मालीसेरी टेकरी बाबेल कंपाउंड में रहने वाले 40 से अधिक परिवारों के 3 सौ लोगों को आज भी सड़क नसीब नहीं हुई है। यह क्षेत्र वार्ड 11 और 9 को एक सड़क से जोड़ता है। सालों से रहवासी मूलभूत सुविधा से वंचित है। शहर के बीच इस बस्ती में करीब25 साल पहले लोगों ने घर बनाकर रहना शुरू किया था। आज 40 से अधिक परिवारों के
तीन सौ से अधिक सदस्य निवास करते हैं। मानसिंह बामनिया, भंवरसिंह पंवार, गुमानसिंह हिहोर, शारदा भूरिया, लच्छूसिंह भूरिया, कालू सिंह परमार, सुरेंद्र सोलंकी ने बताया कि 20 वर्षों में लगातार हम जिम्मेदार अधिकारियों को मूलभूत सुविधाओं के लिए अर्जी देते रहे हैं, पर कोई नतीजा नहीं निकला। लोग सालों से टैक्स भर रहे हैं, पर पक्की नालियां, सीमेंटेड या डामरीकृत रोड नहीं है। कचरा गाड़ी नहीं आ पाती। साथ ही कच्चा रोड उबड़-खाबड़ है।
तीन सौ से अधिक सदस्य निवास करते हैं। मानसिंह बामनिया, भंवरसिंह पंवार, गुमानसिंह हिहोर, शारदा भूरिया, लच्छूसिंह भूरिया, कालू सिंह परमार, सुरेंद्र सोलंकी ने बताया कि 20 वर्षों में लगातार हम जिम्मेदार अधिकारियों को मूलभूत सुविधाओं के लिए अर्जी देते रहे हैं, पर कोई नतीजा नहीं निकला। लोग सालों से टैक्स भर रहे हैं, पर पक्की नालियां, सीमेंटेड या डामरीकृत रोड नहीं है। कचरा गाड़ी नहीं आ पाती। साथ ही कच्चा रोड उबड़-खाबड़ है।
ऑटो, एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाते
बारिश में कोई बीमार हो जाने या मृत्यु होने पर निकलना मुश्किल हो जाता है। ऑटो, एंबुलेंस यहां नहीं पहुंचते। पुलिस गश्त भी नहीं लगाती। इसका कारण यहां के रोड है। इन रोड पर कच्ची नालियां बहकर गंदगी फैला रही है। क्षेत्र में बिजली के खंभे पर्याप्त नहीं हैं। इससे जगह-जगह अंधेरा रहता है। खंबे नहीं होने पर दूर से तार खींचकर लाए। इस कारण बहुत ही जगह पर तार बीच में से झुके हुए हैं। कहीं-कहीं इनकी ऊंचाई इतनी कम है कि लोग तारों को हाथ से छू सकते हैं। रहवासियों ने बताया कि इन 20 सालों में लिखित , मौखिक सभी तरह से शिकायत की जा चुकी हैं। कई बार कलेक्टर और जनप्रतिनिधि दौरे पर भी आए हैं, लेकिन निरीक्षण के बाद रहवासियों को कोई राहत नहीं पहुंचाई गई।
बारिश में कोई बीमार हो जाने या मृत्यु होने पर निकलना मुश्किल हो जाता है। ऑटो, एंबुलेंस यहां नहीं पहुंचते। पुलिस गश्त भी नहीं लगाती। इसका कारण यहां के रोड है। इन रोड पर कच्ची नालियां बहकर गंदगी फैला रही है। क्षेत्र में बिजली के खंभे पर्याप्त नहीं हैं। इससे जगह-जगह अंधेरा रहता है। खंबे नहीं होने पर दूर से तार खींचकर लाए। इस कारण बहुत ही जगह पर तार बीच में से झुके हुए हैं। कहीं-कहीं इनकी ऊंचाई इतनी कम है कि लोग तारों को हाथ से छू सकते हैं। रहवासियों ने बताया कि इन 20 सालों में लिखित , मौखिक सभी तरह से शिकायत की जा चुकी हैं। कई बार कलेक्टर और जनप्रतिनिधि दौरे पर भी आए हैं, लेकिन निरीक्षण के बाद रहवासियों को कोई राहत नहीं पहुंचाई गई।
