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बेटी किसी भी पुरुष के बारे में कोई आपत्तिजनक बात बताती है तो उसकी बात को ध्यान से सुनें

locationझाबुआPublished: Dec 09, 2019 06:08:08 pm

Submitted by:

kashiram jatav

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासंघ करणी सेना एवं महिला बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वाधान में बेटियों की सुरक्षाÓ कार्यक्रम के अंतर्गत एक दिवसीय पुलिस एवं स्टेक होल्डर प्रशिक्षण की कार्यशाला

बेटी किसी भी पुरुष के बारे में कोई आपत्तिजनक बात बताती है तो उसकी बात को ध्यान से सुनें

बेटी किसी भी पुरुष के बारे में कोई आपत्तिजनक बात बताती है तो उसकी बात को ध्यान से सुनें

झाबुआ. इन दिनों बेटियों के साथ होने वाले बलात्कार और उन्हें मार कर जला देने की वीभत्स घटनाओं के कारण पूरा देश आक्रोश में है। इसी के मद्देनजऱ अखिल भारतीय क्षत्रिय महासंघ करणी सेना एवं महिला बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में बेटियों की सुरक्षा कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय पुलिस एवं स्टेक होल्डर प्रशिक्षण कार्यशाला एवं परिचर्चा आयोजित की गई। मुख्य अतिथि महिला बाल विकास अधिकारी सुषमा भदौरिया, विशेष अतिथि समाज सेविका किरण शर्मा एवं गायत्री शक्तिपीठ महिला प्रमुख नलिनी बैरागी थी। अध्यक्षता अखिल भारतीय क्षत्रिय महासंघ अध्यक्ष एवं करणी सेना की संभागाध्यक्ष डॉ अर्चना राठौर ने की।
डॉ. अर्चना राठौर ने छोटी बेटियों के लिए गुड टच और बैड टच के बारे में बताते हुए कहा कि जब भी आपकी बेटी आपसे किसी भी पुरुष, शिक्षक या रिश्तेदार के बारे में कोई आपत्तिजनक बात बताती है तो आप उसकी बात को अवश्य ध्यान से सुने। उसे डांटे नहीं। क्योंकि अधिकांश माताएं बेटियों की किसी भी प्रकार की ऐसी बात सुनना पसंद नहीं करती और बेटी का मुंह ये कहकर बंद कर देती हैं कि बदनामी हो जाएगी। इस वजह से बेटियां अंदर ही अंदर घुटती रहती हैं। अपनी बात किसी को बता नहीं पाती और अंतत: या तो वे बलात्कार की शिकार हो जाती हैं या आत्महत्या जैसा जघन्य कांड कर बैठती हैं। उन्होंने हेल्पलाइन नंबर 1091 महिलाओं को बताते हुए कहा कि आजकल मोबाइल में बहुत सारे ऐसे ऐप डाउनलोड किए जा सकते हैं। इससे बेटियां अपनी सुरक्षा के लिए अपने साथ होने वाली किसी घटना की आशंका होने पर तत्काल पुलिस को सूचित कर सकती हैं। उस एप्लीकेशन को खोलते लड़कियों की लोकेशन पता चल जाती है और तुरंत पुलिस वहां पहुंच जाती है। उन्होंने महिलाओं को पुलिस विभाग का एक नंबर 7837018555 बताया। तत्पश्चात किरण शर्मा ने बेटियों की सुरक्षा के संबंध में बताया। उन्होंने कहाकि शुरुआत हमें अपने घर से ही करना होगी माताओं को यह समझना जरूरी है कि वे बेटों को सिखाएं की प्रत्येक बेटी, प्रत्येक लड़की उनकी बहन है वे उसे उसी नजरिए से देखें और हर बहन और बेटी की सुरक्षा करने के लिए उन्हें प्रेरित करें। उनकी स्वस्थ मानसिकता बनाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि हमें पुरुषों और बेटों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है ना की बेटियों को।
तीन माह से ही बच्चों में संस्कारों को पोषित करना जरूरी
नलिनी बैरागी ने कहा कि तीन माह से ही बच्चे के अंदर संस्कारों को पोषित करना अनिवार्य होता है। जैसे विचार हम रखते हैं। जैसे कार्य हम करते हैं, जो हम खाते हैं, जो हम सोचते हैं। उन सब बातों का गर्भ में पल रहे बच्चे पर बहुत असर पड़ता है। आज माताएं जो कुछ भी देख रही हैं। जो कुछ भी कर रही हैं, वही उनके गर्भ में पल रहे बच्चे भी सीख रहे होते हैं। यही कारण है कि आज बच्चा डेढ़ साल की उम्र से मोबाइल चलाने लगता है। क्योंकि माताएं स्वयं अक्सर मोबाइल चलातीं और टीवी देखती हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को हम प्रारंभ से ही अच्छी पुस्तकें पढऩे के लिए दें। अच्छी कहानियां सुनाएं तो निश्चित ही हमारे बच्चे संस्कारवान बनेंगे और प्रतिदिन होने वाली ऐसी बलात्कार की घटनाओं पर रोक लगेगी।
मुख्य अतिथि महिला बाल विकास अधिकारी सुषमा भदौरिया ने रामायण और महाभारत के दृष्टांत सुनाते हुए कहा व्यक्ति अपने ही कर्मों को फलित करते हुए इस संसार में विचरण करता है। कोई भी व्यक्ति अपने संस्कारों से बंधा होता है और उसी के अनुसार कार्य करता है। सतयुग, द्वापर युग, त्रेता युग और कलियुग इन चार युगों की परंपराओं के बारे में बताते हुए कहा कि अंतिम युग कलियुग है। इसके बाद अब पुन: सतयुग आने वाला है। कलियुग में जो भी घृणित कार्य किए जा रहे हैं। वे सब कलयुग की देन है। इस युग में व्यक्ति लालच, मोह, लोभ, व्यभिचार आदि ऐसी बुराइयों से ग्रसित होगा और दिन प्रतिदिन देश में दुनिया में आत्महत्या, बलात्कार ,चोरी, डकैती , भ्रष्टाचार जैसे दुराचार होते रहेंग। सतयुग आने पर पुन: पहले की जैसे ही महिलाएं पुरुष बच्चे आदि सब एक-दूसरे के साथ सज्जनता पूर्वक व्यवहार करेंगे, किंतु इस कलियुग में हमें अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देना बहुत जरूरी है। तभी दुराचार मिटाया जा सकता है।
दिवंगत बेटियों की आत्मा की शांति के लिए दीप जलाए
भारत माता को महिलाओं की शक्ति का प्रतीक मानते हुए दिवंगत बेटियों की आत्मा की शांति के लिए दीप प्रज्वलित कर उन्हें पुष्पांजलि दी। अंत में मौन श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर हनसा झाला , मंजू चौहान , दीपिका चौहान , कृष्णा शेखावत, पदमा चौहान , सुषमा चौहान, कल्पना जादौन, रेखा शर्मा, विजयलक्ष्मी शुक्ला, लता देवल, मंजू देराश्री, प्रियंका जोशी , अंबिका टवली, वंदना नायडू, दीपा सोनी, ज्योति सोनी, रितु सोडाणी, भूमिका माहेश्वरी, ऋ तु कुरासिया, निर्मला अजनार, रईसा कुरैशी, परवीन शेख आदि उपस्थिति थीं। संचालन सीमा चौहान ने किया। आभार उषा पवार ने बना माना ।

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