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गीले कचरे से पहली बार में नपा ने बनाई 10 क्विंटल जैविक खाद, अब रियायत दर पर किसानों को उपलब्ध कराएंगे

locationझाबुआPublished: Dec 12, 2019 06:01:12 pm

Submitted by:

kashiram jatav

25 किलोग्राम की पैकिंग में उपलब्ध कराई जाएगी खाद, 200 रुपए प्रति बैग दाम रखने पर चल रही चर्चा
 

गीले कचरे से पहली बार में नपा ने बनाई 10 क्विंटल जैविक खाद, अब रियायत दर पर किसानों को उपलब्ध कराएंगे

गीले कचरे से पहली बार में नपा ने बनाई 10 क्विंटल जैविक खाद, अब रियायत दर पर किसानों को उपलब्ध कराएंगे

झाबुआ. स्वच्छता अभियान के तहत नगरपालिका ने पहली बार ट्रेंचिंग ग्राउंड पर गीले कचरे से 10 क्विंटल जैविक खाद तैयार की है। अब इसे रियायती दर पर किसानों को उपलब्ध कराने की योजना है। 25-25 किलोग्राम की पैकिंग में तैयार खाद का दाम 200 रुपए प्रति बैग निर्धारित करने पर चर्चा चल रही है। अंतिम निर्णय परिषद की बैठक में लिया जाएगा। दरअसल शहर में प्रतिदिन 7 टन कचरा निकलता है। इसमें से लगभग 5 टन गीला कचरा रहता है। इसका निष्पादन करने के लिए नगरपालिका ने जैविक खाद बनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत ट्रेंचिंग ग्राउंड पर 12 पिट बनाए गए।
एक पिट में 8 टन गीला कचरा संग्रहित किया जा सकता है। स्वच्छता अभियान के तहत किए गए इस प्रयास के सार्थक परिणाम मिले हैं। पहली ही बार में कुल 10 क्विंटल खाद तैयार हो गई। इसकी गुणवत्ता की जांच कराने के बाद नगरपालिका ने जैव अपशिष्ट प्रबंधन योजना के तहत 25-25 किलोग्राम के बैग तैयार किए हैं। चूंकि यह खाद पूरी तरह से जैविक है। लिहाजा किसानों में इसकी मांग भी बन गई है। दाम निर्धारित होने के बाद इसकी बिक्री शुरू की जाएगी।
35 दिन में तैयार होती है एक टन खाद-
नगरपालिका के स्वच्छता निरीक्षक कमलेश जायसवाल ने बतायाकि नपा द्वारा 9 कचरा वाहनों से प्रतिदिन कचरा एकत्रित किया जाता है। इसमें गीला व सूखा कचरा अलग-अलग जमा करते हैं। 8 टन गीले कचरे से 35 दिन में एक टन जैविक खाद तैयार होती है। अलग-अलग पीट में पहले गीला कचरा डाला जाता है। फिर इसमें कल्चर, गुड़ का पानी, दही आदि चीजे मिलाते हैं। इससे बैक्टिरियां पनपे और कचरे को खाद में तब्दील कर दें। भविष्य में खाद की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में भी काम किया जाएगा। इसके लिए कृषि विशेषज्ञों की सलाह लेंगे।
नपा को ये फायदा-
-गीले कचरे का निष्पादन स्वत: हो जाएगा
– ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरे का भार और भंडारण में भी कमी आएगी।
– कचरे की छंटनी और अन्य तरह की परेशानी भी कम होगी।
– जैविक खाद से अतिरिक्त आय प्राप्त होगी।
कीमत का निर्धारण परिषद करेगी-
स्वच्छता अभियान के तहत गीले कचरे का निष्पादन करने के उद्देश्य से जैविक खाद तैयार की गई है। परिषद की बैठक में कीमत पर निर्णय लिया जाएगा। न्यूनतम 25 किलोग्राम जैविक खाद 200 रुपए में उपलब्ध कराने की योजना है।
एलएस डोडिया, सीएमओ, झाबुआ
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