script४0.4 डिग्री तापमान में रेकॉर्ड 7४.५२% मतदान | Recorded 74.52 in 40.4 degree temperature | Patrika News

४0.4 डिग्री तापमान में रेकॉर्ड 7४.५२% मतदान

locationझाबुआPublished: May 19, 2019 10:54:09 pm

यह है लोकतंत्र की जीत: मतदाताओं में नजर आया भारी उत्साह, २०१४ से इस बार १०.९३ त्न अधिक हुआ मतदान

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४0.4 डिग्री तापमान में रेकॉर्ड 7४.५२% मतदान

झाबुआ. चुनाव कोई भी जीते या हारे लेकिन रविवार को झाबुआ-रतलाम संसदीय क्षेत्र में लोकतंत्र जीत गया। क्षेत्र के मतदाताओं ने पूरी जिम्मेदारी के साथ अपना रोल प्ले कर दिया। शादी, उत्सव, रमजान और झुलसाने वाली गर्मी के बावजूद लोग मतदान के लिए घर से बाहर निकले। इसका परिणाम है कि 67 साल के इतिहास में सबसे ज्यादा वोटिंग हुई। 2014 की मोदी लहर से भी १०.9३ फीसदी ज्यादा। 40.4 डिग्री तापमान में भी लोगों ने पूरे जोशो-खरोश के साथ मतदान कर नया रिकॉर्ड कायम किया।
झाबुआ-रतलाम लोकसभा सीट के लिए रविवार को कुल 7४.५२ प्रतिशत मतदान हुआ। जबकि 2014 में जब मोदी लहर थी तो 63.59 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस बार मतदान का समय सुबह 7 से शाम 6 बजे तक निर्धारित किया गया था। जैसे-जैसे पारा बढ़ता गया। वैसे-वैसे वोटर नए रिकॉर्ड बनाते गए। मतदाताओं में उत्साह ऐसा था कि गर्मी बढऩ़े से पहले ही बूथ पर पहुंच गए। दोपहर 3 बजे तक 60 प्रतिशत से अधिक वोटिंग हो चुकी थी। महिलाओं ने बढ-चढ़कर वोट किए। हमेशा गांवों से पीछे रहने वाला शहरी क्षेत्र भी इस बार फुर्सत निकालकर बूथ पर आया। इससे मतदान का नया रेकॉर्ड बना। शाम 6 बजे मतदान समाप्ति के बाद भी पेटलावद विधानसभा क्षेत्र के 8 और थांदला विधानसभा क्षेत्र के 7 मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की कतार लगी थी। जो मतदान के उत्साह को बयां कर रही थी।
रमजान के बावजूद मुस्लिम बहुल मतदान केंद्रों पर अच्छी वोटिंग : रमजान के बावजूद मुस्लिम बहुल मतदान केंद्रों पर जमकर वोटिंग हुई। झाबुआ शहर के हुड़ा क्षेत्र में स्थित मतदान केंद्र क्रमांक 78 पर दर्ज 580 मतदाताओं में से 458 ने मतदान किया। यहां 78.97 प्रतिशत मतदान हुआ। इसी तरह मतदान केंद्र क्रमांक 79 पर 642 मतदाताओं में से 528 मतदाताओं ने मतदान किया। यहां मतदान का आंकड़ा 82.22 प्रतिशत रहा। हुड़ा क्षेत्र के पास स्थित पानी की टंकी के मतदान केंद्र क्रमांक 80 पर 1101 मतदाताओं में से 764 ने मतदान किया।
कुल 69.80 फीसदी मतदान हुआ।
मतदान के बढ़े प्रतिशत से दोनों दल असमंजस में : इस बार चुनाव में वर्ष 2014 के मुकाबले ज्यादा मतदान होने पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल असमंजस में दिखाई दे रहे हैं। हालांकि पिछले चुनावों का रेकॉर्ड देखे तो झाबुआ-रतलाम संसदीय सीट पर केवल 2014 में ही जब सर्वाधिक 63.59 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। तब भाजपा ने पहली बार जीत दर्ज की थी। इसके पहले हमेशा कांग्रेस ही जीत दर्ज करती आई। ऐसे में इस बार जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा यह देखना रोचक रहेगा।
28 दिन की भागदौड़ के बाद कुछ राहत : 22 अप्रैल से नाम निर्देशन पत्र भरने की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही प्रत्याशियों के साथ उनके समर्थकों की भागदौड़ शुरू हो गई थी। 28 दिन तक लगातार वे लोकसभा क्षेत्र में बैठकें, सभाएं और जनसंपर्क में जुटे रहे। रविवार को मतदान समाप्ति के साथ ही प्रत्याशियों ने चैन की सांस ली।
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