बिजली कंपनी राजस्व वसूली के मामले में बेहद सख्त है। बकाया रकम ज्यादा होने पर कई बार पूरे के पूरे गांव की सप्लाय ट्रांसफॉर्मर से ही रोक दी जाती है। यही नहीं, अधिकारी वसूली के लिए बकायेदार की बाइक, पंखा या अन्य सामान भी जब्त कर लाते हैं। चूंकि विधानसभा चुनाव सामने थे, लिहाजा शासनस् तर से ही इस बार ज्यादा सख्ती नहीं बरतने के निर्देश जारी हुए थे। जिसका असर अब सामने आया है। नवंबर-16 में जब नोटबंदी हुई थी तो बिजली कंपनी ने अपने उपभोक्ताओं को यह सुविधा प्रदान की थी कि वे पुराने 500 व 1000 के नोट के रूप में बकाया बिजली बिल भर सकते हैं। सर्वाधिक 12 करोड़ 96 लाख रुपए राजस्व जमा हुआ। यह अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा था।
नवंबर-17 में आंकड़ा कम हुआ
नवंबर-17 में राजस्व वसूली के आंकड़े में कमी आई। इस महीने में 9 करोड़ 6 1 लाख रुपए ही बकाया बिल के रूप में जमा हुए। यह नवंबर-2016 की तुलना में 3 करोड़ 35 लाख रुपए कम था। हालांकि फिर भी स्थिति संतोषजनक रही।
ये दो वजह जिसके चलते वसूली में सख्ती नहीं दिखाने के थे निर्देश
1. मतदान का प्रतिशत: यदि बिल नहीं भरने की एवज में उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटे जाते तो हो सकता था कि वे मतदान करने से ही परहेज कर लेते। इसका सीधा असर मतदान के प्रतिशत पर पड़ता।
2. चुनावी मुद्दा बन जाता: यदि वसूली के चक्कर में पूरे गांव की बिजली कट जाती या अलग-अलग कई लोगों के कनेक्शन काट िदए जाते तो यह चुनावी मुद्दा बन जाता। जिसे लेकर राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो जाते।
नवंबर-17 में राजस्व वसूली के आंकड़े में कमी आई। इस महीने में 9 करोड़ 6 1 लाख रुपए ही बकाया बिल के रूप में जमा हुए। यह नवंबर-2016 की तुलना में 3 करोड़ 35 लाख रुपए कम था। हालांकि फिर भी स्थिति संतोषजनक रही।
ये दो वजह जिसके चलते वसूली में सख्ती नहीं दिखाने के थे निर्देश
1. मतदान का प्रतिशत: यदि बिल नहीं भरने की एवज में उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटे जाते तो हो सकता था कि वे मतदान करने से ही परहेज कर लेते। इसका सीधा असर मतदान के प्रतिशत पर पड़ता।
2. चुनावी मुद्दा बन जाता: यदि वसूली के चक्कर में पूरे गांव की बिजली कट जाती या अलग-अलग कई लोगों के कनेक्शन काट िदए जाते तो यह चुनावी मुद्दा बन जाता। जिसे लेकर राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो जाते।
ऑफ द रेकॉर्ड
सरकार से मिले थे मौखिक आदेश, किसी भी गांव की बिजली नहीं कटनी चाहिए
सूत्रों के अनुसार सरकार से भी मौखिक आदेश मिले थे कि बिजली कंपनी के अधिकारी बकाया बिल की राशि वसूलने के लिए बिलकुल भी सख्ती न बरतें। कुछ भी हो जाए, लेकिन किसी गांव की लाइट नहीं कटनी चाहिए। यदि बहुत जरूरी हो तो ही संबंधित उपभोक्ता का कनेक्शन काटा जाए। इसके पीछे सीधा-सीधा गणित था कि यदि किसी गांव का कनेक्शन कटा तो यह चुनावी मुद्दा बन जाएगा और विरोधी पार्टी इसका लाभ उठा लेगी।
सरकार से मिले थे मौखिक आदेश, किसी भी गांव की बिजली नहीं कटनी चाहिए
सूत्रों के अनुसार सरकार से भी मौखिक आदेश मिले थे कि बिजली कंपनी के अधिकारी बकाया बिल की राशि वसूलने के लिए बिलकुल भी सख्ती न बरतें। कुछ भी हो जाए, लेकिन किसी गांव की लाइट नहीं कटनी चाहिए। यदि बहुत जरूरी हो तो ही संबंधित उपभोक्ता का कनेक्शन काटा जाए। इसके पीछे सीधा-सीधा गणित था कि यदि किसी गांव का कनेक्शन कटा तो यह चुनावी मुद्दा बन जाएगा और विरोधी पार्टी इसका लाभ उठा लेगी।
जिले में कितने हैं बिजली कनेक्शन
०2 लाख 21 हजार 76 2 कुल बिजली कनेक्शन जिले में
32543 घरेलू कनेक्शन
9383 व्यावसायिक
144944 एक बत्ती कनेक्शन
180 वॉटर वक्र्स के कनेक्शन
113 स्ट्रीट लाइट कनेक्शन
1762 औद्योगिक
30685 सिंचाईपंप कनेक्शन
०2 लाख 21 हजार 76 2 कुल बिजली कनेक्शन जिले में
32543 घरेलू कनेक्शन
9383 व्यावसायिक
144944 एक बत्ती कनेक्शन
180 वॉटर वक्र्स के कनेक्शन
113 स्ट्रीट लाइट कनेक्शन
1762 औद्योगिक
30685 सिंचाईपंप कनेक्शन