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झाबुआ

रात के तापमान में कमी, कड़ाके की ठंड के लिए करना होगा इंतजार

दिसंबर के पहले सप्ताह से दिन और रात दोनों के तापमान में कमी आएगी

झाबुआNov 18, 2019 / 10:50 pm

kashiram jatav

रात के तापमान में कमी, कड़ाके की ठंड के लिए करना होगा इंतजार

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झाबुआ. कश्मीर में हुई बर्फबारी का असर हमारे यहां भी नजर आने लगा है। रात के तापमान में कमी आने लगी है। हालांकि कड़ाके की ठंड के लिए भी और इंतजार करना होगा। संभवतया: दिसंबर के पहले सप्ताह से दिन और रात दोनों के तापमान में कमी आएगी।
अमूमन नवंबर में ठंड पडऩे लगती है, लेकिन इस बार प्रतिचक्रवात बनने से ऐसा नहीं हुआ। हालांकि ब धीरे-धीरे इसमें बदलाव आ रहा है। जिसका परिणाम है कि सप्ताहभर से रात के तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। मौसम केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार फिलहाल गले दो दिनों में तापमान में बहुत ज्यादा अंतर नहीं आएगा। इस लिहाज से किसानों के लिए सलाह जारी की है। किसानों से कहा गया है कि गले दो दिन आसमान में छिटपुटबादल छा सकते हैं। तापमान सामान्य रहेगा और बारिश नहीं होगी।
लिहाजा कटी फसल को खलिहान में फैलाकर धूप में उचित नमीस्तर तक सुखाकर गहाई करें। खेतों में मौजूद नमी का लाभ लेते हुए सिंचित और अद्र्धसिंचित सरसों व चने की बोवनी करे। बीज व उर्वरक की मिश्रित बोवनी बिलकुल न करें। कपास में डेंडू खिलने की वस्था को देखते हुए खेत की सफाईकरें अ ौर कपास की चुनाई सफाई से करें। इससे इसका बाजार भाव अच्छा मिले। मक्का में फाल आर्मीवर्म के ाक्रमण की संभावना को देखते हुए मक्का की अनुशंसित बीज दर रखें। समय पर बोवनी करें और फेरोमेन टै्रप लगाएं।
कोहरे के साथ जमने लगी ओस की बूंदें
झाबुआ. शीत ऋतु के आगमन के साथ ही रात का तापमान लगातार कम होता जा रहा है। इससे वातावरण में ठंडक घुलने लगी है। अंचल में सूर्योदय से पहले वातावरण में छाई ओस की बूंदों से सूरज की पहली किरण जब गुजरती है तो प्राकृतिक श्रृंगार का मनमोहक दृश्य दिखाई दे रहा है। यह नजारा हर किसी को अपनी मोहित कर रहा है। सोमवार को ऐसा नजारा देखने को मिला।
मौसम के अनुरूप कौन सी किस्म लगाएं किसान
गेहूं: गेहूं की बोवनी का यह उचित समय है। प्रति एकड़ में 40 किलो बीज लगाएं। किसान शीघ्र बोवनी व दो सिंचाईवाली किस्म एचडी-2004, एच ाई-1500 अ ौर एचडी-1531 लगा सकते हैं। वहीं चार सिंचाई वाली किस्म एच ाई-8 498 , एच ाई-1418 व एचआई-1544 भी लगाई जा सकती है। जिसके पास सिंचाई के पर्याप्त साधन है वे 6 सिंचाई वाली किस्म जीडब्ल्यू-322 व जीडब्ल्यू-36 6 की बोवनी करें।
चना: खेत में मौजूद नमी को देखते हुए किसान उपयुक्त किस्म जेजी-16 , जेजी-130, जेजी-218 , जाकी-9218 , आरवीजी-201, आरवीजी-202 और आरवीजी-203 किस्म लगा सकते हैं।
इन तीन स्थितियों पर निर्भर करती है ठंड
1. जम्मू-कश्मीर में होने वाली बर्फबारी: जब वहां बर्फबारी होती है और हवा का रुख उत्तर-पश्चिमी रहता है तो तापमान में कमी ाती है। भी बर्फबारी हुई है और हवा का रुख भी उत्तरी है। ऐसे में रात के साथ-साथ दिन के तापमान में भी कमी आएगी।
2. मावठा: ठंड के दौरान होने वाली बारिश को मावठा कहा जाता है। इससे तापमान में चानक कमी ाती है। यह रबी की फसलों के लिए फायदेमंद रहता है।
3. उत्तर भारत के तापमान का असर: जब उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ती है तो उसका सर हमारे यहां भी महसूस होता है। मूमन यह स्थिति दिसंबर माह में बनती है।
कश्मीर में हो रही बर्फबारी का असर
&वेस्टर्न डिस्टरबेंस बनने के कारण कश्मीर में बर्फबारी हो रही है। हवा का रुख उत्तरी है। ऐसे में आगामी दिनों में निश्चित तौर पर वातावरण में ठंडक बढ़ जाएगी। तापमान में भी धीरे-धीरे कमी आएगी।
– डॉ. आरके त्रिपाठी, मौसम वैज्ञानिक, झाबुआ

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