scriptकोच के टॉयलेट से टकराने से बच गई यात्रियों की जान, ट्रेन की रफ्तार 110 किमी प्रति घंटा थी | The passenger's life, the speed of the train, was 110 kmph from the co | Patrika News
झाबुआ

कोच के टॉयलेट से टकराने से बच गई यात्रियों की जान, ट्रेन की रफ्तार 110 किमी प्रति घंटा थी

राजधानी एक्सप्रेस : रेलवे गेट नंबर 61 पर हुई दुर्घटना, ट्रक हुआ चकनाचूर, ट्रेन के दो कोच पटरी से उतरे

झाबुआOct 18, 2018 / 10:19 pm

अर्जुन रिछारिया

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कोच के टॉयलेट से टकराने से बच गई यात्रियों की जान, ट्रेन की रफ्तार 110 किमी प्रति घंटा थी

झाबुआ/ थांदला रोड. जिले से गुजरने वाले दिल्ली-मुंबई डाउन ट्रेक पर रेल्वे क्रासिंग के फाटक को तोडते हुए ट्रक राजधानी एक्सप्रेस (12431) से जा टकराया। इससे ट्रक के परखच्चे उड़ गए और चालक की मौके पर मौत हो गई। वहीं टे्रन के दो कोच डिरेल हो गई। दुर्घटना के समय राजधानी एक्सपे्रस टे्रन की रफ्तार ११० किमी प्रति घंटा थी। ट्रेन ड्राइवर द्वारा पॉवर ब्रेक लगाने से बड़ा हादसा टल गया। गनीमत रही कि ट्रक दोनों कोच के बीच बने टॉयलेट से टकराया था। इसलिए किसी भी यात्री को चोट नहीं लगी। चलती टे्रन से तेज रफ्तार ट्रक के टकराने के बावजूद यात्रियों को किसी तरह की चोट नहीं आई। इसकी वजह ट्रक का दो कोच के बीच बने टॉयलेट से टकराना रहा। रेलवे की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है।
राजधानी एक्सप्रेस (12431) त्रिवेंद्रम से दिल्ली जा रही थी। इसमें कुल 428 यात्री सफर कर रहे थे। सुबह-सुबह का वक्त था और अधिकांश यात्री सो रहे थे तो कुछ चाय पीने की तैयारी कर रहे थे। तभी अचानक मेघनगर-थांदला के बीच रेलवे क्रासिंग पर सजेली फाटक को तोड़ते हुए रेत से भरा ट्रक टे्रन में जा घुसा। ट्रक जिस हिस्से में टकराया वह थर्ड एसी क्लास के कोच नंबर बी-7 और बी-8 के टॉयलेट बने हुए हैं। चूंकि यह हिस्सा पूरी तरह खाली था। इसलिए किसी यात्री को चोट नहीं लगी। हालांकि कोच की खिड़कियों के कांच जरूर टूटकर बिखर गए। इससे उसमें सवार यात्री दहशत में आ गए। पहले तो किसी को कुछ समझ नहीं आया। जब कुछ आगे जाकर ट्रेन रुकी और यात्रियों ने नीचे उतरकर देखा तो उन्होंने राहत की सांस ली।
दुर्घटना की जानकारी मिलते ही रेल प्रशासन मेडिकल राहत और दुर्घटना राहत गाड़ी के साथ रतलाम से रवाना हो गया। रतलाम रेल मंडल के वरिष्ठ मंडल प्रबंधक आरएन सुनकर के साथ झाबुआ कलेक्टर आशीष सक्सेना व एसपी महेशचंद जैन भी मौके पर पहुंचे। जो कोच ट्रैक से नीचे उतर गए थे। उनके यात्रियों को अतिरिक्त कोच बुलवाकर उसमें शिफ्ट किया। जो यात्री रतलाम जाने वाले थे।
उनके लिए वाहन की व्यवस्था कर सडक़ मार्ग से रवाना किया। इसके बाद ट्रक के मलबे को जेसीबी से हटाया। वहीं रेल्वे जेक के माध्यम से डिरेल कोच को फिर से टै्रक पर चढ़ाया।