अपने खर्चे पर रोड को समतल करते हैं
यहां रहने वाले लोग अपने खर्चे पर मिट्टी डालकर रोड को समतल करते हैं, लेकिन एक बरसात के बाद यह मिट्टी बह जाती है। आधे घरों में लोगों ने अपने खर्चों से पक्की नालियां बनवाई हैं। इस क्षेत्र में गंदगी का अंबार है। यहां पर सफाई कर्मचारी नियमित नहीं आते। आसपास रहने वाले लोग शौचालय के अभाव के कारण सड़क किनारे ही मल मूत्र एवं गंदगी फैला रहे हैं। यहां पड़े कचरे में लोग महुआ फेक जाते हैं जो सडऩे पर असहनीय दुर्गंध फैलाता है। नगरपालिका वाले कचरा उठाकर नहीं ले जाते। इस कारण यहां सालभर पर कचरे का भंडारण रहता है। गल्र्स हॉस्टल एवं गल्र्स कॉलेज में रहने वाली लड़कियों के लिए भी आने जाने का यही रास्ता है। यहां फैली गन्दगी से पैदल सफ र करना मुश्किल होता है। यहां से गुजरने वाले अपनी नाक पर रुमाल या हाथ लगाकर गुजरने को मजबूर हो जाते हैं। इस जगह की साफ.-सफाई एवं रास्ते को सही करने के लिए गल्र्स हॉस्टल एवं गल्र्स कॉलेज वालों ने भी कई बार अवगत करवाया, लेकिन इसका अभी तक कोई हल नहीं निकला।
इस संबंध में नगररपालिका अध्यक्ष मन्नू डोडीयार का कहना है कि इस रोड के लिए तैयार फ ़ाइल टेक्निकल स्वीकृति के लिए भेजी जा चुकी है।
यहां रहने वाले लोग अपने खर्चे पर मिट्टी डालकर रोड को समतल करते हैं, लेकिन एक बरसात के बाद यह मिट्टी बह जाती है। आधे घरों में लोगों ने अपने खर्चों से पक्की नालियां बनवाई हैं। इस क्षेत्र में गंदगी का अंबार है। यहां पर सफाई कर्मचारी नियमित नहीं आते। आसपास रहने वाले लोग शौचालय के अभाव के कारण सड़क किनारे ही मल मूत्र एवं गंदगी फैला रहे हैं। यहां पड़े कचरे में लोग महुआ फेक जाते हैं जो सडऩे पर असहनीय दुर्गंध फैलाता है। नगरपालिका वाले कचरा उठाकर नहीं ले जाते। इस कारण यहां सालभर पर कचरे का भंडारण रहता है। गल्र्स हॉस्टल एवं गल्र्स कॉलेज में रहने वाली लड़कियों के लिए भी आने जाने का यही रास्ता है। यहां फैली गन्दगी से पैदल सफ र करना मुश्किल होता है। यहां से गुजरने वाले अपनी नाक पर रुमाल या हाथ लगाकर गुजरने को मजबूर हो जाते हैं। इस जगह की साफ.-सफाई एवं रास्ते को सही करने के लिए गल्र्स हॉस्टल एवं गल्र्स कॉलेज वालों ने भी कई बार अवगत करवाया, लेकिन इसका अभी तक कोई हल नहीं निकला।
इस संबंध में नगररपालिका अध्यक्ष मन्नू डोडीयार का कहना है कि इस रोड के लिए तैयार फ ़ाइल टेक्निकल स्वीकृति के लिए भेजी जा चुकी है।