ये मुद्दे आए सामने -शहर में पेयजल समस्या चरमरा गई है। पीएचई विभाग द्वारा जगह जगह गडढेे खोदने के बाद भी पानी के हालात तो नहीं बदले, अपितु सडक़ों की हालत भी खस्ता हो चुकी है।
-नगर की हर एक सडक़ लगभग 10 बार कर चुकी है फि र भी लीकेज बंद नहीं हो रहा। – जनता के पैसों को पीएचई विभाग, नगर पालिका व परिवहन विभाग चूना लगा रहे हैं।
-स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है। सरकारी हॉस्पिटल के हाल बेहाल है। अधिकतर मरीज पास के राज्य गुजरात जाने को मजबूर हो जाते हैं। गंभीर दुर्घटना में घायल लोग गुजरात में जाने के पहले ही लोग दमतोड़ देते हैं।
-जिन सडक़ों 5 साल के मेंटेनेंस के करार से बनाई गई वह चंद महीनों में उखडक़र दम तोड़ रही हैं और उस पर कोई मेंटेनेंस कार्य भी नहीं किया जा रहा। -सीमेंट की सडक़ों पर डामर से लीपापोती की जा रही है और डामर की सडक़ों पर सीमेंट से लीपापोती की जा रही है।
– झाबुआ से देवरी पहुंचने का मार्ग बहुत घटिया हो गया है। नगर की ट्रैफि क के हाल बहुत खस्ता है। नगर की हर मुख्य सडक़ पर रोज कई हादसे हो रहे हैं। हर सडक़ पर रेत और गिट्टी बिखरी पड़ी है। युवा लडक़े उच्च क्षमता वाले इंजन वाली गाडिय़ां बेखौफ थोड़ा रहे हैं। ट्रैफि क जवानों की ड्यूटी हर चौराहे पर जरूरी हो गई है।
– रोड के हिसाब से डिवाइडर होने चाहिए, लेकिन यहां पर डिवाइडर काफ ी चौड़े और रोड बहुत संकरे हैं। सर्कल मोटे हैं और उस पर से गुजरने वाले रास्ते छोटे हैं। विकास के नाम पर खो दिया गए रोड जनता को परेशानी में जकड़े है। शहर की अधिकांश सडक़ खुदी पड़ी हैं।
-सार्वजनिक शौचालयों की पूरे नगर में आवश्यकता है। नगर में केवल एक ही सार्वजनिक शौचालय बस स्टैंड पर है, उसमें भी पैसे लिए जा रहे हैं। जबकि नगर पालिका को मेल और फ ीमेल दोनों यात्रियों के लिए सार्वजनिक शौचालय एवं स्नानागार सर्वसुविधायुक्त बनाना चाहिए।
-हाट बाजार करने आए लोगों को राजगढ़ नाके पर कोई सुविधाएं नहीं है। इन लोगों के लिए भी सुविधा घर बनाए जाने की नितांत आवश्यकता है। – नगर में खेल सुविधाएं , व्यायामशाला , ट्रैफिक सिग्नल, रेल सुविधा, लाइब्रेरी और बाग-बगीचों पर लोगों ने अपने-अपने मत रखे।