की पहाड़ी पर अलग-अलग सेक्टर में करीब 15 हजार से अधिक पौधे लगे हैं। यूं तो ये पूरा क्षेत्र वन विभाग के अधीन है, लेकिन यहां लगे पौधों की देखभाल का जिम्मा हाथीपावा मॉर्निंग क्लब निभाता आ रहा है।
प्रशासन निभाता रहा है औपचारिकता
पर्यावरण संरक्षण के नाम पर प्रशासन केवल औपचारिकता ही निभाता रहा है। गत 19 फरवरी को अंकुर योजना के दो साल पूरे होने पर सभी अधिकारी हाथीपावा की पहाड़ी पर जुटे थे। यहां पर 125 पौधे लगाए गए थे। वहीं 26 फरवरी को मुख्यमंत्री शिवराज ङ्क्षसह चौहान ने भी पहाड़ी पर पौधा रोपण किया। सभी अधिकारियों ने अपने रिकॉर्ड के लिए तस्वीर तो जरूर ले ली, लेकिन इन पौधों के लिए पानी का इंतजाम करना भूल गए। अब यदि मुख्यमंत्री और अधिकारियों के द्वारा लगाए पौधे पानी के अभाव में गर्मी में मुरझा गए तो ये बड़ा मुद्दा बनेगा।