फसल के लिए हर घर में एक-दो लोगों को छोड़ दिया जाता था। बाकी मजदूरी के लिए पलायन कर जाते थे। पर इस बार फसल ही नहीं रही तो बचे हुए लोग भी पलायन कर रहे हैं। गंभीर बात ये भी है कि साथ में बच्चों को भी ले जा रहे हैं। इससे उनकी पढ़ाई पर विराम लग गया है। इस समय गांवों में वही लोग बचे हैं। इनके हाथ-पांव काम नहीं कर रहे। गांवों में पड़ताल करने पर पता चलता है कि 1 से डेढ़ लाख लोग सितंबर माह में पलायन कर चुके हैं। सिलसिला अभी जारी है। साथ ही जो पहले से 5 लाख के करीब लोग पलायन कर चुके हैं, वह भी मतदान करने और दीपावली पर नहीं आएंगे। नेता और अफसर मान के चल रहे हैं कि मतदान का प्रतिशत कम होगा, लेकिन जितना भी होगा नतीजे तो निकलेंगे ही। इस कारण गरीबों जाने से कोई रोक नहीं रहा है।
99 फीसदी फसल चौपट
प्रशासन के प्रारंभिक सर्वे में करीब 200 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित होने की जानकारी सामने आई है। इससे लगभग 4 लाख का नुकसान हुआ है। एएसएलआर सुनील राणा का कहना है कि हालांकि फाइनल रिपोर्ट आने के बाद वस्तुस्थिति स्पष्ट हो पाएगी। जमीनी हकीकत पर नजर डालें तो फसलों के नाम पर खेतों में पौधों के सड़े तने और सड़ी पत्तियां दिख रही हैं। खास बात ये भी है कि कहां पर सर्वे हुआ। किसी किसान ने नहीं देखा। मतलब साफ है कि सर्वे के नाम पर खानापूर्ति पूरी की जा रही है। जिले में इस वर्ष 1 लाख 89 हजार 29 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की बोवनी की गई थी। इसमें से 99 फीसदी फसल चौपट हो चुकी है।
&कुछ वर्षों से परिवार की मदद करने के लिए जामनगर में मजदूरी करते हैं। 4 बीघा खेत था। बारिश ने फसल बर्बाद कर दी। कोई सर्वे नहीं हुआ। पहली बार दीपावली पर गुजर बसर की जुगाड़ करने परिवार के लोग मजदूरी करने गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र जा रहे है। चुनाव तो होते ही रहते हैं। नेताओं ने हमें दिया ही क्या है। एक भी नेता हमारे गांव नहीं आया।
-पंकज मावी, आमली फलिया।
चार दानों की आस थी वह भी खत्म
&6 बीघा खेत पिता के पांच भाइयों में बंट गया। पांच भाइयों के बच्चों को मिलाकर अब परिवार इतना बड़ा हो गया कि खेती के लिए किसी के पास जमीन नहीं बची। चार दानों की आस थी वह भी खत्म हो गई। कोई नेता-अफसर देखने तक नहीं आया। खर्च पूरा नहीं होता। इसलिए जामनगर, सूरत, अहमदाबाद , मोरबी मजदूरी करने के लिए जा रहे हैं।
-तोलिया मानसिंह भूरिया, बाढ़कुआ
कर्जा चुकाने के लिए जा रहे
8 बीघा खेत पूरा बर्बाद हो गया। पानी में फसल सड़ गई तो कुछ फसल कीड़े चट कर गए। अब कर्जा चुकाने के लिए , साल भर का खर्चा निकालने के लिए मोरबी जाकर मजदूरी करना है। मेरी बीवी व बेटा भी साथ घर छोड़कर जा रहे हैं। साथ ही जो परिजन मोरबी में मजदूरी कर रहे हैं। उनको दीपावली पर लौटना था, पर वे भी नहीं आएंगे।
-समन सिंह डामोर, गोलाछोटी।
एक भी नेता हमारे गांव नहीं आया-
कुछ वर्षों से परिवार की मदद करने के लिए जामनगर में मजदूरी करते हैं। 4 बीघा खेत था। बारिश ने फसल बर्बाद कर दी। कोई सर्वे नहीं हुआ। पहली बार दीपावली पर गुजर बसर की जुगाड़ करने परिवार के लोग मजदूरी करने गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र जा रहे है। चुनाव तो होते ही रहते हैं। नेताओं ने हमें दिया ही क्या है। एक भी नेता हमारे गांव नहीं आया।
कर्जा चुकाने के
लिए जा रहे
&8 बीघा खेत पूरा बर्बाद हो गया। पानी में फसल सड़ गई तो कुछ फसल कीड़े चट कर गए। अब कर्जा चुकाने के लिए , साल भर का खर्चा निकालने के लिए मोरबी जाकर मजदूरी करना है। मेरी बीवी व बेटा भी साथ घर छोड़कर जा रहे हैं। साथ ही जो परिजन मोरबी में मजदूरी कर रहे हैं। उनको दीपावली पर लौटना था, पर वे भी नहीं आएंगे।
-समन सिंह डामोर,
गोलाछोटी।
योजनाएं बंद होने से पलायन
बिजली नहीं मिल रही। फिर भी भारी भरकम बिल आ रहे हैं। किसानों का कर्जा माफ नहीं हुआ और कमीशन देने पर 1 लाख तक का कर्जा दिया जा रहा है। किसानों को बीमा राशि व बेरोजगारों को 4 हजार के मान से भत्ता दिया जाए। भाजपा सरकार की कल्याणकारी योजनाएं बंद कर दी। इससे पलायन हो रहा है। फसलें पूरी तरह खत्म हो चुकी हैं। सर्वे की जगह पूरा मुआवजा मिलना चाहिए।
-ओम प्रकाश शर्मा, जिला अध्यक्ष भाजपा।
कांग्रेस की सरकार बनते ही किसानों का 2 लाख तक का कर्ज माफ किया गया। किसानों के लिए सरकार हर तरह की मदद को तैयार है। इतने कम समय में सरकार ने बेहतर काम किया है। इससे भाजपा को हारने का डर है। खराब हुई फसलों का मुआवजा देने के लिए भी मुख्यमंत्री ने कहा है।
-निर्मल मेहता, जिला अध्यक्ष कांग्रेस।
&बिजली नहीं मिल रही। फिर भी भारी भरकम बिल आ रहे हैं। किसानों का कर्जा माफ नहीं हुआ और कमीशन देने पर 1 लाख तक का कर्जा दिया जा रहा है।भाजपा सरकार की कल्याणकारी योजनाएं बंद कर दी। इससे पलायन हो रहा है। फसलें पूरी तरह खत्म हो चुकी हैं। मुआवजा मिलना चाहिए।-ओम प्रकाश शर्मा, जिला अध्यक्ष भाजपा
&कांग्रेस की सरकार बनते ही किसानों का 2 लाख तक का कर्ज माफ किया। इतने कम समय में सरकार ने बेहतर काम किया है। इससे भाजपा को हारने का डर है। खराब हुई फसलों का मुआवजा देने के लिए भी मुख्यमंत्री ने कहा है।
-निर्मल मेहता, जिला अध्यक्ष कांग्रेस।