सितंबर में बारिश का सितम, फसल-सड़कें जर्जर
झाबुआPublished: Sep 17, 2019 12:09:31 am
साइड इफैक्ट -प्रशासन के प्रारंभिक सर्वे में 163 हैक्टेयर क्षेत्र में फसल को नुकसान पहुंचने की बात सामने आई
सितंबर में बारिश का सितम, फसल-सड़कें जर्जर
झाबुआ. लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। अलग-अलग क्षेत्र में इसके साइड इफैक्ट भी नजर आने लगे हैं। यदि आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक 49.4 इंच बारिश हो चुकी है। यह औसत से लगभग 19 इंच अधिक है। इस तरह के हालात है उससे लग रहा है कि एक-दो रोज में ही वर्ष 2013 में हुई सर्वाधिक 50.02 इंच बारिश का रिकॉर्ड टूट जाएगा। हालांकि राहत की बात ये हैं कि सोमवार को मौसम कुछ खुला। इसके बावजूद अभी मौसम वैज्ञानिक कुछ भी भविष्यवाणी करने से बच रहे हैं। क्योंकि अब भी आसपास के हिस्सों में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। ऐसे में आगे बारिश हो भी सकती हैऔर नहीं भी। कृषि विभाग के अनुसार सोयाबीन की जल्दी पकने वाली फसल अत्यधिक प्रभावित हुई है। विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद असल स्थिति का पता चलेगा।
163 हैक्टेयर क्षेत्र में नुकसान
जिले में इस वर्ष 1 लाख 8 9 हजार 29 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की बोवनी की गई। लगातार बारिश से कई जगह निचले इलाकों में फसल को नुकसान पहुंचने की बात सामने आ रही है। इसे देखते हुए प्रशासन ने कृषि व राजस्व विभाग का संयुक्त सर्वे शुरू कर दिया है। प्रारंभिक रिपोर्ट में 16 3 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित होने की बात सामने आई है। सोयाबीन, मक्का और कपास की फसल को ज्यादा नुकसान पहुंचा है।
सोयाबीन की जल्दी पकने वाली फसल अत्यधिक प्रभावित हुई है। विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद असल स्थिति का पता चलेगा।
30 किमी से अधिक सड़कें खराब हुई
लगातार बारिश ने सड़कों की हालत खस्ता कर दी है। फिलहाल जिले में करीब 30 किमी सड़क खराब होने की जानकारी सामने आई है। पुल-पुलिया के क्षतिग्रस्त होने का आंकड़ा अलग है। ये लोक निर्माण विभाग की स्थिति है।इसके अलावा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़कों को भी नुकसान पहुंचा है। जिला मुख्यालय की ही बात करें तो किशनपुरी से लेकर मेघनगर नाके तक के हिस्से में उत्कृष्ट सड़क खराब हो गई है।
फक गार्डन के सामने डामर उखडऩे से गड्ढा हो गया है। इसके अलावा पूरे हिस्से में ऊपरी परत निकल रही है। ऐसे में अब यहां फिर से पैचवर्क करना होगा।
3. सब्जी: 10 से 15 प्रतिशत कीमतें बढ़ी
लगातार बारिश से सब्जियों की आवक पर असर पड़ा है। इससे इनकी कीमतें बढ़ गई है। सब्जी विक्रेता आसिफ ने बताया बारिश की वजह से दामों में 10 से 15 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। कई जगह रास्ते बंद होने से आवक नहीं हो रही है। नहीं तो बीते सालों में इस समय तक बाजार सब्जियों से भरा रहता था। थोक विक्रेताओं के साथ ग्रामीण भी सब्जी लेकर आते थे। फिलहाल ऐसी स्थिति नजर नहीं आ रही है।
10 से 15 प्रतिशत कीमतें बढ़ीं
लगातार बारिश से सब्जियों की आवक पर असर पड़ा है। इससे इनकी कीमतें बढ़ गई है। सब्जी विक्रेता आसिफ ने बताया बारिश की वजह से दामों में 10 से 15 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। कई जगह रास्ते बंद होने से आवक नहीं हो रही है। नहीं तो बीते सालों में इस समय तक बाजार सब्जियों से भरा रहता था। थोक विक्रेताओं के साथ ग्रामीण भी सब्जी लेकर आते थे। फिलहाल ऐसी स्थिति नजर नहीं आ रही है।