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एक करोड़ का फोटो वॉल्टेज पॉवर प्लांट बंद, हर महीने चुकाना पड़ रहा लाखों रुपए का बिल

locationझाबुआPublished: Feb 26, 2020 01:12:57 am

Submitted by:

kashiram jatav

6 साल पहले अस्पताल प्रबंधन की ओर से 70 लाख रुपए 24 घंटे विद्युत उपलब्ध करने के लिए एडवांस जमा किए गए थे

एक करोड़ का फोटो वॉल्टेज पॉवर प्लांट बंद, हर महीने चुकाना पड़ रहा लाखों रुपए का बिल

एक करोड़ का फोटो वॉल्टेज पॉवर प्लांट बंद, हर महीने चुकाना पड़ रहा लाखों रुपए का बिल

झाबुआ. जिला चिकित्सालय में एक करोड़ की लागत से लगा फोटो वोल्टेज पॉवर प्लांट डेढ़ साल से बंद है। इसे फिर से शुरू करने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने लगातार कोशिश की, लेकिन यह प्लांट बंद ही रहा। प्लंाट चालू नहीं होने से हर महीने लाखों रुपए बिजली का बिल चुकाना पड़ रहा है।
अक्षय ऊर्जा लिमिटेड पीथमपुर ने फोटोवॉल्टिक पावर प्लांट शुरू किया गया था। धीरे- धीरे यह प्लांट मेंटेनेंस के अभाव में दम तोड़ता रहा। पिछले डेढ़ साल से पावर प्लांट पूरी तरह बंद है। अस्पताल के बाहर सोलर प्रोजेक्ट की जानकारी देता बोर्ड रिक्त है। संयंत्र की स्थापना संयंत्र की लागत इसकी क्षमता केंद्रीय वित्तीय सहायता राज्य सरकार की प्रोत्साहन राशि एवं हितग्राही अंशदान राशि की जानकारी देते कॉलम बिल्कुल खाली है। इस बोर्ड पर सिर्फ परियोजना का नाम परियोजना क्रियान्वयन एजेंसी एवं वित्तीय सहयोग देने वाली संस्था का नाम लिखा हुआ है। इस पर लिखे नंबर पर बात करने के दौरान फोन नहीं उठाया जाता। 6 साल पहले अस्पताल प्रबंधन की ओर से 70 लाख रुपए 24 घंटे विद्युत उपलब्ध करने के लिए कनेक्शन के नाम पर एडवांस जमा किए थे। पैसे जमा करने के बाद भी अस्पताल की समस्या जस की तस बनी रही।
अस्पताल में चल रही दर्जनों यूनिट प्रभावित हो रही- विद्युत कटौती एवं वॉल्टेज की समस्या से जूझ रहे जिला चिकित्सालय में विद्युत व्यवस्था अपर्याप्त होने से बहुत से काम बाधित हो रहे हैं। डायलिसिस, मेटरनिटी, ओटी, आईसीयू, एसएनसीयू में 24 घंटे बिजली रहना जरूरी है। इससे निपटने के लिए अब 24 घंटे बिजली कनेक्शन से अलग-अलग यूनिटों को जोडऩे की कवायद शुरू हो चुकी है। अभी तक अस्पताल के लिए कोई सुरक्षित एवं सीधी विद्युत लाइन नहीं होने के कारण कलेक्ट्रेट से विद्युत लाइन अस्पताल से जोड़ी है। दूरी अधिक होने लाइन में लगातार फॉल्ट होते रहते हैं। इससे अस्पताल में चल रही दर्जनों यूनिट प्रभावित हो रही हैं। विद्युत कटौती के दौरान अस्पताल की कुछ यूनिट को 6 जनरेटर के माध्यम से विद्युत सप्लाई की जा रही है। इसमें से आधे जनरेटर बंद हैं।
सावन सिंह चौहान आरएमओ से सीधी बात
क्त. अस्पताल में विद्युत पूर्ति की क्या व्यवस्था है।
्र. जवाब -वॉल्टेज के लिए काम चल रहा है। अलग-अलग सेक्शन में 24 घंटे विद्युत उपलब्ध होने के लिए प्रोसेस की गई है । ओटी को जोड़ दिया है एवं मेटरनिटी का काम चल रहा है। इस तरह से अलग-अलग डिवाइड कर रहे हैं।
क्त. अस्पताल में विद्युत की आपूर्ति के लिए पावर प्लांट लगाया था, उसकी क्या स्थिति है।
्र. प्लांट लगने से अब तक स्टाफ कई बार बदला गया । इस कारण कोई भी इसकी पर्याप्त जानकारी नहीं दे सकता । यह प्लांट कब लगा, कब बंद हुआ, यह मुझे नहीं पता। उसके कोई डॉक्यूमेंट नहीं है। कोई नंबर भी नहीं है। बाहर एक बोर्ड लगा है। उस पर नंबर भी लगाया था संतोषप्रद जवाब नहीं मिला।
क्त. 24 घंटे विद्युत कनेक्शन से 24 घंटे विद्युत सप्लाई की जा रही है या वहां भी कटौती हो रही है ।
्र. पुरानी वायरिंग से अभी सप्लाई चल रहा। बाहर से डीपी चेंज की गई है। अभी लोड डिवाइड नहीं किया है। जिन जिन यूनिटों को विद्युत की पूर्ति होना अति आवश्यक है, उन्हें सबसे पहले 24 घंटे विद्युत से जोड़ा जा रहा है। कुछ ही दिनों में विद्युत समस्या समाप्त हो जाएगी।
क्त. विद्युत कटौती के समय क्या व्यवस्था है।
्र. लाइट कटिंग के लिए डायलिसिस यूनिट बिल्कुल सुरक्षित है । मेटरनिटी में कोई स्पेसिफिक केस है तो बैक सपोर्ट इनवर्टर तैयार है । पूरे हॉस्पिटल के लिए स्पेसिफिक सप्लाई नहीं है। जहां -जहां लाइट सेविंग है वहां -वहां यूनिट चल
जाता है।
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