समस्या हाईवे की हालत खराब, गड्ढों में वाहन चलना मुश्किल, बरसात में होगा दुर्घटनाओं में इजाफा
झाबुआ. कई जगह अधूरा पड़ा फोरलेन इस साल बरसात में फिर वाहन चालकों के लिए मुसीबत खड़ी करेगा। प्रशासन द्वारा फोरलेन निर्माण कंपनी पर एफआईआर दर्ज करवाने और बरसात के पूर्व इसे पूर्ण करने के निर्देश देने के बाद भी फोरलेन कई जगह से अधूरा पड़ा है।
झाबुआ से इंदौर तक कई जगह पुल अधूरे पड़े हैं। जो बने भी तो उनके किनारों को वैसा ही छोड़ दिया गया। पुल के बीच की दरारें ऐसे ही छोड़ दी गई हैं। जो बरसात में और खतरनाक हो जाएगी। इससे दुर्घटनाओं में इजाफा होने की आशंका प्रबल है। वर्ष 2010 में फोरलेन का निर्माण शुरू होने पर जिलेवासियों सहित वाहन चालकों ने भी राहत की सांस ली थी, लेकिन फोरलेन निर्माण कर रही कंपनी बीच में ही यहां से नदारद हो गई। इसके चलते न तो फोरलेन निर्माण पूर्ण हो पाया न ही इसमें बन रहे पुल पूर्ण हुए। जिलेवासियों के लिए फोरलेन सपना ही बन कर रह गया। वर्ष 2013 में पूर्ण होने वाला फोरलेन तीन साल बाद भी अधूरा पड़ा है। जिलेवासियों को अभी भी जानलेवा मार्ग पर ही सफर करना पड़ रहा है।
राष्ट्रीय राजमार्ग बेहाल
फोरलेन निर्माण की शुरूआत होने के बाद से ही इंदौर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग 59 की दुर्गत हो गई है। फोरलेन का निर्माण कर रही कंपनी को ही हाईवे की मरम्मत की भी जिम्मेदारी सौंप दी गई। इसके बाद हाईवे की देखरेख करने वालों ने इधर मुड़कर नहीं देखा। वर्तमान में राजमार्ग गड्ढों से पटा पड़ा है। इसका खामियाजा वाहन चालक भुगत रहे हैं। झाबुआ से राजगढ़-धार होकर इंदौर जाने वालों को मजबूरन बदनावर घूमकर इंदौर जाना पड़ रहा है। जबकि गुजरात जाने के लिए झाबुआ से पिटोल तक लोगों की जान सांसत में रहती है। एक-एक, डेढ़-डेढ़ फीट गड्ढों से पटे पड़े मार्ग के कारण कब वाहन लुढ़क जाए कहा नहीं जा सकता। शाासन, प्रशासन द्वारा कोई दुर्घटना घटने पर मार्ग के गड्ढों को भरना शुरू कर दिया जाता है। जो कुछ दिनों में यथावत हो जाते हैं। यही हाल इंदौर रोड का है। रूट पर निर्धारित बसों को चलाना बस संचालकों की मजबूरी है। तो भारवाहक वाहनों को माल भरने, खाली करने आना पड़ता है। शहर में बन रही उत्कृष्ट सड़क का किशनपुरी स्थित पुल अधूरा पड़ा है। अनास नदी का पुल जर्जर हो चुका है।