कॉलेज मैदान पर हो रहे निर्माण कार्यों के लिए रेत तय मानक से ज्यादा लाई जा रही है। डंपर तय मानक से लगभग तीन फीट ऊपर तक भरकर लाए जा रहे हैं। कपड़ों से ढांककर खुलेआम रेत परिवहन कर ओवरलोड वाहनों से सड़कों एवं रेवेन्यू दोनों का नुकसान हो रहा है। गंभीर बात यह है कि शासकीय कार्य में ही नियमों का उल्लंघन कर रहा है। ओवरलोड वाहनों को परिवहन करने पर पकड़े जाने का डर नहीं और इससे संबंधित विभागों को राजस्व की चिंता नहीं। आमतौर पर एक दिन में 90 से ज्यादा ट्रक-डंपर निकलते हैं। रेत झाबुआ के अलावा रतलाम, उज्जैन और धार जिले तक पहुंचाई जाती है। इन पर लंबे समय से कार्रवाई नहीं हुई।
3 माह की सजा एवं वाहन राजसात करने का नियम- ओवरलोड परिवहन कर रहे वाहनों के कारण सड़क को नुकसान और दुर्घटना होने का खतरे को देखते हुए सरकार ने सख्त कदम उठाए, लेकिन अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण ओवरलोड परिवहन नहीं रुक सका। नियमानुसार पहली बार ओवरलोड पकड़े जाने पर प्रशासन नरम रुख अपनाए का दूसरी बार ओवरलोड करते पकड़े जाने पर प्रशासन सख्त चेतावनी दे एवं तीसरी बार पकड़े जाने पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत पब्लिक प्रोपटी को नुकसान पहुंचाने के आरोप में एफआइआर दर्ज होगी। इसमें तीन माह की सजा का प्रावधान है। इसके बाद भी यदि कोई नहीं रुके एवं बार-बार ओवरलोड परिवहन करते पाए जाने पर वाहन राजसात करने तक का नियम है।
एक राउंड में 25 से 30 हजार रुपए तक एक्स्ट्रा इनकम-
रेत का व्यापार कर रहे व्यक्ति ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि खदानों पर रॉयल्टी के लिए तौल कांटे पर वजन करके रॉयल्टी ले ली जाती है , लेकिन सेटिंग से कांटे से उतरने पर वाहन में ज्यादा रेत भर दी जाती है। 10 टायर वाले डंपर 14 घन मीटर रेत परिवहन कर सकते हैं। यहां 22 घन मीटर तक परिवहन किया जा रहा है। 12 टायर वाले डंपर 16 घन मीटर रेत परिवहन कर सकते हैं, लेकिन यहां 25 घन मीटर तक परिवहन किया जा रहा है। इस तरह लगभग एक ट्रक माल की रॉयल्टी भी बच जाती है और रेत बेचने पर पैसा भी मिल जाता है। इस तरह एक राउंड में 25 से 30 हजार रुपए तक एक्स्ट्रा इनकम होती है। ट्रक वाले भी ओवरलोड माल भरकर लाते हैं एवं झाबुआ पहुंचने से पहले ट्रैक्टरों में माल निकाल लेते हैं। एक ट्रक से तीन से चार ट्रॉली रेट निकालने के बाद झाबुआ मंडी में बिकने पहुंच रहे ट्रक। इस तरह ट्रक वाले भी लगभग 15000 रुपए तक एक राउंड में बचा रहे हैं।
ग्राउंड को भी नुकसान- ग्राउंड बनने से डेढ़ साल तक सभी प्रकार की खेल गतिविधियां बंद थी। खिलाडिय़ों की सुविधा के लिए तैयार ग्राउंड में अभी अभी घास लगाकर सुबह शाम सींचा जा रहा है। मैदान में प्रतिदिन पहुंचने वाले खिलाडिय़ों ने बताया कि मैदान में बना रनिंग ट्रैक का निर्माण कार्य के चलते फिर से खराब होने लगा। बड़े भारी वाहन मैदान में निर्माण सामग्री पहुंचाने के दौरान मैदान से गुजर रहेे हैं। लंबे समय तक खेल बंद रहा है। अभी मैदान को पूरी तरह बनने में वक्त लगेगा।
मैं इस पर कार्रवाई करवाता हूं-
ओवरलोड वाहनों पर समय-समय पर कार्रवाई करते हैं। मैं इस पर कार्रवाई करवाता हूं।
-शंकर सिंह कनेश, खनिज निरीक्षक।