इस दौरान राजधानी एक्सप्रेस को थांदला रोड स्टेशन पर रोका। स्थानीय प्रशासन ने यात्रियों के लिए नाश्ते की व्यवस्था की। करीब साढ़े 11 बजे टै्रक क्लियर होने के बाद मार्ग पर फिर से रेल यातायात शुरू कर दिया गया। इस दौरान मेघनगर-थांदला सडक़ मार्ग पर भी आवागमन बंद रहा।
अचानक हुए हादसे से यात्री घबरा गए, कोच में मच गया हाहाकार
हादसे के बाद करीब पांच घंटे तक दिल्ली-मुंबई रेल्वे टे्रक पर यातायात बाधित रहा। एक लोकल टे्रन निरस्त करना पड़ी। जबकि पांच टे्रन देरी से चली। घटना गुरुवार सुबह करीब 6.40 बजे की है। त्रिवेंद्रम से निजामुद्दीन जा रही राजधानी एक्सप्रेस जिस वक्त रतलाम-गोधरा सेक्शन पर मेघनगर से थांदला के बीच ग्राम सेजली में स्थित 61 नंबर फाटक से गुजर रही थी। इसी दौरान मेघनगर की ओर से आ रहा रेत से भरा ट्रक (जीजे 05 बीटी 7236 ) फाटक को तोड़ते हुए अपट्रैक से होते हुए सीधे टे्रन में जा घुसा। तेज आवाज के साथ ट्रक के परखच्चे उड़ गए। वहीं राजधानी एक्सप्रेस के दो कोच बी-7 और बी-8 टै्रक से नीचे उतर गए। इनमें यात्री सवार सहम गए।
समझ ही नहीं आया कि कैसे घुस आया ट्र्रक
हादसे के वक्त सजेली रेलवे फाटक नंबर 61 पर गेटकीपर वालसिंह दलिया डामोर ड्यूटी पर थे। उन्होंने कुछ देर पहले ही गेट बंद किया था। वालसिंह के मुताबिक जिस वक्त टे्रन गुजर रही थी, अचानक ट्रक आ गया। कुछ समझ पाता। इसके पहले तो फाटक को तोड़ता हुआ ट्रक टे्रन से टकरा गया। त्रिवेंद्रम से दिल्ली जा रहे यात्री सुरेश ने बताया साढ़े 6 बजे का वक्त था। हम लोगों को चाय पीने के लिए उठाया था। तभी तेज आवाज हुई। सभी लोग डर गए। पूरे कोच में हाहाकार मच गया। करीब 1 किमी दूर जाकर टे्रन रुकी। भगवान का शुक्र है कि किसी भी यात्री को कुछ नहीं हुआ। रेलवे प्रशासन ने स्थिति को अच्छे से हैंडल किया।
थर्ड एसी कोच के यात्रियों को सेकंड एसी कोच में शिफ्ट किया
रतलाम रेल मंडल के वरिष्ठ महाप्रबंधक आरएन सुनकर ने बताया कि ट्रक के टकराने की वजह से दो कोच टे्रक से नीचे उतर गए थे। चूंकि यात्रियों को उनके गंतव्य पर पहुंचाना था। इसलिए उन दो कोच के साथ ही पीछे लगे पांच अन्य थर्ड एसी कोच के 180 यात्रियों को आगे सेकंड एसी क्लास के कोच में शिफ्ट किया गया। गनीमत रही कि ट्रक दोनों कोच के बीच बने टॉयलेट से टकराया था। इसलिए किसी भी यात्री को चोट नहीं लगी। रेल्वे चिकित्सा दल के प्रमुख डॉ.दीपक ने बताया केवल एक यात्री के हाथ में कांच लगा था। इसका तत्काल उपचार कर दिया गया।
18 कोच, 3 हजार किमी से अधिक का सफर
सप्ताह में तीन दिन चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस में 18 कोच है। इसमें एक फस्र्टएसी, 5 सेकंड एसी और 9 थर्ड एसी के अलावा एक पैन्ट्री कार और 2 लगैज कम जनरेटर कोच शामिल है। यह टे्रन 3 हजार 149 किमी का सफर तय करती है और 17 स्टेशन पर रुकती है।

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