अस्पताल कोरोनो वायरस के मरीज के इलाज के लिए तैयार
पहली मंजिल पर बनाया है कोरोनो रूम जहां संदिग्ध मरीजों को रखा जाएगा

झाबुआ. कोरोनो वायरस के संदिग्ध मरीज का उपचार करने के लिए जिला अस्पताल पूरी तरह से तैयार है। इसके लिए पहली मंजिल पर कोरोनो रूम बनाया गया है। जहां संदिग्ध मरीज को रखा जाएगा। शनिवार को डॉ. एमएस किराड़, डॉ.आरएस प्रभाकर, डॉ.एसएस चौहान व सिस्टर ऐश्वर्या की टीम ने रिहर्सल कर तैयारियों को परखा। ताकि संदिग्ध मरीज के आने पर तत्काल उपचार मुहैया कराया जा सके।
दरअसल स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य विभाग किसी तरह की कौताही नहीं बरतना चाहता। लिहाजा नोवेले कोरोनो वायरस के संभावित मरीजों को रखने के लिए अलग से वार्ड तैयार कर दिया है। अस्पताल में आने वाले सामान्य सर्दी-जुकाम, बुखार व श्वसन रोग से पीडि़तों को आवश्यक सलाह दी जा रही है। वहीं लोगों से आह्वान किया गया हैकि यदि बाहर से कोई मरीज आता है और इसमें इस तरह के लक्षण नजर आए तो तत्काल निकट के स्वास्थ्य केंद्र पर सूचना दें। ताकि तत्काल उपचार शुरू किया जा सके।
जिला अस्पताल के आरएमओ डॉ. एसएस चौहान के अनुसार यंू तो ये बीमारी चीन में फैल रही है, लेकिन हमारे देश में एक संभावित मरीज के मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग इसके प्रति बेहद गंभीर हो गया है। कोरोनो वायरस पीडि़त में निमोनिया जैसे लक्षण पाए जाते हैं। इसमें सर्दी-खांसी, बुखार से लेकर सांस जैसी गंभीर बीमारी होती है। एक मरीज से दूसरे मरीज में संक्रमण भी तेजी से फैलता है। स्वास्थ्य विभाग ने जो अलर्ट जारी किया है उसके अनुसार तेज बुखार, खांसी, गले में खरास, सांस फूलना जैसे लक्षण मिल रहे हैं और वह कहीं खासकर चीन से आया है तो तत्काल सूचित करें। गंभीर श्वसन संक्रमण के मरीज जिनका कारण स्पष्ट न हो और इलाज के बाद भी उनकी हालत में सुधार नहीं हो रहा है तो उन पर नजर रखें।
क्या है कोरोनो वायरस
जिला अस्पताल के एमडी मेडिसिन डॉ.एमएस किराड़ के अनुसार कोरोनो वायरस, एक ऐसा वायरस समूह है। जो पक्षियों, स्तनधारी पशुओं और मनुष्यों में कई तरह की बीमारियां पैदा कर सकता है। इसका नाम कोरोनो वायरस इसलिए रखा गया क्योंकि इसे इलेक्ट्रॉनिक माइक्रोस्कॉप से देखने पर इसकी सतह ऐसी दिखाई देती है। जैसा कि हमारे सूर्य के चारों तरफ का चमकदार कोरोनो हो। इस समूह के कुछ वायरस ज्यादा हानिकारक नहीं होते हैं। बहुत बार मौसम बदलते समय हमें जो सर्दी-खांसी, गला खराब होना, गले में खरास या इस तरह की छोटी-मोटी दिक्कतें आती है तो उनमें बहुत सी इसी वायरस की वजह से हो सकती है, लेकिन कुछ कोरोनो वायरस बेहद घातक है और उनके संक्रमण से इनसान की मृत्यु तक हो सकती है।
डब्ल्यूएचओ की गाइड लाइन के अनुसार कोरोनो वायरस में व्यक्ति को जुकाम, खांसी, गले में दर्द, सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। उसे बुखार भी हो सकता है। इसकी वजह से सीवियर एक्यूट रेस्पोरेटरी सिंड्रोम होता है। इसमें फेफड़े में गंभीर किस्म का संक्रमण हो जाता है।
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