scriptदिसंबर के पहले दिन एक घंटे तक जोरदार बारिश, किसानों की फसल बर्बाद, लाखों का नुकसान | rain for one hour on first day of december | Patrika News

दिसंबर के पहले दिन एक घंटे तक जोरदार बारिश, किसानों की फसल बर्बाद, लाखों का नुकसान

locationझाबुआPublished: Dec 02, 2019 04:27:25 pm

राजस्थान की ओर से कम दबाव का क्षेत्र बनने से बरसे बादल
आक्रोशित व्यापारियों ने मंडी प्रशासन पर लगाए आरोप

दिसंबर के पहले दिन एक घंटे तक जोरदार बारिश, किसानों की फसल बर्बाद, लाखों का नुकसान

दिसंबर के पहले दिन एक घंटे तक जोरदार बारिश, किसानों की फसल बर्बाद, लाखों का नुकसान

झाबुआ. राजस्थान की ओर से कम दबाव का क्षेत्र बनने से रविवार को सुबह करीब एक घंटे जमकर बारिश हुई। जोरदार बारिश ने कृषि उपज मंडी में व्यापारियों व किसानों को दी जाने वाली सुविधाओं की पोल खोल कर रख दी। खुले आसमान के नीचे अनाज खरीदने को मजबूर व्यापारियों का लाखों का नुकसान हो गया। किसानों की बिना बिकी उपज भी भीग गई। आक्रोशित व्यापारियों ने मंडी प्रशासन पर व्यापारियों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। गुस्साए व्यापारियों का कहना था कि 30 साल से मंडी प्रशासन से बड़े गोडाउन देने की मांग की जा रही है, लेकिन मंडी प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा। अव्यवस्था इतनी की साल भर से मंडी में बोली नहीं लगी। मंडी प्रशासन व्यापारियों को व्यापार करने के लिए सुरक्षित एवं पर्याप्त स्थान मुहैया कराएं।
दिसंबर के पहले दिन एक घंटे तक जोरदार बारिश, किसानों की फसल बर्बाद, लाखों का नुकसान
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अब ठंड का जोर बढ़ेगा। ठंड के मामले में नवंबर का महीना कुछ कमजोर रहा। पूरे महीने दिन के समय गर्मी महसूस होती रही। दिसंबर माह के पहले ही दिन सुबह अचानक मौसम ने करवट ली और बारिश होने लगी। यह सिलसिला करीब एक घंटे तक चला। इस बारिश ने रबी फसल के लिए और अनुकूल हालात बना दिए हैं। किसानों को भी सिंचाई के लिए एक पानी कम देना होगा।
दिसंबर के पहले दिन एक घंटे तक जोरदार बारिश, किसानों की फसल बर्बाद, लाखों का नुकसान
जिलेभर से आते हैं 30 से ज्यादा व्यापारी

मंडी में प्रत्येक रविवार जिले भर से 30 से अधिक व्यापारी पहुंचते हैं, लेकिन मंडी प्रशासन ने व्यापारियों के लिए महज 10 दुकानों का निर्माण कराया है। दुकानें इतनी छोटी है कि दिनभर खरीदा अनाज भी इसमें नहीं समा सकता। मरम्मत न होने के कारण इन दुकानों में से अब पानी टपक रहा है। लगभग 8 व्यापारी टीन शेड लगाकर मंडी परिसर में व्यापार करने को मजबूर है। प्रतिवर्ष ढाई से तीन करोड़ राजस्व देने वाली मंडी भी उपेक्षा की शिकार है।
दिसंबर के पहले दिन एक घंटे तक जोरदार बारिश, किसानों की फसल बर्बाद, लाखों का नुकसान
पूरी समस्या हल की जाएगी

मंडी में व्यापार कर रहे व्यापारियों की पूरी समस्या हल की जाएगी। अभी मैं बाहर हूं। आकर देखता हूं।
– केके दिनकर, मंडी सचिव

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो