मिली जानकारी अनुसार ग्राम महुड़ीडूंगरी की संगा पति रामा मेड़ा (40) रविवार को अपने परिवार के सदस्यों के साथ मंदसौर मजदूरी करने जा रही थी। चूंकि रात में बस नहीं थी तो वे लोग यात्री प्रतिक्षालय में रुक गए। सोमवार तड़के करीब साढ़े 4 बजे प्रतिक्षालय में एक विक्षिप्त उत्पात मचाने लगा। उसके हाथ में फालिया था। वह फालिया दिखाकर सबको डरा रहा था और बोल रहा था कि कोई यहां से बाहर नहीं जाएगा। इसी दौरान उसने अचानक संगा के पास सो रही उसकी 8 साल की बेटी बल्ली के गले पर फालिया मार दिया। बीच-बचाव के लिए आई संगा के पैर में भी फालिया मार दिया। इससे चीख-पुकार मच गई और प्रतिक्षालय में सो रहे अन्य लोग बाहर की तरफ भागे। आवाज सुनकर कुछ लोग बाहर से अंदर आए तो देखा एक ग्रामीण के हाथ में खून से सना फालिया था और उसने मां-बेटी पर हमला कर दिया था। ऐसे में लोगों ने उसके हाथ से फालिया छीनने का प्रयास किया। इसी दौरान दो अन्य लोगों को भी उसने फालिया मारकर घायल कर दिया। हालांकि बाद में लोगों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी। उधर, बालिका और उसकी मां को तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने बालिका को मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी लगने पर एसडीओपी इडला मौर्य तत्काल मौके पर पहुंच गए। उनके साथ एफएसलए की टीम भी थी। लोगों ने विक्षिप्त को पुलिस के हवाले कर दिया है। उसे जिला अस्पताल में भर्ती किया है। उसकी पहचान भाबरा थाना क्षेत्र के ग्राम मायावाटनिवासी छगन पिता सेकडिय़ा कनेश (42) के रूप में हुई है। पुलिस उसका रिकॉर्ड निकलवा रही है। लोगों का कहना है जिस वक्त छगन फालिया दिखाकर लोगों को डरा रहा था उस वक्त कुछ पुलिसकर्मी बस स्टैंड पर चाय पीने आए थे। यदि वे फालिया छीन लेते तो शायद यह दुखद घटना नहीं होती।
सब्जी बेचने आई थी, बस नहीं मिली तो प्रतिक्षालय में रुक गई
ग्राम तलावली की मड़ी पति नानसिंह भूरिया (35) रविवार को हाट बाजार में सब्जी बेचने के लिए आई थी। देर हो गई तो बस नहीं मिली। ऐसे में वह रात में यात्री प्रतिक्षालय में रुक गई। विक्षिप्त छगन ने उसके सीने पर फालिया मारा। मड़ी का जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है। उसे ज्यादा गंभीर चोट नहीं आई है।
बीच बचाव के लिए आए तो दो अन्य पर भी हमला किया-
आरोपी छगन जब लोगों पर हमला कर रहा था तो वहां मौजूद भगवानसिंह पिता कोमल (65) व राणापुर निवासी अनिल डाबी (35) बीच बचाव के लिए आए। ऐसे में छगन ने उन पर भी फालिए से हमला कर दिया। अनिल को सिर और हाथ में चोट लगी। जबकि भगवानसिंह को सिर में चोट लगी। दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया।
आंखों देखी: यदि नहीं पकड़ते तो वह अन्य लोगों पर भी हमला कर देता ( फोटो- 2112)
युवा भावेश सोलंकी नियमित तड़के बस स्टैंड जाते हैं। उन्होंने बताया जब यात्री प्रतिक्षालय के अंदर से चीख-पुकार की आवाज आ रही थी तो वे तत्काल अंदर गए। वहां देखा तो बालिका तड़प रही थी और उसकी मां शोर मचा रही थी। वहीं पास में एक ग्रामीण हाथ में खून से सना फालिया लेकर खड़ा था। लोगों की मदद से उसे पकड़ा और उसके हाथ से फालिया छीना। यदि ऐसा नहीं करते तो वह अन्य लोगों पर भी हमला कर सकता था। भावेश ही अपने साथ घायल छगन को उपचार के लिए जिला अस्पताल लेकर गए। इससे उनके कपड़े भी खून में हो गए।
हत्या का प्रकरण दर्ज कर लिया है-
बालिका के गले पर फालिया मारने वाले व्यक्ति की पहचान छगन सेकडिय़ा कनेश के रूप में हुई है। वह भाबरा थानाक्षेत्र के ग्राम मायावाटका रहने वाला है। उसके खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है।