शराब बंदी को लेकर एनएसयूआई ने दुकान के सामने दिया धरना
दो घंटे करते रहे नारेबाजी, चरणबद्ध आंदोलन से प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी की मांग

झाबुआ. भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन की ओर से राजगढ़ नाका शराब दुकान को हटाने और प्रदेश में शराबबंदी को लेकर सोमवार को धरना प्रदर्शन किया गया। प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी को लेकर दोपहर 12 बजे एनएसयूआई की नगर इकाई टीम दुकान के सामने पहुंची एवं नारेबाजी करते हुए अपना विरोध दर्ज करवाया।
दुकान के सामने ही 2 घंटे तक बैठकर शराब बंदी के समर्थन में नारे लगाए। हालांकि इस दौरान शराबियङ्क्ष को शराब लेने से नहीं रोका। ग्राहकों को कॉउंटर से शराब मिलती रही। दोपहर 12 बजे शराब की दुकान के बाहर बैठे प्रदर्शन कारियों को देखते हुए किसी अनहोनी को रोकने के लिए पुलिस बल भी पहुंचा। 2 घंटे रुकने के बाद शांतिपूर्ण धरना समाप्त कर छात्र संघटन के कार्यकत्र्ता रवाना हो गए। यहां आई एनएसयूआई टीम ने शराब बंदी को लेकर शिवराज सरकार को जमकर कोसा।
अध्यक्ष विनय भाबोर ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह एक तरफ समाज को सुधारने की बात करते हैं। दूसरी तरफ खुद शराब की दुकानों के टेंडर करवाते हैं। आए दिन शराब के कारण एक्सीडेंट हो रहे हैं। घर-परिवार और युवाओं के बीच होने वाले लड़ाई-झगड़ों का कारण शराब है। इसलिए अब संगठन चुप नहीं रहेगा। एनएसयूआई कार्यकत्र्ता चरणबद्ध आंदोलन से प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी की मांग करते रहेंगे। जब तक की प्रदेश सरकार पूर्ण शराब बंदी की घोषणा न कर दे। शराब दुकान के बाहर दिया संकेतात्मक धरना आंदोलन की शुरुआत है। एनएसयूआई आगामी सत्र में पूर्ण रूप से प्रदेश भर में शराब बंदी की मांग करता है। धरने में अक्षय परमार, अरुण ओहरी, रोशन बारिया, विश्वजीत शर्मा, राजा, रोशन मेड़ा, काल भूरिया , मांजू मेडा, अर्जुन, राजेश, मुरेश आदि शामिल हुए।
यहां संचालित नहीं की जा सकती दुकान- आबकारी एक्ट के निर्देशों के विपरीत चल रही दुकान के विरोध में लगातार आवेदन से प्रशासन को अवगत कराया। कृषि कॉलेज की छात्राओं के लिए होस्टल की दूरी 100 मीटर के दायरे में आती है। समीप जैन तीर्थ भी है।
पहले भी हुए कई प्रदर्शन
इसके पहले स्थानीय रहवासी ने कई बार कलेक्टर और आबकारी अधिकारी से इस दुकान को रहवासी क्षेत्र के अतिरिक्त अन्य स्थान पर संचालित करने का आग्रह किया था। जबसे यहां शराब दुकान लगाने की शुरुआत हुई है तभी से रहवासियों और जैन समाज के लोगों ने इसके विरोध स्वरूप आवेदन दिए, लेकिन अधिकारियों का इस पर कोई असर नहीं हुआ।
शुरुआत से ही शराब दुकान हटाने के लिए आदिवासी विकास परिषद् के युवा प्रभाग , एनएसयूआई एवं केवीके के स्टाफ द्वारा सम्मिलित रूप से इस दुकान को राजगढ़ नाका क्षेत्र से हटाने की मांग की जा रही। प्रशासन द्वारा 15 दिन से एक माह का समय मांगकर 6 माह गुजर जाने के बाद एनएसयूआई ने एक बार फिर इसके विरोध में मोर्चा खोला।
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