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१०वीं का नतीजा 58.46त्न, छात्राओं से आगे रहे छात्र

locationझाबुआPublished: May 15, 2019 10:21:59 pm

माशिमं : 2018 में परिणाम में 14 त्न का सुधार हुआ था, इस बार 3.6 5त्न घटा, जिले की प्रावीण्य सूची में थांदला के दो छात्र

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१०वीं का नतीजा 58.46त्न, छात्राओं से आगे रहे छात्र

झाबुआ. 10वीं का परीक्षा परिणाम पिछले साल की तुलना में बिगड़ गया। 2018 में जहां नतीजें में 14 प्रतिशत का सुधार आया था तो वहीं इस बार 3.65 फीसदी की कमी आ गई। कुल परीक्षा परिणाम 58.46 प्रतिशत रहा। 2018 में जिस तरह से परीक्षा परिणाम में अचानक उछाल आया था उससे लग रहा था कि इस बार आंकड़ा 65 प्रतिशत या उससे अधिक रहेगा, लेकिन इसका उलटा हुआ। इससे जिम्मेदार अधिकारी हैरत में पड़ गए। अब यह आकलन किया जा रहा है कि आखिर नतीजों में गिरावट कैसे आई। इस बार कुल 9 हजार 47 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। इनमें से 5 हजार 226 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए। छात्राओं की तुलना में छात्रों का परीक्षा परिणाम बेहतर रहा। 62 प्रतिशत छात्र और 58.48 प्रतिशत छात्राओं ने सफलता प्राप्त की।
ऐसे आया उतार-चढ़ाव
यदि बीते पांच सालों के परीक्षा परिणाम पर नजर डालें तो 10वीं के नतीजों में साल दर साल उतार-चढ़ाव आता गया। 2014 में जहां परिणाम 49.09 प्रतिशत रहा था तो 2015 में घटकर 45.8 6 फीसदी पर आ गया। इसी तरह 2016 में 6 5.30 फीसदी विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए। वहीं 2017 में फिर परिणाम में गिरावट आई। इस साल का परिणाम 48.20 प्रतिशत रहा। 2018 में एक दम से 14 प्रतिशत के सुधार के साथ परिणाम 62.11 प्रतिशत पर आ गया। इस साल फिर इसमें गिरावट आई है।
12वीं का परिणाम 74.54त्न, पिछले साल 68.87त्न विद्याथर््िायों को मिली थी सफलता
झाबुआ. वाणिज्य संकाय की छात्राओं की बदौलत इस बार 12वीं के परीक्षा परिणाम में 5.65 प्रतिशत का सुधार हुआ। कुल परीक्षा परिणाम 74.54 फीसदी रहा।
जबकि पिछले साल 68.86 फीसदी विद्यार्थी सफल हुए थे। दरअसल इस बार कॉमर्स संकाय में सर्वाधिक 88.09 प्रतिशत विद्यार्थी उत्त्तीर्ण हुए। इसमें भी छात्राओं की सफलता का आंकड़ा 94.63 प्रतिशत आया। इसकी बदौलत 12वीं का औसत परिणाम पिछले साल की तुलना में बेहतर रहा। इस साल परीक्षा में कुल 4 हजार 845 विद्यार्थी शामिल हुए थे। इनमें से 3 हजार 590 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए। 682 विद्यार्थी फेल हो गए तो 545 को पूरक आई।
विज्ञान संकाय में सबसे ज्यादा फेल हुए
विज्ञान संकाय में सबसे अधिक 405 विद्यार्थी फेल हो गए। कुल 4 हजार 845 में से 2242 विद्यार्थी विज्ञान संकाय के थे। यानी 46 .27 प्रतिशत। इनमें से 16 22 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए। तो वहीं 198 को पूरक आई। यदि विज्ञान संकाय का परिणाम कमजोर नहीं रहता तो सफलता का आंकड़ा और बढ़ जाता।
कारण जिसकी वजह से हुआ परिणाम में सुधार
विद्याथर््िायों की शैक्षणिक समस्याओं के समाधान के लिए विकासखंडवार समाधान ऑन द स्पॉटदल बनाए। हर दल में गणित, विज्ञान, अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान विषय के विशेषज्ञ शिक्षकों को शामिल किया। वहीं जिलास्तरीय समाधान ऑन कॉल दल भी गठित किए। इसके अलावा पिछले साल जिन स्कूलों का परीक्षा परिणाम 35 प्रतिशत या उससे कम रहा था उन्हें गोद दिया गया। जिससे परिणाम में सुधार हुआ।
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