scriptअस्पताल में डॉक्टर से ज्यादा स्टीवर्ट का रहना जरूरी: सीएमएचओ | Stewart must be more than a doctor in hospital: CMHO | Patrika News

अस्पताल में डॉक्टर से ज्यादा स्टीवर्ट का रहना जरूरी: सीएमएचओ

locationझाबुआPublished: Jun 15, 2018 12:38:56 am

Submitted by:

kashiram jatav

मरीजों के लिए आए एसी स्टीवर्ट के बंगले में लगाए, मरीजों को पंखे भी नसीब नहीं

jhabua news

अस्पताल में डॉक्टर से ज्यादा स्टीवर्ट का रहना जरूरी: सीएमएचओ

झाबुआ. अस्पताल परिसर में डॉक्टर से ज्यादा स्टीवर्ट का रहना जरूरी है। मरीजों के लिए आए एसी बंगलों में लगाना ठीक है। यह कहना है जिला अस्पताल प्रबंधन का। इससे गंभीर बात और क्या होगी कि अस्पताल में डॉक्टर से अधिक स्टीवर्ट का होना जरूरी माना गया है। साथ ही मरीजों के लिए आए एसी कर्मचारियों के बंगलों में लगा दिए हैं। वहीं जो एसी बचे हैं वे बंद हैं। यहां तक मरीजों के लिए पंखे तक चालू नहीं किए गए।

इसी तरह डॉक्टर को अस्पताल परिसर में होना था पर उनकी जगह स्टीवर्ट को रहने के लिए बंगला दे दिया गया है। इसमें मरीजों के लिए आए एसी भी लगा दिए हैं। पंचकर्म चिकित्सा भवन के सामने बने डॉक्टर बंगले में 3 साल से स्टीवर्ट (मूल पद ड्रेसर) रहते हैं। जबकि अस्पताल में पदस्थ एक डॉक्टर दंपत्ति पुराने सीएमएचओ चैम्बर में रहने को मजबूर है। वहीं एक ड्रेसर को बंगले की सुविधा मिल रही है। बंगले में अस्पताल में लगाए जाने वाले सरकारी एसी को भी फिट किया जा चुका है। सुनील कानूनगो को स्टीवर्ट बनाकर काम लिया जा रहा है। पूर्व में पिटोल में पदस्थ ड्रेसर सुनील कानूनगो कार्य में लापरवाही के लिए 2 बार निलंबित किया जा चुका हैए लेकिन अधिकारियों ने झाबुआ बुलाकर निलंबित कर्मचारी को पदोन्नत कर स्टीवर्ट का जिम्मा सौंप दिया। सूत्रों की माने तो पूरे अस्पताल में अव्यवस्था यहीं से फैली। साथ ही सुनील को पिटोल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से निलंबन के बाद झाबुआ में स्टीवर्ट के पद पर कार्य करने की जिम्मेदारी देना अधिकारियों के कार्य के तरीकों पर कई सवाल खड़े करता है।
स्टीवर्ट सुनील कानूनगो रोगी कल्याण समिति से एडवांस कैश अपने खातों में जमा करवाकर बाद में खर्चो के बिल लगा रहे हैं। जबकि बिल की राशि का भुगतान एडवांस में खातों में नहीं लिया जा सकता। पूर्व में एक लैब टेक्नीशियन को स्टोरकीपर का पद देने पर तत्कालीन कलेक्टर ने पद योग्य न मानकर स्टोरकीपर के पदभार से मुक्त किया था। वर्तमान में अस्पताल में योग्य क्लर्क उपलब्ध होने के बाद भी निलंबित व्यक्ति को पदोन्नत कर चार्ज देना भी अधिकारियों के दबाव या निजी स्वार्थ में काम करने को दर्शाता है। इन्सका पत्रिका ने खुलासा किया थाए लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अनियमितता जैसी
बात नहीं
&स्टीवर्ट का हॉस्पिटल कैम्पस में रहना जरूरी है । इसलिए डॉक्टर का बंगला दिया है। अनियमितता जैसी बात नहीं है।
-डॉ. डीएस चौहान, सीएमएचओ
राजयोग का अभ्यास २१ से
समीपस्थ ग्राम गोपालपुरा स्थित प्रजापिता बह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय के केंद्र पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में योग महोत्सव मनाया जा रहा है। इस दौरान प्रतिदिन सुबह ब्रह्माकुमारीज भाई-बहन को मानसिक के साथ शारीरिक योग करवाकर स्वस्थ मन के साथ शरीर को स्वस्थ बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह जानकारी देते हुए ब्रह्माकुमारीज संस्था की बीके ज्योति दीदी एवं जयंती दीदी ने बताया कि 21 मई से योग महोत्सव की शुरुआत हुई है। इसके तहत केंद्र पर प्रतिदिन सुबह 7 से 8 बजे तक सिद्धार्थभाई एवं ममता बहन योग का अभ्यास करा रही हैं। योग के तहत अलग-अलग क्रियाएं करवाई जा रहीं है। बाद मन की शांति के लिए मेडिटेशन (राजयोग)ं बीके ज्योति दीदी एवं जयंती दीदी करवा रहीं हैं। 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर केंद्र पर योग का विशेष आयोजन होगा। साथ ही महोत्सव का समापन 24 जून को होगा।

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