दरअसल, यह दावा कोई और नहीं, मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने यह दावा किया है। भार्गव झाबुआ उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदावर भानु भूरिया के लिए चुनाव प्रचार करने गए थे। उन्होंने मंच से भानु भूरिया को जिताने के लिए अपील की। उसके बाद उन्होंने कहा कि अगर आप भानु भूरिया को जिताते हैं तो दीपावली के बाद शिवराज सिंह चौहान फिर से मध्यप्रदेश में सीएम पद की शपथ लेंगे।
मंच पर मौजूद थे शिवराज
गोपाल भार्गव जब झाबुआ में यह बात कह रहे थे, तब मंच पर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे। भार्गव की बात सुन शिवराज भी उनकी तरफ देख रहे थे। गोपाल भार्गव मंच पर भानु भूरिया को अपने साथ खड़ा कर बोल रहे थे कि आप कर्जमाफी की पैसे दे नहीं रहे हो लेकिन भारत सरकार दे रही है तो फिर आपके पेट में दर्द क्यों हो रहा है। उन्होंने कहा कि मित्रों अब इसलिए वक्त आ गया है कि भानु भूरिया जी को जिताएं। जिनके बारे में ज्यादा चर्चा करने की जरूरत नहीं हैं। लेकिन सारे नौजवान हाथ उठाकर बताएं कि आपलोग शिवराज सिंह चौहान को फिर से सीएम बनना क्या नहीं देखना चाहते।
गोपाल भार्गव जब झाबुआ में यह बात कह रहे थे, तब मंच पर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे। भार्गव की बात सुन शिवराज भी उनकी तरफ देख रहे थे। गोपाल भार्गव मंच पर भानु भूरिया को अपने साथ खड़ा कर बोल रहे थे कि आप कर्जमाफी की पैसे दे नहीं रहे हो लेकिन भारत सरकार दे रही है तो फिर आपके पेट में दर्द क्यों हो रहा है। उन्होंने कहा कि मित्रों अब इसलिए वक्त आ गया है कि भानु भूरिया जी को जिताएं। जिनके बारे में ज्यादा चर्चा करने की जरूरत नहीं हैं। लेकिन सारे नौजवान हाथ उठाकर बताएं कि आपलोग शिवराज सिंह चौहान को फिर से सीएम बनना क्या नहीं देखना चाहते।
दो दिन में दो बयान
दरअसल, मध्यप्रदेश में बीजेपी द्वारा सरकार बनाने की दावेदारी पिछले कुछ दिनों से नहीं किया जा रहा था। लेकिन दो दिनों के अंदर दो कद्दावर नेताओं ने झाबुआ के रण में एक बार फिर से यह दावेदारी पेश की है। गोपाल भार्गव से पहले बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि अगर भानु भूरिया जीतें तो मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिरा देंगे।
दरअसल, मध्यप्रदेश में बीजेपी द्वारा सरकार बनाने की दावेदारी पिछले कुछ दिनों से नहीं किया जा रहा था। लेकिन दो दिनों के अंदर दो कद्दावर नेताओं ने झाबुआ के रण में एक बार फिर से यह दावेदारी पेश की है। गोपाल भार्गव से पहले बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि अगर भानु भूरिया जीतें तो मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिरा देंगे।
क्रॉस वोटिंग के बाद शांत थे नेता
लोकसभा चुनाव में मिली धमाकेदार जीत के बाद से बीजेपी के नेता मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिराने को लेकर दावे कर रहे थे। कर्नाटक में चल रहे नाटक के दौरान ही मध्यप्रदेश विधानसभा में एक विधेयक पास होना था। इसके लिए वोटिंग हुई और बीजेपी के दो विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने क्रॉस वोटिंग कर दी। उसके बाद बयान दिया कि हमलोग कमनाथ के साथ हैं। उसके बाद बीजेपी खेमे में खलबली मच गई थी। उसके बाद कोई भी नेता सरकार बनाने को लेकर कोई दावा नहीं करता था।
लोकसभा चुनाव में मिली धमाकेदार जीत के बाद से बीजेपी के नेता मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिराने को लेकर दावे कर रहे थे। कर्नाटक में चल रहे नाटक के दौरान ही मध्यप्रदेश विधानसभा में एक विधेयक पास होना था। इसके लिए वोटिंग हुई और बीजेपी के दो विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने क्रॉस वोटिंग कर दी। उसके बाद बयान दिया कि हमलोग कमनाथ के साथ हैं। उसके बाद बीजेपी खेमे में खलबली मच गई थी। उसके बाद कोई भी नेता सरकार बनाने को लेकर कोई दावा नहीं करता था।
मान गए रूठे विधायक
झाबुआ में वोटिंग से पहले बीजेपी अपने दोनों रूठे विधायकों को भी मनाने में कामयाब हो गई है। शरद कोल ने तो पहले ही कह दिया था कि मैं बीजेपी के साथ हूं। मंगलवार को नारायण त्रिपाठी भी बीजेपी ऑफिस पहुंच पार्टी में वापसी की। साथ ही कहा कि मैं बीजेपी में हूं।
झाबुआ में वोटिंग से पहले बीजेपी अपने दोनों रूठे विधायकों को भी मनाने में कामयाब हो गई है। शरद कोल ने तो पहले ही कह दिया था कि मैं बीजेपी के साथ हूं। मंगलवार को नारायण त्रिपाठी भी बीजेपी ऑफिस पहुंच पार्टी में वापसी की। साथ ही कहा कि मैं बीजेपी में हूं।