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क्षतिग्रस्त सरकारी इमारतों को जमीदोज करने का कोई प्लान नहीं

locationझाबुआPublished: Aug 02, 2023 08:19:20 pm

Submitted by:

binod singh


- नगर पालिका के रिकॉर्ड में शहरी क्षेत्र में 19 भवन क्षतिग्रस्त, इसमें से तीन सरकारी

क्षतिग्रस्त सरकारी इमारतों को जमीदोज करने का कोई प्लान नहीं
क्षतिग्रस्त सरकारी इमारतों को जमीदोज करने का कोई प्लान नहीं
झाबुआ. बस स्टैंड पर स्थित पुराना धर्मशाला भवन हो या फिर सुभाष मार्ग में बना पुराना तहसील कार्यालय भवन..., तस्वीर देखकर ही आकलन किया जा सकता है कि किसी भी दिन ये इमारतें भरभराकर ढह जाएगी। ऐसी एक नहीं, शहर में 19 प्रॉपर्टी है। इसके बावजूद प्रशासनिक स्तर पर इन्हें जमींदोज करने का कोई प्लान आज तक नहीं बना। हर साल बारिश के पहले सिर्फ कागजी नोटिस देने की कार्रवाई की जाती है। ऐसे में किसी भी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है। हाल ही में बाबेल चौराहे पर स्थित विवादित क्षतिग्रस्त भवन के ऊपरी मंजिल की छत का हिस्सा ढह गया था। इस भवन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। नीचे के हिस्से में दुकानें बनी हैं और कोई भी उन्हें खाली करने को तैयार नहीं, जिससे इसे चाहकर भी नहीं ढहाया जा सकता। इसी तरह बस स्टैंड पर पुराने धर्मशाला भवन की मुंडेर भी अचानक गिर गई थी। इस भवन को भी नगर पालिका जमीदोज नहीं कर पा रही है।
नपा की सूची में दर्ज है ये सारे क्षतिग्रस्त भवन
वार्ड क्रमांक 5: लक्ष्मीबाई मार्ग में नरेंद्र पिता सरदार मल जैन, अशोक कुमार पिता समरथमल राठौर और चंदाबाई पवार का मकान क्षतिग्रस्त हो रहा है।
वार्ड क्रमांक 6: चंद्रशेखर आजाद मार्ग में सकिलाबाई पति हातिमभाई, अचरतलाल पिता लालचंद शाह ,दिगंबर जैन मंदिर, पुष्पेंद्र ङ्क्षसह पिता भारत ङ्क्षसह तोमर और मंजुला पति अरुण कुमार देराश्री के भी नाम क्षतिग्रस्त भवन मालिक के रूप में दर्ज है।
वार्ड क्रमांक 7: कुम्हारवाडा में स्थित अब्दुल रहमान पिता नूर मोहम्मद का मकान क्षतिग्रस्त हो रहा है
वार्ड क्रमांक 8: कस्तूरबा मार्ग में आयुष पिता संतोष माननी का मकान क्षतिग्रस्त हैं।
वार्ड क्रमांक 9: भोज मार्ग में अविनाश पिता अचरजलाल, कन्हैयालाल पिता जीवराम शाह, जेमताभाई बिलवाल, राजेंद्र पन्नालाल नीमा जयंतीलाल पिता भेरुलाल शाह का मकान क्षतिग्रस्त हो रहा है।
ये सरकारी भवन भी जर्जर, नहीं किए जा रहे डिसमेंटल
1.आजाद चौक में स्थित आबकारी विभाग का दफ्तर इस अवस्था में है कि किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। इसके बावजूद इस भवन को जीमोदोज कर नए भवन निर्माण का कोई प्लान आज तक नहीं बनाया गया।
2. सुभाष मार्ग में स्थित पुराना तहसील कार्यालय भवन जो वर्तमान में होमगार्ड विभाग के अधीन है, वह भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो रहा है। यह भी किसी दिन बड़ी दुर्घटना का कारण बनेगा।
3. भोजमार्ग में स्थित लोक निर्माण विभाग के पुराने आवास भी जर्जर स्थिति में है।
4. बस स्टैंड पर पुराना धर्मशाला भवन बना हुआ है। यह पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है। इसके नीचे कतार में नगर पालिका की वर्षों पुरानी दुकानें बनी हुई है। आए दिन कभी धर्मशाला भवन का प्लास्तर तो कभी मुंडेर का हिस्सा नीचे गिरता रहता है। पिछले दिनों मुंडेर का एक हिस्सा नीचे गिर गया था। गनीमत रहा कि उस वक्त नीचे कोई नहीं था। नहीं तो बड़ा हादसा हो जाता।
नगर पालिका अध्यक्ष कविता ङ्क्षसगार से सीधी बात-
सवाल: शहर में जितने क्षतिग्रस्त भवन है उनके लिए क्या किया जा रहा है?
जवाब: सभी को नोटिस दिए गए हैं। कुछ विवादित संपत्ति भी है जिनके केस न्यायालय में चल रहे हैं।
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