पैसों की बरसात कराने वाले चमत्कारी सिक्के को हथियाने के लिए की हत्या
झाबुआPublished: Jun 02, 2023 12:49:37 am
३ आरोपियों को पुलिस ने दबोचा , एक फरार
मारपीट के बाद बेहोशी की हालत में पेट्रोल छिडक़कर ङ्क्षजदा जलाया


पैसों की बरसात कराने वाले चमत्कारी सिक्के को हथियाने के लिए की हत्या
झाबुआ. अंधविश्वास और लालच के चलते पैसों की बरसात कराने वाले चमत्कारी सिक्के को हथियाने के चक्कर में 4 लोगों ने मिलकर एक व्यक्ति की जान ले ली। आरोपियों ने मारपीट के बाद नागदिया को बेहोशी की हालत में पेट्रोल छिडक़कर ङ्क्षजदा जला दिया। आग लगने के बाद नागदिया को होश आया कुछ देर तक वो छटपटाया, बचने का प्रयास किया, यह सब देख चारों आरोपी वहां से भाग निकले। पूरे घटनाक्रम के चलते माताजी का चमत्कारी सिक्का आरोपियों के हाथ नहीं लगा, पुलिस को सिक्का घटनास्थल पर मिट्टी में दबा मिला। पास में पूजन सामग्री , हल्दी कंकु, अगरबत्ती और कुछ सिक्के देखकर पुलिस का शक गहरा गया, पीएम रिपोर्ट और गुमशुदा व्यक्ति की पहचान करने पर पुलिस अंधे कत्ल का खुलासा करने में सफल हो सकी।
एक सप्ताह पहले मिली थी अधजली लाश
7 दिन पहले इंदौर-अहमदाबाद नेशनल हाइवे पर जलाराम ढाबे के पीछे पहाडिय़ों पर एक व्यक्ति की अधजली लाश मिली थी, जिसकी शिनाख्त हत्या के 1 दिन बाद धर्मपुरी में रहने वाले नागदिया पिता कालू वाखला के रूप में हुई थी। गुरुवार दोपहर 2 बजे पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित प्रेस वार्ता में पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया। हत्याकांड को अंजाम देने वाले चारों आरोपी गडवाड़ी के निवासी हैं। गिरफ्तार आरोपी करण पिता भल्ला मेडा (45), झांगु पिता सकरू राठौर (40), ङ्क्षपजू पिता मुन्ना राठौर (24) है। वहीं आरोपी अंबू पिता सकरू राठौर फरार हो गया है।
यह है मामला
26 मई को तेरङ्क्षसग पिता दल्ला भूरिया ने पुलिस को बताया कि सुबह 10 बजे गांव में बकरी चराने वाले बच्चे ने उसे ये बताया कि खेमङ्क्षसह के खेत पर बबूल के पेड़ के पास एक जली हुई लाश पड़ी है। तेरङ्क्षसह ने गांव वालों को बताया, गांव वालों ने पुलिस को सूचना दी । पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव का पीएम कराया, पीएम रिपोर्ट एवं साक्ष्य के आधार पर हत्या का प्रकरण दर्ज किया। कोतवाली में कुछ दिन पहले गुमशुदा की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। परिजन के बताए हुलिए एवं पहचान चिन्ह के आधार पर लाश की शिनाख्त गुमशुदा नागदिया पिता कालू वाखला निवासी धर्मपुरी के रूप में की गई। मृतक के परिजनों से पूछताछ में पता चला कि 25 मई को शाम को नागदिया के फोन पर गडवाड़ी के करण पिता भल्ला मेडा का फोन आया था , उसके बाद नागदिया नहीं लौटा, नागदिया का फोन भी बंद आ रहा था।
पूछताछ में कबूला गुनाह
पुलिस ने करण से 31 मई को घटना के संबंध में पूछताछ की,पहले तो करण टालमटोल कर रहा था, लेकिन सख्ती से पूछताछ करने पर करण ने बताया कि मृतक ने उसे कुछ दिन पहले बताया की उसके पास माताजी का चमत्कारी सिक्का है, जिसकी पूजा करने पर पैसों की बारिश होती है, लेकिन उसे पूजा करने का तरीका नहीं पता था ,उसने किसी जानकार से मिलाने के लिए कहा था। करण ने गांव के अंबू पिता सकरू राठौर को बताया तो अंबू ने बताया कि मैं पूजा करके ऐसे सिक्के से पैसे ला सकता हूं। 25 मई को अंबू राठौर ने नागदिया को सिक्का लेकर बुलाया, करण ने नागदिया को भंडारी पेट्रोल पंप पर बुलाया, फिर अपनी गाड़ी में बैठा कर गडवाड़ी पहाड़ी के नीचे सुनसान जगह ले गया, जहां पहले से पहाड़ी पर बैठे अंबू , झांगू और ङ्क्षपजू मिले। सबने मिलकर पूजा की, अंबु ने बोला कि सिक्का सही है , चारों ने प्लान बनाया कि सिक्का लेने के लिए अपन नागदिया को मार देते हैं, इससे जब चाहे तब पैसा निकालते रहेंगे। इसके बाद सभी आरोपी ने नागदिया को ल_ से पीट कर बेहोश कर दिया और बेहोशी की हालत में और उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी , जब नागदिया तड़पने लगा तो सभी आरोपी भाग गए। बाद में नागदिया की मौत हो गई।