35 दिन में तैयार होती है एक टन खाद-
नगरपालिका के स्वच्छता निरीक्षक कमलेश जायसवाल ने बतायाकि नपा द्वारा 9 कचरा वाहनों से प्रतिदिन कचरा एकत्रित किया जाता है। इसमें गीला व सूखा कचरा अलग-अलग जमा करते हैं। 8 टन गीले कचरे से 35 दिन में एक टन जैविक खाद तैयार होती है। अलग-अलग पीट में पहले गीला कचरा डाला जाता है। फिर इसमें कल्चर, गुड़ का पानी, दही आदि चीजे मिलाते हैं। इससे बैक्टिरियां पनपे और कचरे को खाद में तब्दील कर दें। भविष्य में खाद की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में भी काम किया जाएगा। इसके लिए कृषि विशेषज्ञों की सलाह लेंगे।
-गीले कचरे का निष्पादन स्वत: हो जाएगा
– ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरे का भार और भंडारण में भी कमी आएगी।
– कचरे की छंटनी और अन्य तरह की परेशानी भी कम होगी।
– जैविक खाद से अतिरिक्त आय प्राप्त होगी।
स्वच्छता अभियान के तहत गीले कचरे का निष्पादन करने के उद्देश्य से जैविक खाद तैयार की गई है। परिषद की बैठक में कीमत पर निर्णय लिया जाएगा। न्यूनतम 25 किलोग्राम जैविक खाद 200 रुपए में उपलब्ध कराने की योजना है।
एलएस डोडिया, सीएमओ, झाबुआ