झाबुआ जिले में ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या 22 हजार 220 है। जिले में तीनों ऑइल कंपनियों ने उज्जवला योजना के तहत 1 लाख 6 हजार गरीब परिवारों को उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी गैस कनेक्शन दिए हैं। उनमें से कई ऐसे कनेक्शनधारी ऐसे हैं जिन्होंने पहली बार सिलेंडर लिया और फिर लौट कर ही नहीं आए। चूकि 31 मार्च के बाद नया वित्तीय वर्ष शुरू हो जाएगा, लिहाजा गैस कंपनियां भी चाहती है कि उपभोक्ता अपने सिलेंडर में गैस रीफिल जरूर करवा लें। ऐसा नहीं करने पर उनके कनेक्शन बंद कर दिए जाएंगे। गैस कंपनियों द्वारा कराए गए सर्वे में पता चला था कि 14.2 किलोग्राम के एक सिलेंडर की कीमत करीब 750 रुपए है। इसे गांव तक ले जाने का खर्च अलग पड़ता है, जिसके चलते ग्रामीणों ने सिलेंडर रीफिल करवाना मुनासिब नहीं समझा। यह बात भी सामने आई थी कि जहां एक चार सदस्यीय परिवार को सालभर में 4 गैस सिलेंडर की जरूरत पड़ती है तो वहीं झाबुआ जिले में औसत 2.6 सिलेंडर का उपयोग ही हो रहा था। यानी कहीं न कहीं लोग योजना का लाभ नहीं उठा रहे हैं। उज्ज्वला योजना से जुड़े लोगों को अब 5 किलोग्राम का गैस सिलेंडर भी मुहैया कराया जा रहा है। इसकी कीमत 273 रुपए है। इससे ग्रामीणों पर इकट्ठा आथर््िाक भार नहीं पड़ेगा।
3. ग्रामीणों का पलायन: तीसरा सबसे अहम कारण ग्रामीणों का पलायन है। बड़ी संख्या में ग्रामीण काम की तलाश में बाहर चले जाते हैं। ऐसे में उनके लिए गैस सिलेंडर की उपयोगिता नहीं रह जाती।
एक बार गैस रीफिल करवाना जरूरी उज्ज्वला योजना में एक बार गैस रीफिल करवाना जरूरी है। यदि ऐसा नहीं किया तो 31 मार्च के बाद ऐसे सभी गैस कनेक्शन बंद कर दिए जाएंगे। यदि उपभोक्ता को किसी तरह की दिक्कत है तो वे 14.2 किलोग्राम का सिलेंडर जमा करवाकर 5 किलोग्राम वाला गैस सिलेंडर ले जा सकते हैं।
गौरव शाह, गैस प्रभारी, जिला सहकारी थोक उपभोक्ता भंडार, झाबुआ
गौरव शाह, गैस प्रभारी, जिला सहकारी थोक उपभोक्ता भंडार, झाबुआ