आइसोलेशन में कड़कनाथ
बर्ड फ्लू के खतरे के बीच झाबुआ के कृषि अनुसंधान केन्द्र में कड़कनाथ मुर्गे मुर्गियों का उपचार शुरु कर दिया गया है। कड़कनाथ मुर्गे मुर्गियों को बर्ड फ्लू के खतरे से बचाने के लिए सरकार ने भी एडवायजरी जारी कर दी है जिसके बाद सेंटर में बाहरी लोगों के साथ साथ ही बाहर से किसी भी बर्ड की एंट्री पर भी पाबंदी लगा दी गई है। सेंटर में मौजूद कड़कनाथ मुर्गे मुर्गियों को विटामिन और हल्दी का बिस्टर भी दिया जा रहा है। सेंटर के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक एडवायजरी के बाद सेंटर के सभी कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया है। इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर कड़कनाथ को विटामिन सी, डी और ई लिक्विड के रुप में दिया जा रहा है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा वैसे तो कड़कनाथ में बर्ड फ्लू के कारण किसी भी दिक्कत की आशंका नहीं है लेकिन एहतियात बरती जा रही है।
एमपी में बढ़ा खतरा, अलर्ट जारी
बता दें कि पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल के निर्देश पर प्रदेश में हो रही कौओं की मृत्यु पर प्रभावी नियंत्रण लगाने के लिये अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रदेश के सभी जिलों को सतर्क रहने तथा किसी भी प्रकार की परिस्थिति में कौओं और पक्षियों की मृत्यु की सूचना पर तत्काल रोग नियंत्रण के लिये भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं। पशुपालन मंत्री पटेल ने कहा कि कौओं में पाया जाने वाला वायरस H5N8 अभी तक मुर्गियों में नहीं मिला है। मुर्गियों में पाया जाने वाला वायरस सामान्यत: H5N1 होता है। लोगों से अपील की है कि पक्षियों पर नजर रखें। यदि पक्षियों की आँख, गर्दन और सिर के आसपास सूजन है, आँखों से रिसाव हो रहा है, कलगी और टांगों में नीलापन आ रहा है, अचानक कमजोरी, पंख गिरना, पक्षियों की फुर्ती, आहार और अंडे देने में कमी दिखाई देने के साथ असामान्य मृत्यु दर बढ़े, तो सतर्क हो जायें। इसे कदापि छुपाएं नहीं, वरना यह परिवार के स्वास्थ्य के लिये नुकसानदायक हो सकता है। पक्षियों की मृत्यु की सूचना तत्काल स्थानीय पशु चिकित्सा संस्था या पशु चिकित्सा अधिकारी को दें। प्रदेश में 23 दिसम्बर से 3 जनवरी 2021 तक इंदौर में 142, मंदसौर में 100, आगर-मालवा में 112, खरगोन जिले में 13, सीहोर में 9 कौओं की मृत्यु हुई है।