28 साल बाद दिखाई दिए बहादुर सागर तालाब के गेट, 256 साल बाद भी सलामत
झाबुआPublished: May 22, 2022 12:57:35 am
हर साल तालाब खाली करने के लिए मोटर लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगीगेट खोलते ही तालाब की सफाई हो जाएगीपीतल से बने हैं मेड इन जर्मनी के दोनों गेट
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झाबुआ. शहर के सौंदर्य के प्रतीक और भूजल स्तर बढ़ाने में अहम बहादुर सागर तालाब खाली होने की कगार पर है। तालाब के जीर्णोद्धार का काम कई दिनों से जारी है। आगे के हिस्से में बचे पानी को निकलने के लिए अब गेट खोलना होंगे। चूंकि ये गेट राजशाही के समय के हैंए लिहाजा इन्हे खोलने के लिए बड़वानी से एक्सपर्ट की टीम बुलाई गई है। गौरतलब है कि जलकुंभी की वजह से तालाब का पानी प्रदूषित हो गया था। सारे जतन करने के बावजूद जलकुंभी की समस्या हल नही हो पा रही थी। इसके अलावा वर्षो से सफाई नही हो पाने के कारण तालाब में गाद भी जमा हो गई थी। जिसके चलते तालाब की जल ग्रहण क्षमता भी साल दर साल कम होती जा रही थी। ऐसे में कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने समस्या के स्थाई समाधान के लिए तालाब का पानी खाली कर गहरीकरण के आदेश दे दिए। जिससे जलकुंभी भी खत्म हो जाएगी तो वही तालाब की जल ग्रहण क्षमता में भी इजाफा हो जाएगा। कलेक्टर खुद इस काम की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। शनिवार सुबह भी कलेक्टर मिश्राए एसडीएम एलएन गर्गए सीएमओ एल एस डोडिया सहित अन्य अधिकारी तालाब की स्थिति देखने पहुंचे। बहादुर सागर तालाब के दोनों गेट 28 साल बाद दिखाई दिए। यह दोनों गेट स्टेट टाइम में तालाब निर्माण के साथ ही लगाए गए थे। ये गेट मेड इन जर्मनी है, जिन्हें पीतल से बनाया गया था। दोनों गेट 256 सालों बाद भी सही सलामत है। गेट के ऊपर ढाई से 3 फीट की मिट्टी जमा हो गई है, जिसे अब हटाया जा रहा है। गेट में लगी धातु की रॉड और हेड असामाजिक तत्वों द्वारा चोरी कर लीया गया था, जिससे गेट को खोलने में परेशानी आ रही थी। दोनों गेट को व्यवस्थित करने और जरूरी सुधार करने के लिए कलेक्टर ने ङ्क्षसचाई विभाग को आदेश दिए हैं। ङ्क्षसचाई विभाग ने बड़वानी से एक टीम बुलाई है जो तालाबों के गेट को दुरुस्त करने का काम करती है। संभवत टीम रविवार को झाबुआ पहुंच जाएगी, जिसके बाद गेट को दुरुस्त करने का काम शुरू होगा।
अतिक्रमण बड़ी समस्या
बहादुर सागर तालाब को मूल स्वरूप में लाने के जनता ने कई प्रयास किए , बार-बार मांग की गई, लेकिन अधिकारी उदासीन नजर आए। इस बार कलेक्टर सोमेश मिश्रा के प्रयासों से बहादुर सागर तालाब के गहरीकरण और सौंदर्यीकरण का काम हो रहा है। यूं तो बहादुर सागर तालाब 68 बीघा में फैला था, लेकिन तालाब के आसपास हुए अतिक्रमण के कारण इसके आकार में 5 बीघा की कमी आई है। अब वर्तमान में तालाब 63 बीघा आकार में सिमटकर रह गया है। तालाब में बने 13 घाटों में से महज 3 घाट अस्तित्व में है। कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने तालाब की दशा सुधारने के प्रयास तो 3 माह पहले ही शुरू कर दिए थे । तालाब से जलकुंभी निकालने का काम सभी विभागों ने रविवार के दिन किया , इसमें स्थानीय निवासियों को भी जोड़ा गया।
तालाब के पश्चिम क्षेत्र में हो रहा गहरीकरण
शनिवार को 11 बजे कलेक्टर ने दो पहियां वाहन से पहुंचकर तालाब का जायजा लिया। कलेक्टर ने तालाब गहरीकरण का कार्य बरसात से पहले पूरा करने के निर्देश दिए। यहां जेसीबी मशीन से मिट्टी निकाल गांव के लोग ट्रैक्टर में ले जा रहे थे। कलेक्टर ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जो अपने खेतों में उपजाऊ मिट्टी ले जाना चाहता है वह अपने साथ ट्रैक्टर ट्रॉली लाकर यहां से नि:शुल्क मिट्टी ले जा सकता है। आसपास के झाडिय़ों को तत्काल हटाने के निर्देश भी दिए।