शिक्षकों की सेवा बहाल के दिए थे आदेश
समस्या को देखते हुए पंकज शर्मा उप सचिव तकनीकी शिक्षा कौशल विकास विभाग द्वारा राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विवि के कुलसचिव को एक पत्र के माध्यम से सहायक प्राध्यापक संविदा भोपाल से शिक्षकों की सेवा में पुन: बहाल करने के आदेश दिए थे। जिसेे नजरअंदाज कर दिया। जिन शिक्षकों की नियुक्ति रद्द की गई थी कोर्ट व उपसचिव के आदेश के बाद भी दोबारा नियुक्ति नहीं की गई । झाबुआ के साथ शहडोल व भोपाल में भी इंजीनियरिंग कॉलेज की शुरुआत की थी तीनों जगह 100 से ज्यादा संविदा पर अध्यापकों की सेवाएं खतरे में है।
समस्या को देखते हुए पंकज शर्मा उप सचिव तकनीकी शिक्षा कौशल विकास विभाग द्वारा राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विवि के कुलसचिव को एक पत्र के माध्यम से सहायक प्राध्यापक संविदा भोपाल से शिक्षकों की सेवा में पुन: बहाल करने के आदेश दिए थे। जिसेे नजरअंदाज कर दिया। जिन शिक्षकों की नियुक्ति रद्द की गई थी कोर्ट व उपसचिव के आदेश के बाद भी दोबारा नियुक्ति नहीं की गई । झाबुआ के साथ शहडोल व भोपाल में भी इंजीनियरिंग कॉलेज की शुरुआत की थी तीनों जगह 100 से ज्यादा संविदा पर अध्यापकों की सेवाएं खतरे में है।
इन समस्याओं से पहले से जूझ रहे हैं
इस कॉलेज के संदर्भ में पत्रिका द्वारा खबरें प्रकाशित कई बार शासन को नींद से जगाने की कोशिश की गई। इंजीनियरिंग कॉलेज की अपनी बिल्डिंग नहीं होने से पॉलिटेक्निक कॉलेज में कुछ अतिरिक्त कक्षाओं में इसकी पढ़ाई करवाई जा रही थी। करोड़ों की लागत से बनाए जा रहे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम यूआईटी कॉलेज की बिल्डिंग निर्माणाधीन है। लैब सुविधा नहीं होने से यहां आए लाखों के उपकरण धूल खा रहे हैं। छात्रों के लिए आवासीय परिसर निर्माण न होने से कॉलेज के छात्रावास में इंजीनियरिंग कॉलेज के विद्यार्थियों को रखा जा रहा है।
इस कॉलेज के संदर्भ में पत्रिका द्वारा खबरें प्रकाशित कई बार शासन को नींद से जगाने की कोशिश की गई। इंजीनियरिंग कॉलेज की अपनी बिल्डिंग नहीं होने से पॉलिटेक्निक कॉलेज में कुछ अतिरिक्त कक्षाओं में इसकी पढ़ाई करवाई जा रही थी। करोड़ों की लागत से बनाए जा रहे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम यूआईटी कॉलेज की बिल्डिंग निर्माणाधीन है। लैब सुविधा नहीं होने से यहां आए लाखों के उपकरण धूल खा रहे हैं। छात्रों के लिए आवासीय परिसर निर्माण न होने से कॉलेज के छात्रावास में इंजीनियरिंग कॉलेज के विद्यार्थियों को रखा जा रहा है।
फैसले का इंतजार कर रहे हैं
प्राध्यापकों की नियुक्ति यूनिवर्सिटी से कैंसिल हुई है । प्राध्यापकों के स्टे आर्डर पर कोर्ट में 26 जुलाई तारीख लगी हुई है। फैसले का इंतजार कर रहे हैं। उसके बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
-डॉ केएस चंदेल, प्राचार्य डॉ एपीजे कलाम यूआईटी झाबुआ।
प्राध्यापकों की नियुक्ति यूनिवर्सिटी से कैंसिल हुई है । प्राध्यापकों के स्टे आर्डर पर कोर्ट में 26 जुलाई तारीख लगी हुई है। फैसले का इंतजार कर रहे हैं। उसके बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
-डॉ केएस चंदेल, प्राचार्य डॉ एपीजे कलाम यूआईटी झाबुआ।