सरकार आई तो आदिवासियों का पट्टा निरस्त नहीं होगा, निरस्त होगा अधिकारी
झाबुआPublished: Aug 08, 2023 12:56:52 am
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने आदिवासी स्वाभिमान यात्रा के समापन कार्यक्रम में कहा...


सरकार आई तो आदिवासियों का पट्टा निरस्त नहीं होगा, निरस्त होगा अधिकारी
झाबुआ. आदिवासी स्वाभिमान यात्रा के समापन कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आदिवासियों के हक और अधिकारों की बात कही। उन्होंने कहा, जब कांग्रेस की सरकार बनी तो मैंने अधिकारियों की मीङ्क्षटग बुलाकर पूछा कितने आदिवासियों के पट्टे निरस्त किए गए तो पता चला साढ़े तीन लाख। मैने हर कलेक्टर से बात की और कहा कि तुम्हारी नौकरी निरस्त हो जाएगी, आदिवासी का पट्टा निरस्त नहीं होना चाहिए। परंतु हमारी सरकार नहीं रही। अब सरकार आएगी तो पट्टा निरस्त नही होगा, निरस्त होगा वो अधिकारी। मैं ये पूछना चाहता हूं कि हजार, दो हजार साल पहले यहां कौन रहता था। ये सब जमीन किसकी थी, जंगल किसके थे। हमारे आदिवासी भाईयो के थे। आज वही मूल निवासी पट्टे की मांग करता है, पर मैं उल्टी बात कहता हूं कि कलेक्टर आप इनसे पट्टे की मांग करिए, जमीन तो इनकी है।
आदिवासी समाज के लिए किए काम गिनवाए
ङ्क्षछदवाड़ा में तीन विधायक आदिवासी हैं। ङ्क्षछदवाड़ा का महापौर एक 32 साल का आदिवासी लडक़ा है। जिसकी मां आंगनवाड़ी कार्यकर्ता है और पिता मजदूरी करते हैं।वो खुद भी मजदूरी करता था। मैने महापौर के लिए उसे चुना, क्योंकि मैं एक आदिवासी को सम्मान देना चाहता था। कमलनाथ ने आदिवासी नेता रामू टेकाम को आगे करते हुए कहा-मैं एक कार्यक्रम में गया तो देखा एक सक्रिय नौजवान है। इसके पिता मजदूरी करते हैं। मैं इसके गांव गया। उस दिन मैंने अपने मन में ठान लिया कि मैं इसे बैतूल से लोकसभा का चुनाव लड़वाऊंगा। ये रामू टेकाम के लिए नहीं है, ये आदिवासी समाज के लिए है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ङ्क्षछदवाड़ा मॉडल भी बताया। उन्होंने कहा-मै 40 साल से ङ्क्षछदवाड़ा का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं। ङ्क्षछदवाड़ा के आदिवासियों ने मुझे लोकसभा भेजा जब मैं नौजवान था। मै आपसे कहना चाहता हूं कि आप ङ्क्षछदवाड़ा जाइए। मप्र का सबसे बड़ा जिला है। आपको देखने को मिलेगा, कैसे हम धीरे- धीरे आगे बढ़े।