िमन्नते करने पर 2 हजार रुपए मांगे। किसान ने पत्रिका को इसकी सूचना दी। पत्रिका के हस्तक्षेप के बाद सोसाइटी प्रबंधक के पहुंचने पर उन्होंने मिक्स चना छानकर खऱीदने के निर्देश दिए।
कई ने फ सल नहीं बेची
किसान अर्जुन के अनुसार होली के समय का चना घर पर ही रखा हुआ था। पहले सत्र में भावांतर में 30 क्विंटल सोयाबीन का पैसा नहीं जमा हुआ। इस बार चने का पंजीयन नहीं होने पर उचित मूल्य नहीं मिल रहा था। पारा में 1क्विंटल चने का भाव 4 हजार 200 रु. दिया जा रहा, जबकि समर्थन मूल्य 4 हजार 600 रु. घोषित है। नुकसान से बचने के लिए अनाज सोसाइटी में ले आया। स्थानीय व्यापारी 6 क्विंटल फसल के बहुत कम दाम दे रहा था। क्षेत्र में कई किसानों ने अपनी फसल कम दाम के चलते नहीं बेची।
खरीदी का आदेश दिया
&एफएक्यू मानक के अनुसार किसान की फसल में दाल का प्रतिशत ज्यादा था। फसल में विशाल चना और देशी चना मिक्स था। इस कारण कर्मचारियों ने अनाज देखकर ही लेने से इंकार कर दिया। सूचना मिली तो जाकर किसान का चना देखा। कर्मचारियों से चना छानकर खरीदने का आदेश दिया। पूरे अनाज में 36 किलो स्क्रेप निकला। 4620 रु. प्रति क्विंटल के हिसाब से 5.6 क्विंटल का पैसा किसान को दिया।
-श्रीकांत भट्ट,सोसाइटी प्रबंधक